लखनऊ : राजधानी में बुधवार दोपहर को मौसम अचानक बदल गया. करीब एक घंटे की बारिश ने गर्मी और तपिश से जूझ रहे लोगों को राहत दी. वहीं दूसरी ओर बारिश ने नगर निगम के दावों की भी पोल खोल दी. नगर निगम प्रशासन की तरफ से करोड़ों रुपए का बजट नाला-नाली की सफाई पर खर्च किया गया, लेकिन जरा सी बारिश से ही पुराने लखनऊ का एक बड़ा इलाका जलमग्न हो गया. घंटाघर के आस-पास सड़क पर पानी भर गया.
मौसम वैज्ञानिकों की ओर से पहले ही बुधवार को बारिश होने के आसार जताए गए थे. सुबह से ही बादल नजर आ रहे थे. बस बरसने का इंतजार था. ऐसे में दोपहर करीब 1:30 बजे के आसपास बारिश शुरू हुई. इस दौरान लखनऊ के 1090 चौराहे के आस-पास लोग बारिश का लुफ्त उठाते हुए भी नजर आये. पुराने लखनऊ के रहने वाले अब्बास रिजवी का कहना है कि नक्खास और उसके आस-पास के इलाकों से निकलना लोगों के लिए दूभर हो गया.
नालियों की सफाई ठीक से ना हो पाने के कारण काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि यह पहली बार नहीं है. पिछली बारिश के बाद भी नगर निगम के अधिकारियों और खुद महापौर ने जगह-जगह जाकर निरीक्षण किया था. जलभराव ना होने देने के दावे किए गए थे, लेकिन यह सभी दावे खोखले निकले हैं.
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यह दिए गए थे निर्देश : पूर्व में 30 जून को लखनऊ शहर में भारी बारिश हुई थी. जिसके बाद महापौर ने खुद शहर के अलग-अलग इलाकों का निरीक्षण कर दो दिन के भीतर विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए थे. इस दौरान सभी छोटे और बड़े नाले की सफाई की जानी थी. नालों की सफाई के दावे भी किये गये थे, लेकिन शहर के मौजूदा हालात कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं.
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