लखनऊ: कम उम्र के कई युवा आज के समय में हार्टअटैक जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं. हार्टअटैक के कई कारण हैं. लेकिन, कोरोना ने बॉडी के ऑर्गन्स पर काफी बुरा प्रभाव (corona virus effect on body organs) डाला है. इसकी वजह से कई सांस संबंधी मरीज बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं.
लखनऊ लोहिया अस्पताल (Lucknow Lohia Hospital) के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. भुवंत तिवारी ने बताया कि कोरोना वायरस इंफ्लेमेटरी डिजीज है. इससे पूरे शरीर में इंफ्लेमेशन होता है. इससे सांस लेने में परेशानी होती है. हृदय की धमनी में भी इंफ्लेमेशन होता है. इसकी वजह से हार्टअटैक की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. कई युवाओं में हृदय की बीमारी के कोई रिस्क फैक्टर नहीं थे, लेकिन उन लोगों में हार्टअटैक देखने मिल रहा है. वर्तमान समय में युवाओं को हार्टअटैक आने का कारण कोविड भी हो सकता है.
कोरोना की जकड़ में आने के बाद (Youth are getting heart attack victims) युवाओं का हार्ट बेहद ही कमजोर हो गया है. वर्तमान में सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को हो रही है, जो कोरोना की पहली और दूसरी लहर में संक्रमित हुए थे. ऐसे लोग सीने में दर्द की शिकायत को लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. यहां तक कि जो लोग कोविड पॉजिटिव होने के बाद भी धूम्रपान और अत्यधिक नशे का सेवन करते हैं. उनको भी यह समस्या हो रही है.
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हार्टअटैक (Youth are getting heart attack victims) में लोगों को शुरुआती लक्षण के संकेत जैसे सांस फूलना, सीने में दर्द, अत्यधिक पसीना, चक्कर होते हैं. इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और समय पर इलाज ले लेना चाहिए. वहीं, महिलाओं को भी हार्टअटैक आ रहा है. इसके अलावा कम उम्र के युवा भी इसके शिकार हो रहे हैं. इसका प्रमुख कारण बिगड़ी हुई जीवनशैली है.
दिल के दौरे का इलाज से ज्यादा बचाव करना जरूरी होता है. दौरा पड़े ऐसा मौका आने से पहले डॉक्टर्स का सुझाव लें. ईसीजी, चेस्ट एक्स-रे, इकोकार्डियोग्राम, एंजियोग्राम, कार्डिएक सीटी या एमआरआई के जरिए रोगनिर्णय करना आज के समय में बहुत ही आसान है. सीने में जकड़न और बेचैनी, सांसों का तेजी से चलना, चक्कर के साथ पसीना आना, नब्ज कमजोर पड़ना और बेचैनी होने जैसी हार्टअटैक के प्रमुख लक्षण (Major symptoms of heart attack) होते हैं.