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अखिलेश के करीबी पूर्व विधायक दीपनारायण ने जुटाई काली कमाई, विजिलेंस ने दर्ज की FIR

यूपी विजिलेंस झांसी यूनिट ने पूर्व विधायक दीपनारायण (Former MLA Deepnarayan) को भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए FIR दर्ज की है.

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सपा के पूर्व विधायक दीपनारायण पर FIR
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Published : Aug 1, 2022, 6:59 AM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी और झांसी की गरौठा सीट से दो बार विधायक रह चुके सपा नेता दीपनारायण सिंह यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं. आय से अधिक संपत्ति जुटाने के मामले में पूर्व विधायक दीपनारायण (FIR on former MLA deepnarayan) के खिलाफ यूपी सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने FIR दर्ज कराई है.

पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह (Former MLA Deepnarayan) पर आरोप है कि उन्होंने विधायक रहते हुए काली कमाई अर्जित की थी. दीपनारायण सपा से दो बार विधायक और मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. यूपी विजिलेंस झांसी यूनिट (UP Vigilance Jhansi Unit) के इंस्पेक्टर शंभु तिवारी के मुताबिक, दीप नारायण सिंह यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच चल रही थी. जांच रिपोर्ट में पाया गया कि दीपनारायण यादव ने लोक सेवक रहते हुए वैध श्रोतों से 14 करोड़ 30 लाख 31 हजार 444 रुपये की आय अर्जित की थी. लेकिन, जांच में सामने आया कि उन्होंने आय से ढाई गुना अधिक 37 करोड़ 32 लाख 55 हजार 884 रुपये खर्च किए जो वैध कमाई से 23 करोड़ 2 लाख 24 हजार 400 रुपये ज्यादा हैं.

विजिलेंस के इंस्पेक्टर शंभु तिवारी की पूछताछ में सपा नेता दीप नारायण सिंह यादव कोई जवाब भी नहीं दे पाए. जांच में दीप नारायण को आरोपी मानते हुए भृष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 13 (1) बी और 13 (2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि मामले में अब आगे की जांच यूपी विजिलेंस की कानपुर सेक्टर यूनिट करेगी.

यह भी पढ़ें: सत्ता के लिए झूठ फरेब की राजनीति करती है भाजपा: अखिलेश यादव


अवैध खनन कर अर्जित की थी काली कमाई: झांसी के गरौठा से दो बार सपा से विधायक रहे दीपनारायण सिंह यादव के खिलाफ साल 2006 से 2016 के बीच खनन के जरिए अवैध संपत्ति जुटाने के आरोप लगे थे. इसकी शिकायत के बाद अप्रैल 2021 में शासन की संस्तुति पर विजलिंस ने जांच शुरू की थी. विजिलेंस ने पूर्व विधायक के फ्यूचर टैंक हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड, बीडी बिल्डर एसोसिएट, मोना कंस्ट्रक्शन ग्रेनाइट, एसआर रेजीडेंसी प्राइवेट लिमिटेड, मून सिटी स्केप बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड, रामदेवी प्राइवेट लिमिटेड, रामादेवी एजुकेशनल फाउंडेशन ट्रस्ट जरहा खुर्द मोंठ, डीएसएस रियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड जरहा खुर्द, टीकाराम यादव स्मृति महाविद्यालय मोंठ, टीकाराम विधि महाविद्यालय मोंठ, डॉ. राममनोहर लोहिया आईटीआई कॉलेज जरहा खुर्द, रामादेवी इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, डीएनए प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स मां पीतांबरा प्राइवेट लिमिटेड समेत अन्य कई अचल संपत्तियों को जांच के दायरे में रखा था.

