लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वैलनेस टूरिज्म से जोड़ने की तैयारी की जा रही है. उत्तर प्रदेश के पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा है कि वैलनेस टूरिज्म विश्व के विभिन्न देशों में अपनी अलग पहचान कायम रखने में सफल रहा है. अपने देश के कुछ राज्यों में भी इसकी शुरुआत हो चुकी है. उत्तर प्रदेश में विधिवत इसको संचालित किये जाने के लिए रूप रेखा तैयार कर ली गई है. पर्यटन मंत्री ने मंगलवार को लखनऊ के इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में वैलनेस टूरिज्म कॉन्क्लेव के शुभारम्भ पर लोगों को संबोधित किया.
यह कॉन्क्लेव विभिन्न सत्रों में शाम तक चला. इन सत्रों में वैलनेस टूरिज्म से जुड़े विशेषज्ञ ने अपने विचार साझा किये. इस दौरान मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सदा से ही ऋषि मुनियों व महापुरुषों की तपोस्थली भूमि रही है. उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश के प्रत्येक जनपद में वैलनेस टूरिज्म को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से पर्यटन, आयुष एवं वन विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वैलनेस टूरिज्म से पर्यटन व हेल्थ को बढ़ावा मिलेगा. मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि वैलनेस टूरिज्म का संबंध सिर्फ निरोग काया से नहीं है, बल्कि मनुष्य के सुख, समृद्धि एवं सामाजिक रूप से स्वस्थ व्यवहार से भी संबंधित है. इसके माध्यम से मानसिक तनाव को दूर किया जा सकता है. साथ ही शारीरिक फिटनेस, सौन्दर्य उपचार, स्वस्थ आहार एवं जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में भी वैलनेस टूरिज्म आज के दौर में अत्यंत उपयोगी साबित हो रहा है.
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इस अवसर पर आयुष एवं आयुर्वेद के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए गोरखपुर के विमल मोदी, झांसी वैद्यनाथ क्षेत्र के अभिनव गौड़ एवं लखनऊ जनपद के एससी शुक्ल को सम्मानित किया गया. राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आयुष विभाग दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि वैलनेस टूरिज्म की प्रदेश में एक नई शुरुआत की जा रही है. जिसका प्रदेशवासियों ने खुलेमन से स्वागत किया है.
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