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अजय कुमार लल्लू को क्यों भूल नहीं पाएंगे कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता, पढ़ें पूरी खबर

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में करारी हार के बाद मंगलवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इस्तीफा दे दिया. वो अक्टूबर 2019 में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे. उन्होंने दो साल पांच महीने आठ दिन पार्टी के लिए जमकर संघर्ष किया.

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Published : Mar 16, 2022, 7:59 PM IST

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इस्तीफा दे दिया. प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अजय कुमार लल्लू के कार्यकाल को कार्यकर्ता उनके संघर्ष के लिए याद कर रहे हैं. इस दौरान अजय कुमार लल्लू ने कांग्रेस के लिए जमकर संघर्ष किया और कई बार जेल गए. उन पर दर्जनों मुकदमे भी दर्ज हुए. जब उन्होंने इस्तीफा दिया, तब पार्टी की हालत इतनी खस्ता है कि कार्यकर्ता इसके लिए भी अजय कुमार लल्लू को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

जानकारी देते कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी
7 अक्टूबर 2019 को कांग्रेस आलाकमान ने तमकुहीराज से विधायक अजय कुमार लल्लू को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी थी. अध्यक्ष के रूप में उन्होंने तकरीबन ढाई साल प्रदेश के कार्यकर्ताओं का साथ निभाया. अध्यक्ष बनने के बाद जब वो पहली बार अपनी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस कार्यालय जा रहे थे, तो उन्होंने सादगी की मिसाल पेश की थी. वो रोडवेज बस से तमकुहीराज से पॉलिटेक्निक चौराहे पर पहुंचे थे. यहां पर कार्यकर्ताओं ने उनका जमकर स्वागत किया था. कार्यकर्ताओं को भी यह महसूस हुआ था कि पहली बार जमीन से जुड़ा कोई नेता उनके साथ सीधे जुड़ गया है. इससे कांग्रेस की स्थिति मजबूत होगी. जब वो प्रदेश कार्यालय पहुंचे, तो अपने पहले भाषण में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा था कि नेता वही जिसका एक पैर रेल में दूसरा पैर जेल में हो. यह सिर्फ उनके भाषणों तक सीमित ही नहीं रहा.
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यूपी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू

उन्होंने अपने कार्यकाल में यह करके भी दिखाया. प्रदेश में जहां भी कोई घटना हुई, तो वो पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. ट्रेन से भी खूब यात्राएं की और इस कार्यकाल में वो कई बार जेल भी गए. इतना ही नहीं अध्यक्षीय कार्यकाल में उन पर चार दर्जन से ज्यादा मुकदमे भी दर्ज हुए. प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले उन पर 23 मुकदमे दर्ज थे. अब मुकदमों की संख्या 55 से भी ज्यादा हो गई है. उन्होंने आम लोगों के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर संघर्ष किया.

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यूपी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू
  • अक्टूबर 2019 में प्रदेश अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के समय प्रदेश में हुए उपचुनावों में विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभाएं, पदयात्रा, जनसंपर्क कार्यक्रमों में शामिल हुए. इस उपचुनाव में इससे पूर्व हुए उपचुनावों से सात प्रतिशत मत बढ़े. कांग्रेस प्रत्याशी दो जगहों पर दूसरे स्थान पर रहे.
  • प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से कांग्रेसियों में जोश भरा.
  • कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, मिर्जापुर, हाथरस, प्रयागराज, आजमगढ़ और लखीमपुर में बैठक, कार्यक्रमों और धरनों में शामिल हुए.
  • सैकड़ों विरोध प्रदर्शनों, धरनों और जूलूस में शामिल हुए.
  • वैश्विक कोरोना महामारी में रैपिड रिस्पॉन्स टीम, कांग्रेस के सिपाही टीम का गठन, विभिन्न राज्यों और जिलों में फंसे लोगों के लिए हेल्पलाइन नम्बर, लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जनपदों में लाॅकडाउन में जरूरतमंदों की मदद के लिए सांझी रसोई चलाई. प्रवासी मजदूरों के लिए बस चलाने के मामले में वो जेल भेजे गए.
  • पूरे प्रदेश में महापुरुषों की जयन्ती/पुण्यतिथि पर अस्पतालों में फल वितरण, संगोष्ठी, रक्तदान शिविर का आयोजन, संगठन को मजबूत बनाने के लिए बैठकें, बिजली विभाग के कर्मचारियों के संघर्ष में उनका साथ, भारत बचाओ महारैली को लेकर प्रचार-प्रसार किया.
  • प्रदेश में हुई विभिन्न अप्रिय घटनाओं को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं के 150 से अधिक प्रतिनिधि मंडल को घटनास्थल पर भेजा और पीड़ित को न्याय दिलाने की मांग की.
  • प्रदेश की विभिन्न जघन्य घटनाओं, केंद्र व प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों, दलितों, पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकों सहित पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने और पार्टी की नीतियों, आन्दोलनों को आमजन तक पहुंचाने के लिए सरकार को हर जनविरोधी, किसान विरोधी मुद्दे पर घेरा.

