लखनऊ: यूपीटीईटी पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने मुख्य आरोपी डॉ. संतोष कुमार चौरसिया को लखनऊ आलमबाग मेट्रो स्टेशन से गिरफ्तार किया. उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) 2021 का पेपर लीक होने मामले में अलग-अलग जनपदों में कुल 10 मुकदमे दर्ज हुए थे. अब तक इस मामले में 33 आरोपी गिरफ्तारी किए जा चुके हैं.
आरोपी डॉ.संतोष कुमार चौरसिया को कौशाम्बी के कोखराज थाने में दर्ज मुकदमे में दाखिल किया गया. इस मामले में आगे की कार्रवाई कौशाम्बी पुलिस करेगी. यूपी एसटीएफ पुलिस उपाधीक्षक लाल प्रताप सिंह ने कहा कि डॉ. संतोष कुमार चौरसिया इस मामले में वांछित था, जिसकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ की टीम लगातार काम कर रही थी.
सूचना मिली थी कि डॉ. संतोष कुमार चौरसिया लखनऊ में मौजूद है. एसटीएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी संतोष कुमार चौरसिया मध्य प्रदेश के व्यापम केस में जेल गया था. बांदा निवासी विकास दीक्षित उसके साथ व्यापम घोटाले में जेल में था.
लाल प्रताप सिंह ने कहा कि यूपी टीईटी-2021 पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी डॉ. संतोष कुमार चौरसिया ने वर्ष 2007 में दिल्ली के एक नामी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी. आरोपी साल 2003 से परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाने एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंधमारी का काम कर रहा था.
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लाल प्रताप सिंह ने कहा कि साल 2006 में इन गतिविधियों के चलते ग्वालियर के थाना विजयनगर में दो मुकदमे दर्ज हुए थे. इसके अलावा व्यापम घोटाले में भी संतोष कुमार चौरसिया पर छह मुकदमे दर्ज हैं. साल 2006-18 के बीच यह आरोपी कई बार जेल जा चुका है. जांच में पता चला कि पेपर लीक कराने के मामले में वो माफियाओं के भी संपर्क रहा था. उसने कैंडिडेट से एक विशेष ऐप के जरिए बात की थी. उसके बाद फोन से उस ऐप को डिलीट कर दिया जाता था.
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