दीपनारायण सिंह यादव की राजनीतिक शुरुआत छात्र नेता के रूप में सन् 1986 से हुई थी. उसके बाद साल 1991 में समाजवादी युवजन सभा जिला अध्यक्ष, 1993 से 1998 तक झांसी जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष रहे थे. साल 1998 को मध्यप्रदेश की निवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले दीपनारायण 2007 और 2012 के विधान सभा चुनाव में गरौठा सीट पर सपा से विधायक चुने गए थे. दीपनारायण मध्यप्रदेश के सपा प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके है.

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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी और झांसी की गरौठा सीट से दो बार विधायक रह चुके सपा नेता दीपनारायण सिंह यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं. आय से अधिक संपत्ति जुटाने के मामले में पूर्व विधायक दीपनारायण (FIR on former MLA deepnarayan) के खिलाफ यूपी सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने FIR दर्ज कराई है.

पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह (Former MLA Deepnarayan) पर आरोप है कि उन्होंने विधायक रहते हुए काली कमाई अर्जित की थी. दीपनारायण सपा से दो बार विधायक और मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. यूपी विजिलेंस झांसी यूनिट (UP Vigilance Jhansi Unit) के इंस्पेक्टर शंभु तिवारी के मुताबिक, दीप नारायण सिंह यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच चल रही थी. जांच रिपोर्ट में पाया गया कि दीपनारायण यादव ने लोक सेवक रहते हुए वैध श्रोतों से 14 करोड़ 30 लाख 31 हजार 444 रुपये की आय अर्जित की थी. लेकिन, जांच में सामने आया कि उन्होंने आय से ढाई गुना अधिक 37 करोड़ 32 लाख 55 हजार 884 रुपये खर्च किए जो वैध कमाई से 23 करोड़ 2 लाख 24 हजार 400 रुपये ज्यादा हैं.

विजिलेंस के इंस्पेक्टर शंभु तिवारी की पूछताछ में सपा नेता दीप नारायण सिंह यादव कोई जवाब भी नहीं दे पाए. जांच में दीप नारायण को आरोपी मानते हुए भृष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 13 (1) बी और 13 (2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि मामले में अब आगे की जांच यूपी विजिलेंस की कानपुर सेक्टर यूनिट करेगी.

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अवैध खनन कर अर्जित की थी काली कमाई: झांसी के गरौठा से दो बार सपा से विधायक रहे दीपनारायण सिंह यादव के खिलाफ साल 2006 से 2016 के बीच खनन के जरिए अवैध संपत्ति जुटाने के आरोप लगे थे. इसकी शिकायत के बाद अप्रैल 2021 में शासन की संस्तुति पर विजलिंस ने जांच शुरू की थी. विजिलेंस ने पूर्व विधायक के फ्यूचर टैंक हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड, बीडी बिल्डर एसोसिएट, मोना कंस्ट्रक्शन ग्रेनाइट, एसआर रेजीडेंसी प्राइवेट लिमिटेड, मून सिटी स्केप बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड, रामदेवी प्राइवेट लिमिटेड, रामादेवी एजुकेशनल फाउंडेशन ट्रस्ट जरहा खुर्द मोंठ, डीएसएस रियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड जरहा खुर्द, टीकाराम यादव स्मृति महाविद्यालय मोंठ, टीकाराम विधि महाविद्यालय मोंठ, डॉ. राममनोहर लोहिया आईटीआई कॉलेज जरहा खुर्द, रामादेवी इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, डीएनए प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स मां पीतांबरा प्राइवेट लिमिटेड समेत अन्य कई अचल संपत्तियों को जांच के दायरे में रखा था.

दीपनारायण सिंह यादव की राजनीतिक शुरुआत छात्र नेता के रूप में सन् 1986 से हुई थी. उसके बाद साल 1991 में समाजवादी युवजन सभा जिला अध्यक्ष, 1993 से 1998 तक झांसी जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष रहे थे. साल 1998 को मध्यप्रदेश की निवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले दीपनारायण 2007 और 2012 के विधान सभा चुनाव में गरौठा सीट पर सपा से विधायक चुने गए थे. दीपनारायण मध्यप्रदेश के सपा प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके है.

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