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यूपीपीसीएल चेयरमैन की बड़ी कार्रवाई, तीन अधिकारी घोटाले के आरोप में बर्खास्त, करोड़ों की वसूली का नोटिस

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी लागू है. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन का सिलसिला भी बदस्तूर जारी है.

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Published : Jul 11, 2022, 10:41 PM IST

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यूपीपीसीएल चेयरमैन की बड़ी कार्रवाई

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी लागू है. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन का सिलसिला भी बदस्तूर जारी है. ग्रेटर नोए़डा में अस्थाई बिजली कनेक्शन घोटाला (temporary electricity connection scam) मामले में पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने एक अधिशासी अभियंता, एक उपखंड अधिकारी के साथ ही एक अवर अभियंता को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. इनके अलावा 13 कर्मचारियों को भारी दंड के साथ एक कर्मचारी को भी दंडित किया है.

चेयरमैन एम. देवराज ने अस्थाई कनेक्शन घोटाले में सोमवार को बड़ी और काफी कड़ी कार्रवाई की है. बर्खास्त किए गए अधिशासी अभियंता प्रभात कुमार सिंह पर ग्रेटर नोएडा में तैनाती के दौरान अस्थाई कनेक्शन जारी करने में लापरवाही, मनमाने ढंग से फैसले लेने के कारण, अपने कर्तव्यों व दायित्वों का निर्वाह न किए जाने का दोषी पाया गया. जांच समिति की आख्या पर सेवा से बर्खास्त करने की कार्रवाई की गई. अधिशासी अभियंता प्रभात से 34 लाख 69 हजार 308 रुपये की वसूली का आदेश भी दिया गया है.

इसे भी पढ़ेंः एमएसपी गारंटी कानून लागू नहीं हुआ तो किसान फिर से करेंगे आंदोलनः राकेश टिकैत

इसके अलावा ग्रेटर नोएडा के तत्कालीन उपखंड अधिकारी चंद्रवीर और तत्कालीन अवर अभियंता विशाल शर्मा के खिलाफ सबसे अधिक शिकायतें मिलीं, जो जांच में सही पाई गईं. इन अधिकारियों ने एक निजी मोबाइल कंपनी समेत कई बड़ी कंपनियों और फर्मों को अस्थाई कनेक्शन देने में लारवाही बरती. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने उपखंड अधिकारी से 26 लाख 98 हजार 909 रुपये और अवर अभियंता से 23 लाख 17 हजार 508 रुपये की वसूली का आदेश जारी किया है.

यूपीपीसीएल के चेयरमैन एम. देवराज की तरफ से 13 कार्मिकों को बड़ा दंड दिया गया है. स्थाई रूप से इन सभी की वेतन वृद्धि रोक दी गई है. कम दंड पाने वाले कर्मचारी की अस्थाई रूप से वेतन वृद्धि रोकी गई है. इन कर्मचारियों में अधिशासी अभियंता राकेश मोहन और संजय कुमार की एक वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, सहायक अभियंता पंकज कुमार राठौर की दो वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, उपखंड अधिकारी प्रेम शंकर शर्मा की चार वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, उपखंड अधिकारी शिव कुमार की दो वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, उप खंड अधिकारी होपेंद्र कुमार तथा सहायक अभियंता संजुल कुमार की एक वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है.

इनके अलावा सहायक अभियंता नरेंद्र कुमार व अवर अभियंता साजिद अहमद की एक वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, अवर अभियंता जय सिंह वर्मा, महेश कुमार की तीन वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, अवर अभियंता बृज किशोर राय, डालचंद्, राजकुमार और अरविंद की एक वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई है. अवर अभियंता सुभाष गौतम की तीन वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, अवर अभियंता नीरज गुप्ता की एक वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी लागू है. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन का सिलसिला भी बदस्तूर जारी है. ग्रेटर नोए़डा में अस्थाई बिजली कनेक्शन घोटाला (temporary electricity connection scam) मामले में पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने एक अधिशासी अभियंता, एक उपखंड अधिकारी के साथ ही एक अवर अभियंता को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. इनके अलावा 13 कर्मचारियों को भारी दंड के साथ एक कर्मचारी को भी दंडित किया है.

चेयरमैन एम. देवराज ने अस्थाई कनेक्शन घोटाले में सोमवार को बड़ी और काफी कड़ी कार्रवाई की है. बर्खास्त किए गए अधिशासी अभियंता प्रभात कुमार सिंह पर ग्रेटर नोएडा में तैनाती के दौरान अस्थाई कनेक्शन जारी करने में लापरवाही, मनमाने ढंग से फैसले लेने के कारण, अपने कर्तव्यों व दायित्वों का निर्वाह न किए जाने का दोषी पाया गया. जांच समिति की आख्या पर सेवा से बर्खास्त करने की कार्रवाई की गई. अधिशासी अभियंता प्रभात से 34 लाख 69 हजार 308 रुपये की वसूली का आदेश भी दिया गया है.

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इसके अलावा ग्रेटर नोएडा के तत्कालीन उपखंड अधिकारी चंद्रवीर और तत्कालीन अवर अभियंता विशाल शर्मा के खिलाफ सबसे अधिक शिकायतें मिलीं, जो जांच में सही पाई गईं. इन अधिकारियों ने एक निजी मोबाइल कंपनी समेत कई बड़ी कंपनियों और फर्मों को अस्थाई कनेक्शन देने में लारवाही बरती. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने उपखंड अधिकारी से 26 लाख 98 हजार 909 रुपये और अवर अभियंता से 23 लाख 17 हजार 508 रुपये की वसूली का आदेश जारी किया है.

यूपीपीसीएल के चेयरमैन एम. देवराज की तरफ से 13 कार्मिकों को बड़ा दंड दिया गया है. स्थाई रूप से इन सभी की वेतन वृद्धि रोक दी गई है. कम दंड पाने वाले कर्मचारी की अस्थाई रूप से वेतन वृद्धि रोकी गई है. इन कर्मचारियों में अधिशासी अभियंता राकेश मोहन और संजय कुमार की एक वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, सहायक अभियंता पंकज कुमार राठौर की दो वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, उपखंड अधिकारी प्रेम शंकर शर्मा की चार वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, उपखंड अधिकारी शिव कुमार की दो वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, उप खंड अधिकारी होपेंद्र कुमार तथा सहायक अभियंता संजुल कुमार की एक वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है.

इनके अलावा सहायक अभियंता नरेंद्र कुमार व अवर अभियंता साजिद अहमद की एक वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, अवर अभियंता जय सिंह वर्मा, महेश कुमार की तीन वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, अवर अभियंता बृज किशोर राय, डालचंद्, राजकुमार और अरविंद की एक वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई है. अवर अभियंता सुभाष गौतम की तीन वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, अवर अभियंता नीरज गुप्ता की एक वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है.

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