मथुरा: रक्षाबंधन के पावन पर्व पर वृंदावन के केसी घाट पर साधू-संतों ने यमुना में आस्था की डुबकी लगाई. आचार्य विष्णुकांत शास्त्री के साथ बड़ी संख्या में विप्रों ने यमुना स्नान कर पूजा-अर्चना की. श्रावणी उपाकर्म के विशेष महत्व को देखते हुए गुरुवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु केसी घाट पहुंचे.
आचार्य विष्णुकांत शास्त्री ने बताया-
- श्रावणी पूर्व वैदिक काल से शरीर मन और इंद्रियों की पवित्रता का पुण्य पर्व माना जाता है.
- रक्षाबंधन पर श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाने वाला श्रावणी उपाकर्म ब्राह्मणों का सबसे बड़ा पर्व है.
- श्रावणी उपाकर्म विधि के माध्यम से विप्रों ने गोबर, गोमूत्र, प्राशन कर शरीर के अंतः करण को शुद्ध किया.
- श्रावणी पर्व पर हम सभी को पवित्रता के लिए गंगा स्नान करना चाहिए.
- श्रावणी पर्व को आत्मशुद्धि का पर्व भी माना जाता है.
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ब्राह्मण वर्ष भर अपने यजमान के लिए यज्ञ, पूजा, हवन करते हैं और वर्ष में श्रावणी पर्व के दिन ही वह अपने लिए पूजन हवन करते हैं. इस पूजन से उनसे जाने-अनजाने में हुए पापों के प्रायश्चित एवं भविष्य में पुण्य कर्म उनसे अधिकाधिक संपन्न हो, इसके लिए वह पूजन करते हैं.
आचार्य विष्णुकांत शास्त्री