अजय कुमार लल्लू के संघर्ष का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उनके कार्यकाल में 50,000 कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई. 8,000 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए. प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए भी अजय कुमार लल्लू को खुद लगभग 28 दिनों तक लगातार सरकार ने जेल में डाल दिया था. अपने ऊपर लगाए गए फर्जी मुकदमों को लेकर उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखा था.

लगातार दो बार से विधायक रहे अजय कुमार लल्लू के लिए साल 2022 अच्छा नहीं रहा. इस बार के विधानसभा चुनाव में वो जीत नहीं पाए और उनकी विधायकी की चली गई. साथ ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति बद से बदतर हो गई. सिर्फ दो सीटें जीतने में ही पार्टी कामयाब हो पाई, जबकि 2017 में कांग्रेस सात सीटें जीतने में सफल हुई थी. इतना ही नहीं इस बार 399 सीटों पर लड़ी पार्टी का मत प्रतिशत 6.25 से गिरकर 2.33 फीसदी रह गया.
ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव परिणाम पर एक नजर

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के बारे में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी कहते हैं कि उनका कार्यकाल संघर्ष के लिए हमेशा कार्यकर्ताओं को याद रहेगा. जमीन पर पार्टी के लिए संघर्ष करना अजय कुमार लल्लू ने ही सिखाया. मुझे याद है कि जब वो पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र से प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस कार्यालय आए थे, तो रोडवेज बस से यात्रा की थी. इससे उनका जमीनी संघर्ष पता चलता है और उनकी सादगी का भी अंदाजा लगाया जा सकता है. यह अलग बात है कि उनके संघर्ष को जनता ने अहमियत नहीं दी. इससे विधानसभा चुनाव के नतीजे पार्टी के पक्ष में नहीं आए, लेकिन उन्होंने अन्याय के खिलाफ जमकर आवाज बुलंद की थी.
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लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इस्तीफा दे दिया. प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अजय कुमार लल्लू के कार्यकाल को कार्यकर्ता उनके संघर्ष के लिए याद कर रहे हैं. इस दौरान अजय कुमार लल्लू ने कांग्रेस के लिए जमकर संघर्ष किया और कई बार जेल गए. उन पर दर्जनों मुकदमे भी दर्ज हुए. जब उन्होंने इस्तीफा दिया, तब पार्टी की हालत इतनी खस्ता है कि कार्यकर्ता इसके लिए भी अजय कुमार लल्लू को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

जानकारी देते कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी
7 अक्टूबर 2019 को कांग्रेस आलाकमान ने तमकुहीराज से विधायक अजय कुमार लल्लू को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी थी. अध्यक्ष के रूप में उन्होंने तकरीबन ढाई साल प्रदेश के कार्यकर्ताओं का साथ निभाया. अध्यक्ष बनने के बाद जब वो पहली बार अपनी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस कार्यालय जा रहे थे, तो उन्होंने सादगी की मिसाल पेश की थी. वो रोडवेज बस से तमकुहीराज से पॉलिटेक्निक चौराहे पर पहुंचे थे. यहां पर कार्यकर्ताओं ने उनका जमकर स्वागत किया था. कार्यकर्ताओं को भी यह महसूस हुआ था कि पहली बार जमीन से जुड़ा कोई नेता उनके साथ सीधे जुड़ गया है. इससे कांग्रेस की स्थिति मजबूत होगी. जब वो प्रदेश कार्यालय पहुंचे, तो अपने पहले भाषण में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा था कि नेता वही जिसका एक पैर रेल में दूसरा पैर जेल में हो. यह सिर्फ उनके भाषणों तक सीमित ही नहीं रहा.
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यूपी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू

