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आयुर्वेद से शरीर के जटिल से जटिल रोग हो सकते हैं समाप्त: केके ठकराल

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की तरफ से राजधानी लखनऊ में भगवान धन्वंतरि की जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा संस्थान के पूर्व निदेशक केके ठकराल ने कहा कि आयुर्वेद के माध्यम से शरीर के जटिल से जटिल रोगों को समाप्त किया जा सकता है.

uttar pradesh sanskrit sansthan organized program on dhanteras in lucknow
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा कार्यक्रम का आयोजन.
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Published : Nov 14, 2020, 12:08 AM IST

लखनऊ: भगवान धन्वंतरि जयंती के मौके पर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर भगवान धन्वंतरि और आयुर्वेद के विषय में चर्चा की गई. इस मौके पर आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं संस्थान के पूर्व निदेशक केके ठकराल ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मनुष्य को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर जोर देना होगा. इसके लिए आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए.

योग चिकित्सा ही समस्त रोगों के निवारण का सबसे सस्ता और सुलभ तरीका
धन्वंतरि जयंती को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर शहर के कई जगहों पर नि:शुल्क आयुर्वेदिक शिविर लगाए गए तो कई जगह लोगों को जागरूक किया गया. कार्यक्रम में आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा संस्थान के पूर्व निदेशक केके ठकराल ने वर्तमान आपदा को देखते हुए योग शिक्षा के माध्यम से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि आयुर्वेद एक ऐसा माध्यम है, जिससे शरीर के जटिल से जटिल रोगों को समाप्त किया जा सकता है.

कार्यक्रम में संस्थान के अध्यक्ष वाचस्पति मिश्र ने मानव जाति को जटिल रोगों से लड़ने, उन्हें नियंत्रित करने एवं उनसे बचने के लिए आयुर्वेद के प्रयोग पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि इन जड़ी-बूटियों से मानव की ज्ञानेंद्रियों में किसी तरह का व्यवधान पैदा नहीं होता है.

लखनऊ: भगवान धन्वंतरि जयंती के मौके पर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर भगवान धन्वंतरि और आयुर्वेद के विषय में चर्चा की गई. इस मौके पर आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं संस्थान के पूर्व निदेशक केके ठकराल ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मनुष्य को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर जोर देना होगा. इसके लिए आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए.

योग चिकित्सा ही समस्त रोगों के निवारण का सबसे सस्ता और सुलभ तरीका
धन्वंतरि जयंती को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर शहर के कई जगहों पर नि:शुल्क आयुर्वेदिक शिविर लगाए गए तो कई जगह लोगों को जागरूक किया गया. कार्यक्रम में आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा संस्थान के पूर्व निदेशक केके ठकराल ने वर्तमान आपदा को देखते हुए योग शिक्षा के माध्यम से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि आयुर्वेद एक ऐसा माध्यम है, जिससे शरीर के जटिल से जटिल रोगों को समाप्त किया जा सकता है.

कार्यक्रम में संस्थान के अध्यक्ष वाचस्पति मिश्र ने मानव जाति को जटिल रोगों से लड़ने, उन्हें नियंत्रित करने एवं उनसे बचने के लिए आयुर्वेद के प्रयोग पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि इन जड़ी-बूटियों से मानव की ज्ञानेंद्रियों में किसी तरह का व्यवधान पैदा नहीं होता है.

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