लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदन में शुक्रवार को प्रदेश में किसानों के निरस्त हुए राशन कार्ड तथा किसानों के नाम से जिला सहकारी बैंक में खाता खोलकर धान और गेंहू खरीद के पैसे जमा कराने के नाम पर हुए घोटाले को लेकर जमकर हंगामा हुआ.
इसी के साथ सदन में 69 हजार शिक्षक भर्ती में पिछड़े वर्ग व अनुसूचित जाति के अभ्यथियों की भर्ती में आरक्षण नीति के उल्लंघन और मंहगाई का मुद्दा मुख्य रूप में गूंजा. किसानों के शोषण और आरक्षण नीति के उल्लंघन का मामला समाजवादी पार्टी ने उठाया और सरकार के जवाब से असंतुष्ट होने के कारण सदन से वाकआउट किया. शुक्रवार को प्रश्न प्रहर शांतिपूर्वक चला.
सदन में आठ विधेयकों समेत वित्तीय वर्ष 2021-22 का द्वितीय अनुपूरक बजट और लेखानुदान ध्वनिमत से पास हो गये. सभापति ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया. कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह के प्रदेश में अधिक समय तक धारा 144 लगाये जाने के सवाल पर जवाब में सरकार ने कहा कि धारा 144 केवल अपराध नियंत्रण के लिए ही नहीं लगायी जाती, बल्कि भीड़ नियंत्रित करने के लिए भी लगायी जाती है.
ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने पूछा कि सिद्धार्थनगर में दो वर्षों में प्राइमरी के 23 शिक्षकों को निलम्बित किया गया था. इसमें से नौ को बहाल कर दिया गया, लेकिन अन्य पर भी एक जैसे ही आरोप थे लेकिन उन्हें बहाल नहीं किया गया. मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी के जवाब के बाद सदस्य ने कहा कि बहाली में अधिकारी ने मनमानी की है.
इस पर सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि अगर सब लोगों पर एक जैसे ही आरोप हैं, तो अन्य शिक्षकों को भी बहाल करें. शतरूद्र प्रकाश ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के स्वास्थ्य की जानकारी सदन को उपलब्ध करा दी जाए. हम सभी उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं.
शून्य प्रहर में समाजवादी पार्टी के डॉ. राजपाल कश्यप, वासुदेव यादव, राम सुन्दर दास निषाद, लाल बिहारी यादव, राजेश यादव, डॉ. मान सिंह यादव, आशुतोष सिन्हा ने सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा वर्ष 2019 में हुई शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण नीति के उल्लंघन का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया.
डॉ. कश्यप ने कहा कि यह सरकार पिछड़े वर्ग और दलितों की विरोधी है. भर्ती में भ्रष्टाचार हुआ है. आरक्षण घोटाला हो रहा है. कुछ देर तक सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोक-झोंक भी हुई. सपा सदस्य सदन से वाक आउट कर गये.
नेता सदन एवं उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि तिलक, तराजू और तलवार की बात करने वाले अब समाज के उस वर्ग की चिंता कर रहे हैं, जिनका ध्यान हमारी सरकार रख रही है. लगता है कि उनका जनाधार खिसक गया है. इस बात पर बसपा के सभी सदस्यों ने विरोध किया. श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने सदन को तथ्यों की जानकारी दी.
ये विधेयक हुए पारित
प्रमुख सचिव डा राजेश सिंह ने विधेयकों को सदन के पटल पर रखा.
- उत्तर प्रदेश विनियोग (2021-2022 का द्वितीय अनुपूरक) विधेयक, 2021
- उत्तर प्रदेश विनियोग (लेखानुदान) विधेयक, 2021
- उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2021
- उत्तर प्रदेश औद्योगिक शान्ति (मजदूरी का यथासमय संदाय) (संशोधन) विधेयक, 2021
- उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक, 2021
- उत्तर प्रदेश राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021
- उत्तर प्रदेश गन्ना (पूर्ति तथा खरीद विनियमन) (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2021
- उत्तर प्रदेश शीरा नियंत्रण (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2021
- उत्तर प्रदेश (चतुर्थ) निरसन विधेयक, 2021
- उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक, 2021
विधेयक ध्वनिमत से पारित हुए. इसके बाद सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.
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