उन्होंने अपने कार्यकाल में यह करके भी दिखाया. प्रदेश में जहां भी कोई घटना हुई, तो वो पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. ट्रेन से भी खूब यात्राएं की और इस कार्यकाल में वो कई बार जेल भी गए. इतना ही नहीं अध्यक्षीय कार्यकाल में उन पर चार दर्जन से ज्यादा मुकदमे भी दर्ज हुए. प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले उन पर 23 मुकदमे दर्ज थे. अब मुकदमों की संख्या 55 से भी ज्यादा हो गई है. उन्होंने आम लोगों के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर संघर्ष किया.

etv bharat
यूपी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू
  • अक्टूबर 2019 में प्रदेश अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के समय प्रदेश में हुए उपचुनावों में विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभाएं, पदयात्रा, जनसंपर्क कार्यक्रमों में शामिल हुए. इस उपचुनाव में इससे पूर्व हुए उपचुनावों से सात प्रतिशत मत बढ़े. कांग्रेस प्रत्याशी दो जगहों पर दूसरे स्थान पर रहे.
  • प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से कांग्रेसियों में जोश भरा.
  • कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, मिर्जापुर, हाथरस, प्रयागराज, आजमगढ़ और लखीमपुर में बैठक, कार्यक्रमों और धरनों में शामिल हुए.
  • सैकड़ों विरोध प्रदर्शनों, धरनों और जूलूस में शामिल हुए.
  • वैश्विक कोरोना महामारी में रैपिड रिस्पॉन्स टीम, कांग्रेस के सिपाही टीम का गठन, विभिन्न राज्यों और जिलों में फंसे लोगों के लिए हेल्पलाइन नम्बर, लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जनपदों में लाॅकडाउन में जरूरतमंदों की मदद के लिए सांझी रसोई चलाई. प्रवासी मजदूरों के लिए बस चलाने के मामले में वो जेल भेजे गए.
  • पूरे प्रदेश में महापुरुषों की जयन्ती/पुण्यतिथि पर अस्पतालों में फल वितरण, संगोष्ठी, रक्तदान शिविर का आयोजन, संगठन को मजबूत बनाने के लिए बैठकें, बिजली विभाग के कर्मचारियों के संघर्ष में उनका साथ, भारत बचाओ महारैली को लेकर प्रचार-प्रसार किया.
  • प्रदेश में हुई विभिन्न अप्रिय घटनाओं को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं के 150 से अधिक प्रतिनिधि मंडल को घटनास्थल पर भेजा और पीड़ित को न्याय दिलाने की मांग की.
  • प्रदेश की विभिन्न जघन्य घटनाओं, केंद्र व प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों, दलितों, पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकों सहित पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने और पार्टी की नीतियों, आन्दोलनों को आमजन तक पहुंचाने के लिए सरकार को हर जनविरोधी, किसान विरोधी मुद्दे पर घेरा.

अजय कुमार लल्लू के संघर्ष का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उनके कार्यकाल में 50,000 कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई. 8,000 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए. प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए भी अजय कुमार लल्लू को खुद लगभग 28 दिनों तक लगातार सरकार ने जेल में डाल दिया था. अपने ऊपर लगाए गए फर्जी मुकदमों को लेकर उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखा था.

लगातार दो बार से विधायक रहे अजय कुमार लल्लू के लिए साल 2022 अच्छा नहीं रहा. इस बार के विधानसभा चुनाव में वो जीत नहीं पाए और उनकी विधायकी की चली गई. साथ ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति बद से बदतर हो गई. सिर्फ दो सीटें जीतने में ही पार्टी कामयाब हो पाई, जबकि 2017 में कांग्रेस सात सीटें जीतने में सफल हुई थी. इतना ही नहीं इस बार 399 सीटों पर लड़ी पार्टी का मत प्रतिशत 6.25 से गिरकर 2.33 फीसदी रह गया.
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पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के बारे में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी कहते हैं कि उनका कार्यकाल संघर्ष के लिए हमेशा कार्यकर्ताओं को याद रहेगा. जमीन पर पार्टी के लिए संघर्ष करना अजय कुमार लल्लू ने ही सिखाया. मुझे याद है कि जब वो पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र से प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस कार्यालय आए थे, तो रोडवेज बस से यात्रा की थी. इससे उनका जमीनी संघर्ष पता चलता है और उनकी सादगी का भी अंदाजा लगाया जा सकता है. यह अलग बात है कि उनके संघर्ष को जनता ने अहमियत नहीं दी. इससे विधानसभा चुनाव के नतीजे पार्टी के पक्ष में नहीं आए, लेकिन उन्होंने अन्याय के खिलाफ जमकर आवाज बुलंद की थी.
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