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यूपी में कांवड़ यात्रा रद्द, कांवड़ संघों और सरकार के बीच बातचीत के बाद फैसला

उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने कोरोना के चलते कांवड़ यात्रा (kanvad yatra) को रद्द (canceled) कर दिया है. उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा निकाले जाने के मामले का सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्वत संज्ञान लिया था.

यूपी में कांवड़ यात्रा रद्द
यूपी में कांवड़ यात्रा रद्द
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Published : Jul 17, 2021, 10:36 PM IST

Updated : Jul 18, 2021, 7:25 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोविड-19 की तीसरी लहर (third wave of covid-19) के खतरे को देखते हुए इस बार भी कांवड़ यात्रा (Kanvad yatra) नहीं निकाली जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार की अपील पर कांवड़ संघों ने इस वर्ष कावड़ यात्रा को रद्द (Kanvad yatra canceled) कर दिया है.

आपको बता दें कि, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath government of Uttar Pradesh) ने कांवड़ यात्रा (Kanvad yatra) कराने का फैसला लिया था. सरकार के स्तर पर कांवड़ यात्रा निकाले जाने की पूरी तैयारी की जा रही थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कांवड़ यात्रा निकाले जाने को लेकर शासन स्तर पर दो बार बैठक करके समय से तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए थे. उधर, उत्तराखंड सरकार ने कोरोना के खतरे को देखते हुए अपने यहां कांवड यात्रा पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा निकाले जाने के मामले का स्वत संज्ञान लिया था. कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 19 जुलाई तक कांवड़ यात्रा को लेकर जवाब दाखिल करने को कहा था. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा था.

कोर्ट ने कहा था कि एक बात पूरी तरह से साफ है कि हम कोविड-19 के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा में लोगों की 100 फीसदी उपस्थिति के साथ आयोजित करने की इजाजत नहीं दे सकते. हम सभी भारत के नागरिक हैं. यह स्वत: संज्ञान मामला इसलिए लिया गया है, क्योंकि अनुच्छेद 21 हम सभी पर लागू होता है. यह हम सभी की सुरक्षा के लिए है.

जिसके बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा कि राज्यों को कोविड-19 को ध्यान रखते हुए यात्रा नहीं निकालनी चाहिए. इसके बाद राज्य सरकार ने कांवड़ संघों से बात करना शुरू किया. अब कांवड संघों की सहमति मिल गई है. अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि कांवड़ संघों में यात्रा स्थगित करने का फैसला लिया है. इसलिए इस बार कावड़ यात्रा नहीं निकाली जाएगी.

उधर, कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कांवड़ संघों से अपील की है कि वह इस बार कांवड़ यात्रा पर नहीं निकालें. परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि तथा महामंत्री हरिगिरि ने कहा कि कांवड़िये सांकेतिक तौर पर यह आयोजन करें. वह घर के आसपास शिवालयों में जलाभिषेक कर सकते हैं. कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना को देखते हुए कांवड़ यात्रा स्थगित करना ही ठीक है. शिव भक्तों से निवेदन है कि आप अपने गांव के शिवालयों में गंगाजल का अभिषेक करें या फिर अपने घरों में शिवलिंग की स्थापना करके गंगाजल का अभिषेक करें.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोविड-19 की तीसरी लहर (third wave of covid-19) के खतरे को देखते हुए इस बार भी कांवड़ यात्रा (Kanvad yatra) नहीं निकाली जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार की अपील पर कांवड़ संघों ने इस वर्ष कावड़ यात्रा को रद्द (Kanvad yatra canceled) कर दिया है.

आपको बता दें कि, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath government of Uttar Pradesh) ने कांवड़ यात्रा (Kanvad yatra) कराने का फैसला लिया था. सरकार के स्तर पर कांवड़ यात्रा निकाले जाने की पूरी तैयारी की जा रही थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कांवड़ यात्रा निकाले जाने को लेकर शासन स्तर पर दो बार बैठक करके समय से तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए थे. उधर, उत्तराखंड सरकार ने कोरोना के खतरे को देखते हुए अपने यहां कांवड यात्रा पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा निकाले जाने के मामले का स्वत संज्ञान लिया था. कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 19 जुलाई तक कांवड़ यात्रा को लेकर जवाब दाखिल करने को कहा था. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा था.

कोर्ट ने कहा था कि एक बात पूरी तरह से साफ है कि हम कोविड-19 के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा में लोगों की 100 फीसदी उपस्थिति के साथ आयोजित करने की इजाजत नहीं दे सकते. हम सभी भारत के नागरिक हैं. यह स्वत: संज्ञान मामला इसलिए लिया गया है, क्योंकि अनुच्छेद 21 हम सभी पर लागू होता है. यह हम सभी की सुरक्षा के लिए है.

जिसके बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा कि राज्यों को कोविड-19 को ध्यान रखते हुए यात्रा नहीं निकालनी चाहिए. इसके बाद राज्य सरकार ने कांवड़ संघों से बात करना शुरू किया. अब कांवड संघों की सहमति मिल गई है. अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि कांवड़ संघों में यात्रा स्थगित करने का फैसला लिया है. इसलिए इस बार कावड़ यात्रा नहीं निकाली जाएगी.

उधर, कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कांवड़ संघों से अपील की है कि वह इस बार कांवड़ यात्रा पर नहीं निकालें. परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि तथा महामंत्री हरिगिरि ने कहा कि कांवड़िये सांकेतिक तौर पर यह आयोजन करें. वह घर के आसपास शिवालयों में जलाभिषेक कर सकते हैं. कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना को देखते हुए कांवड़ यात्रा स्थगित करना ही ठीक है. शिव भक्तों से निवेदन है कि आप अपने गांव के शिवालयों में गंगाजल का अभिषेक करें या फिर अपने घरों में शिवलिंग की स्थापना करके गंगाजल का अभिषेक करें.

Last Updated : Jul 18, 2021, 7:25 AM IST
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