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International Tiger Day: यूपी में बाघों, वनों के संरक्षण के लिए पेट्रोलिंग पर जोर

विश्व बाघ दिवस पर उत्तर प्रदेश में बाघों और वनों के सरंक्षण को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए वन विभाग, दुधवा टाइगर रिजर्व में आज कई कार्यक्रमों का आयोजन करेगा. ये कार्यक्रम पीलीभीत और अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में भी होंगे.

International Tiger Day
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Published : Jul 29, 2021, 1:04 PM IST

लखनऊ: विश्व बाघ दिवस पर लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ष 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग बाघ सम्मेलन हुआ था. इसमें 13 राष्ट्रों ने भाग लिया था. इस सम्मेलन में 29 जुलाई को वैश्विक बाघ दिवस (ग्लोबल टाइगर डे) मनाने का फैसला किया गया था. वैश्विक बाघ दिवस पर भारत में लगातार लोगों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूक किया जाता है. उत्तर प्रदेश में दुधवा, पीलीभीत और अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में हर साल लोगों को जागरूक करने के लिए प्रोग्राम किए जाते हैं.

राष्ट्रीय पशु बाघ को बचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से व्याघ्र परियोजना चलाई जा रही है. इसके अधीन बाघ के अलावा दूसरे परभक्षियों, वन्यजीवों और उनके प्राकृतिक आवास का सरंक्षण किया जा रहा है. मुख्य वन संरक्षक मुकेश कुमार ने कहा कि देश में बाघों के संरक्षण के अभियान में उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. बाघ संरक्षण के प्रयासों के कारण यूपी में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई. ऑल इंडिया टाइगर इस्टिमेशन- 2014 के अनुसार बाघों की कुल संख्या 117 थी वहीं ऑल इंडिया टाइगर इस्टेमेशन 2018 में ये संख्या बढ़कर 173 हो गयी. इस तरह चार साल में बाघों की संख्या 48 प्रतिशत बढ़ गयी, जो देश के औसत (33 प्रतिशत) से कहीं ज्यादा है. ऐसा बेहतर सुरक्षा व्यवस्था, प्राकृतिक आवास में सुधार हर स्तर पर बेहतर समन्वय और सहयोग के कारण हो पाया.

ये भी पढ़ें- Global Tiger day: यूपी के दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा के लिए 10 हजार किमी लांग पेट्रोलिंग मार्च

सेंट पीटर्सबर्ग में हुए सम्मेलन में 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. पीलीभीत टाइगर रिजर्व में निर्धारित समय सीमा से पहले ही बाघों की संख्या दो गुनी हो गयी. इसलिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व को अंतरराष्ट्रीय Tx2 पुरस्कार दिया गया. दुधवा टाइगर रिजर्व पेट्रोलिंग के लिए देश के सभी टाइगर रिजर्वों द्वारा उपयोग किए जा रहे एडवांस एम-स्ट्राईप्स ऐप के माध्यम से पेट्रोलिंग करने में अग्रणी रहा है.

ये भी पढ़ें- सावन 2021: भगवान शिव को करना है प्रसन्न तो नियमित रूप से करें इन मंत्रों का जाप

अभी हाल ही में राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण, भारत सरकार एवं भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून की रिपोर्ट से यह निष्कर्ष निकाला गया है कि कोविड-19 संक्रमण के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान वर्ष 2020 के मार्च और अप्रैल महीने में दुधवा टाइगर रिजर्व की पेट्रोलिंग पूरे देश में सबसे अच्छी थी. इन दोनों महीनों में दुधवा टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों ने क्रमश: 78,000 और 79,000 किलोमीटर पेट्रोलिंग की थी. वहीं दूसरे नंबर पर उड़ीसा का सिमलीपाल टाइगर रिजर्व रहा, जहां क्रमश: 50,000 और 59,000 किलोमीटर पेट्रोलिंग हुई थी.

मुख्य वन संरक्षक मुकेश कुमार ने कहा कि बाघों से वनों का अस्तित्व है और वन जीवन का आधार हैं. यदि अगली पीढ़ियों के भविष्य के बारे में सोचा जाए तो वनों का संरक्षण बेहद महत्वपूर्ण है. वन विभाग ने इसी सोच के साथ इस वर्ष विश्व बाघ दिवस का थीम "Their survival is in our hand" रखा है. इसका अर्थ ये है कि बाघ और मानव का जीवन एक दूसरे पर आश्रित है. बाघों का भविष्य हमारे हाथों में है.

दुधवा टाइगर रिजर्व के तीनों प्रभागों में बुधवार को लंबी दूरी की पेट्रोलिंग की जाएगी. इस साल खास तौर पर साइकिल के माध्यम से पेट्रोलिंग पर जोर दिया जा रहा है. प्रत्येक रेंज की टीमें टोली बनाकर साइकिलों से निकलेंगी और आसपास के क्षेत्रों में वन और बाघों के संरक्षण के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करेंगी. इसके बाद सभी टीम दुधवा पर्यटन परिसर में इकट्ठा होंगी. यहां एक विचार गोष्ठी की जाएगी. इन कार्यक्रमों में एसएसबी, एसटीपीएफ, पुलिस के जवान और स्थानीय गैर सरकार संगठन भी शामिल होंगे. ये जागरूकता कार्यक्रम विश्व प्रकृति निधि- भारत के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किए जा रहे हैं. इसी तरह कार्यक्रम पीलीभीत और अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में भी होंगे.

