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युवक की करंट से मौत, शव को हाथों में ले जाने का वीडियो वायरल, जानिये क्या है सच्चाई - लखनऊ में वायरल वीडियो

राजधानी के सरोजनीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Sarojininagar Community Health Center) से शनिवार को युवक का शव हाथों में ले जाने का वीडियो वायरल हो गया. जिसके बाद हड़कंप मच गया.

वीडियो वायरल
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Published : Oct 1, 2022, 10:29 PM IST

Updated : Oct 1, 2022, 10:52 PM IST

लखनऊ : राजधानी के सरोजनीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Sarojininagar Community Health Center) से शनिवार को युवक का शव हाथों में ले जाने का वीडियो वायरल हो गया. जिसके बाद हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि पंखा लगाते वक्त युवक को करंट लग गया था. जिसके बाद परिजन युवक को लेकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे. जहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.


राजधानी के सरोजनीनगर थाना क्षेत्र स्थित चिल्लावां गांव का मूल निवासी बबलू सरिया मिल में मजदूरी करता था. बबलू के परिजनों के मुताबिक, शनिवार दोपहर बबलू अपने घर का पंखा लगा रहा था. अचानक करंट की चपेट में आने से बबलू नीचे गिर पड़ा. जिसके बाद घरवालों ने एम्बुलेंस काॅल सेंटर पर फोन किया. परिजनों ने बताया कि फोन पर जवाब मिला कि 10 मिनट में पहुंच रहे हैं. करीब एक घंटा बीत जाने पर भी एम्बुलेंस नहीं पहुंची. जिसके बाद बबलू के परिजन उसे आटो रिक्शे से लेकर सरोजनीनगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे. स्वास्थ्य केंद्र इमरजेंसी में तैनात डाॅ. विवेक ने मरीज को देखा और बताया कि मरीज की मौत हो चुकी है. संदिग्ध मौत की सूचना डाॅक्टर विवेक ने पुलिस को देने की बात मृतक के परिजनों को बताई. जिसके बाद परिजन एम्बुलेंस की मांग करने लगे, जब तक पुलिस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचती, परिजन अपनी मर्जी से मृतक का शव लेकर घर जाने लगे. इसी बीच रास्ते से गुजर रहे लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. हालांकि ईटीवी भारत वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया है.

वायरल वीडियो

मृतक के परिजनों ने एक घंटे बाद भी एम्बुलेंस के न पहुंचने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि एम्बुलेंस समय से पहुंच जाती तो बबलू की जान बचाई जा सकती थी. मृतक के परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ठीक से इलाज ना मिलने का भी आरोप लगाया है. फिलहाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सूचना पर सरोजनीनगर पुलिस मृतक के घर पहुंची और पोस्टमार्टम कराने के लिए कहा तो मृतक के परिजनों ने मना कर दिया.

  • उपमुख्यमंत्री की विफलता,
    नहीं मिल रहा इलाज,
    दांव पर जनता की जान।

    सरोजनी नगर के चिल्लावां गांव में युवक को समय पर नहीं मिली एंबुलेंस, चली गई जान।

    लाचार स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण कंधे पर ले जाना पड़ा शव, बेहद शर्मनाक।

    छापा मारने वाले कब नींद से जगेंगे? pic.twitter.com/m3vvlzoEz0

    — Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 1, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एसीपी कृष्णानगर अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सूचना पर सरोजिनीनगर पुलिस मृतक के घर पहुंची थी. वहां मृतक के परिजनों ने जिसमें पत्नी, भाई व अन्य परिजनों ने लिखित में दिया है कि वह पोस्टमार्टम नहीं करना चाहते हैं. जिसके बाद पुलिस ने सबकी सहमति से शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया है.


इमरजेंसी में तैनात डाॅ. विवेक ने बताया कि जब युवक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा तो रास्ते में ही इसकी मृत्यु हो गयी थी, लेकिन परिजन उसे लोकबन्धु हास्पिटल रिफर करने की बात कह रहे थे. संदिग्ध हालत में मौत को देखते हुए स्टाफ को सूचना देने के लिये थाने भेजा. परिजनों से पुलिस को सूचना देने की बात बताई इतने में परिजन शव को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से निकल गये.

यह भी पढ़ें : मेजर जनरल आलोक कक्कड़ ने एमयूपीएसए के जीओसी का कार्यभार संभाला

स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक अंशुमान श्रीवास्तव ने बताया कि नेचुरल डेथ होने पर वाहन की व्यवस्था कराकर शव को परिजनों के घर तक पहुंचाया जाता है, लेकिन इस तरह के केस में पुलिस को सूचना दी जाती है. लिखा पढ़ी की कार्यवाही के बाद पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजती है.

