लखनऊ: यूपी एटीएस ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग गैंग के दो और सदस्यों को बरेली से गिरफ्तार किया. ATS के अफसरों की मानें तो बीती 27 जुलाई को दिल्ली-एनसीआर से पकड़े गए मानव तस्करी गैंग के सरगना मोहम्मद नूर उर्फ नूर अल इस्लाम की निशानदेही पर दोनों को दबोचा गया. ये म्यांमार और बांग्लादेशी महिलाओं को देश-विदेश में बेचते थे. मोहम्मद नूर ने ही दोनों को सरहद पार से घुसपैठ कराकर, बरेली की मारिया मीट फैक्ट्री में काम पर लगवाया था.
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के मुताबिक, कस्टडी रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में मोहम्मद नूर और उसके साथियों ने माना कि, दो अन्य बांग्लादेशियों को घुसपैठ कराकर उत्तर प्रदेश लाया गया था. पहले उन्हें नोएडा रोका और फिर उनके पहचान पत्र, पैनकार्ड व अन्य कूटरचित कागजात तैयार कर बरेली की मारिया मीट फैक्ट्री में नौकरी पर लगवा दिया गया.
आरोपी मोहम्मद नूर ने अपने साथियों के नाम आले मियां निवासी खंजर पारा थाना टेकनाफ जिला- कॉक्स बाजार बांग्लादेश और अब्दुल शकूर उर्फ गनी मूल निवासी खंजर पारा, थाना टेकनाफ जिला-कॉक्स बाजार बांग्लादेश बताया था. ATS ने दोनों को सोमवार को बरेली की मारिया मीट फैक्ट्री से गिरफ्तार कर लिया.
ये भी पढ़ें- कहीं आपके बच्चे न कहें कि मेरा बाप चोर था...पढ़िए ऐसा क्यों बोलीं मेनका गांधी
UP ATS की मानें तो पूछताछ में गिरफ्त में आए अली मियां ने बताया कि वह मोहम्मद नूर का रिश्तेदार है. जबकि, अब्दुल शकूर उर्फ गनी नूर के गांव खंजरपारा का रहने वाला है. अली मियां ने एटीएस को बताया कि, गैंग के सरगना नूर ने दोनों को सरहद पार करने की सलाह दी थी. उसने ही दोनों की नौकरी बरेली के मारिया मीट फैक्ट्री में लगवाई.
इसके एवज में उसने मोटी रकम वसूली थी. पूछताछ में अली ने बताया कि नूर ने उससे सरहद पार कराने के लिए 4 हजार टका (बांग्लादेशी मुद्रा) वसूला था. उसने अपना एक सिम कार्ड भी दिया था. ATS ने दोनों के पास से मोबाइल फोन, सिम, पहचान पत्र, पैन कार्ड व पासबुक बरामद की है.