लखनऊ: विश्व बाघ दिवस पर लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ष 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग बाघ सम्मेलन हुआ था. इसमें 13 राष्ट्रों ने भाग लिया था. इस सम्मेलन में 29 जुलाई को वैश्विक बाघ दिवस (ग्लोबल टाइगर डे) मनाने का फैसला किया गया था. वैश्विक बाघ दिवस पर भारत में लगातार लोगों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूक किया जाता है. उत्तर प्रदेश में दुधवा, पीलीभीत और अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में हर साल लोगों को जागरूक करने के लिए प्रोग्राम किए जाते हैं.

राष्ट्रीय पशु बाघ को बचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से व्याघ्र परियोजना चलाई जा रही है. इसके अधीन बाघ के अलावा दूसरे परभक्षियों, वन्यजीवों और उनके प्राकृतिक आवास का सरंक्षण किया जा रहा है. मुख्य वन संरक्षक मुकेश कुमार ने कहा कि देश में बाघों के संरक्षण के अभियान में उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. बाघ संरक्षण के प्रयासों के कारण यूपी में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई. ऑल इंडिया टाइगर इस्टिमेशन- 2014 के अनुसार बाघों की कुल संख्या 117 थी वहीं ऑल इंडिया टाइगर इस्टेमेशन 2018 में ये संख्या बढ़कर 173 हो गयी. इस तरह चार साल में बाघों की संख्या 48 प्रतिशत बढ़ गयी, जो देश के औसत (33 प्रतिशत) से कहीं ज्यादा है. ऐसा बेहतर सुरक्षा व्यवस्था, प्राकृतिक आवास में सुधार हर स्तर पर बेहतर समन्वय और सहयोग के कारण हो पाया.

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सेंट पीटर्सबर्ग में हुए सम्मेलन में 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. पीलीभीत टाइगर रिजर्व में निर्धारित समय सीमा से पहले ही बाघों की संख्या दो गुनी हो गयी. इसलिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व को अंतरराष्ट्रीय Tx2 पुरस्कार दिया गया. दुधवा टाइगर रिजर्व पेट्रोलिंग के लिए देश के सभी टाइगर रिजर्वों द्वारा उपयोग किए जा रहे एडवांस एम-स्ट्राईप्स ऐप के माध्यम से पेट्रोलिंग करने में अग्रणी रहा है.

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अभी हाल ही में राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण, भारत सरकार एवं भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून की रिपोर्ट से यह निष्कर्ष निकाला गया है कि कोविड-19 संक्रमण के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान वर्ष 2020 के मार्च और अप्रैल महीने में दुधवा टाइगर रिजर्व की पेट्रोलिंग पूरे देश में सबसे अच्छी थी. इन दोनों महीनों में दुधवा टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों ने क्रमश: 78,000 और 79,000 किलोमीटर पेट्रोलिंग की थी. वहीं दूसरे नंबर पर उड़ीसा का सिमलीपाल टाइगर रिजर्व रहा, जहां क्रमश: 50,000 और 59,000 किलोमीटर पेट्रोलिंग हुई थी.

मुख्य वन संरक्षक मुकेश कुमार ने कहा कि बाघों से वनों का अस्तित्व है और वन जीवन का आधार हैं. यदि अगली पीढ़ियों के भविष्य के बारे में सोचा जाए तो वनों का संरक्षण बेहद महत्वपूर्ण है. वन विभाग ने इसी सोच के साथ इस वर्ष विश्व बाघ दिवस का थीम "Their survival is in our hand" रखा है. इसका अर्थ ये है कि बाघ और मानव का जीवन एक दूसरे पर आश्रित है. बाघों का भविष्य हमारे हाथों में है.

दुधवा टाइगर रिजर्व के तीनों प्रभागों में बुधवार को लंबी दूरी की पेट्रोलिंग की जाएगी. इस साल खास तौर पर साइकिल के माध्यम से पेट्रोलिंग पर जोर दिया जा रहा है. प्रत्येक रेंज की टीमें टोली बनाकर साइकिलों से निकलेंगी और आसपास के क्षेत्रों में वन और बाघों के संरक्षण के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करेंगी. इसके बाद सभी टीम दुधवा पर्यटन परिसर में इकट्ठा होंगी. यहां एक विचार गोष्ठी की जाएगी. इन कार्यक्रमों में एसएसबी, एसटीपीएफ, पुलिस के जवान और स्थानीय गैर सरकार संगठन भी शामिल होंगे. ये जागरूकता कार्यक्रम विश्व प्रकृति निधि- भारत के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किए जा रहे हैं. इसी तरह कार्यक्रम पीलीभीत और अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में भी होंगे.

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