यह भी पढ़ें : वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे हुए, कमर्शल बिल्डिंग भी बनीं, एक महीने में सच आएगा सामने

लखनऊ : राजधानी के सरोजनीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Sarojininagar Community Health Center) से शनिवार को युवक का शव हाथों में ले जाने का वीडियो वायरल हो गया. जिसके बाद हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि पंखा लगाते वक्त युवक को करंट लग गया था. जिसके बाद परिजन युवक को लेकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे. जहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.


राजधानी के सरोजनीनगर थाना क्षेत्र स्थित चिल्लावां गांव का मूल निवासी बबलू सरिया मिल में मजदूरी करता था. बबलू के परिजनों के मुताबिक, शनिवार दोपहर बबलू अपने घर का पंखा लगा रहा था. अचानक करंट की चपेट में आने से बबलू नीचे गिर पड़ा. जिसके बाद घरवालों ने एम्बुलेंस काॅल सेंटर पर फोन किया. परिजनों ने बताया कि फोन पर जवाब मिला कि 10 मिनट में पहुंच रहे हैं. करीब एक घंटा बीत जाने पर भी एम्बुलेंस नहीं पहुंची. जिसके बाद बबलू के परिजन उसे आटो रिक्शे से लेकर सरोजनीनगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे. स्वास्थ्य केंद्र इमरजेंसी में तैनात डाॅ. विवेक ने मरीज को देखा और बताया कि मरीज की मौत हो चुकी है. संदिग्ध मौत की सूचना डाॅक्टर विवेक ने पुलिस को देने की बात मृतक के परिजनों को बताई. जिसके बाद परिजन एम्बुलेंस की मांग करने लगे, जब तक पुलिस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचती, परिजन अपनी मर्जी से मृतक का शव लेकर घर जाने लगे. इसी बीच रास्ते से गुजर रहे लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. हालांकि ईटीवी भारत वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया है.

वायरल वीडियो

मृतक के परिजनों ने एक घंटे बाद भी एम्बुलेंस के न पहुंचने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि एम्बुलेंस समय से पहुंच जाती तो बबलू की जान बचाई जा सकती थी. मृतक के परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ठीक से इलाज ना मिलने का भी आरोप लगाया है. फिलहाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सूचना पर सरोजनीनगर पुलिस मृतक के घर पहुंची और पोस्टमार्टम कराने के लिए कहा तो मृतक के परिजनों ने मना कर दिया.

  • उपमुख्यमंत्री की विफलता,
    नहीं मिल रहा इलाज,
    दांव पर जनता की जान।

    सरोजनी नगर के चिल्लावां गांव में युवक को समय पर नहीं मिली एंबुलेंस, चली गई जान।

    लाचार स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण कंधे पर ले जाना पड़ा शव, बेहद शर्मनाक।

    छापा मारने वाले कब नींद से जगेंगे? pic.twitter.com/m3vvlzoEz0

    — Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 1, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एसीपी कृष्णानगर अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सूचना पर सरोजिनीनगर पुलिस मृतक के घर पहुंची थी. वहां मृतक के परिजनों ने जिसमें पत्नी, भाई व अन्य परिजनों ने लिखित में दिया है कि वह पोस्टमार्टम नहीं करना चाहते हैं. जिसके बाद पुलिस ने सबकी सहमति से शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया है.


इमरजेंसी में तैनात डाॅ. विवेक ने बताया कि जब युवक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा तो रास्ते में ही इसकी मृत्यु हो गयी थी, लेकिन परिजन उसे लोकबन्धु हास्पिटल रिफर करने की बात कह रहे थे. संदिग्ध हालत में मौत को देखते हुए स्टाफ को सूचना देने के लिये थाने भेजा. परिजनों से पुलिस को सूचना देने की बात बताई इतने में परिजन शव को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से निकल गये.

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स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक अंशुमान श्रीवास्तव ने बताया कि नेचुरल डेथ होने पर वाहन की व्यवस्था कराकर शव को परिजनों के घर तक पहुंचाया जाता है, लेकिन इस तरह के केस में पुलिस को सूचना दी जाती है. लिखा पढ़ी की कार्यवाही के बाद पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजती है.

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Last Updated : Oct 1, 2022, 10:52 PM IST
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