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जेल में बंद रोहिंग्या की मदद करने वाले रफीक को यूपी एटीएस ने दबोचा

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Published : Feb 26, 2022, 10:22 PM IST

यूपी एटीएस ने बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों की घुसपैठ कराकर उन्हें फर्जी दस्तावेजों के जरिए विदेश भेजने वाले गिरोह के एक और सक्रिय सदस्य को गिरफ्तार किया है. आरोपी अपने चाचा के साथ चोरी छुपे बॉर्डर पार कर भारत आ गया और पश्चिम बंगाल में बस गया.

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मोहम्मद रफीक

लखनऊ: उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (Anti Terrorism Squad)) (यूपी एटीएस) ने बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों की घुसपैठ कराकर उन्हें फर्जी दस्तावेजों के जरिए विदेश भेजने वाले गिरोह के एक और सक्रिय सदस्य मोहम्मद रफीक को गिरफ्तार किया है. वर्तमान में हैदराबाद में रह रहे रफीक को यूपी एटीएस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया. रफीक लखनऊ जेल में बंद उसके गिरोह के अन्य सदस्य इस्माइल से मुलाकात करने आया था.



यूपी एटीएस के मुताबिक गिरफ्तार हुए मोहम्मद रफीक उर्फ रफीक उल इस्लाम का जन्म बांग्लादेश के रोहिंग्या कैम्प में हुआ था. रफीक के माता-पिता की चार साल की उम्र में मौत हो गयी थी. वो अपने चाचा के साथ चोरी-छुपे बॉर्डर पार कर भारत आ गया और पश्चिम बंगाल में बस गया. बाद में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दिल्ली, राजस्थान और हैदराबाद में रह कर नौकरी करने लगा था.


इसे भी पढेंः यूपी में छिपे रोहिंग्या के ठिकानों की तलाश में एटीएस, मानव तस्करों से जारी है पूछताछ

हैदराबाद में मानव तस्करी के सरगना मोहम्मद नूर से रफीक की मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात के बाद मोहम्मद नूर ने रफीक को देश की अलग-अलग जेलों में बंद रोहिंग्या की जमानत करवाने की जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके लिए रफीक रोहिंग्या के परिवार वालों से मिलकर 25 हजार रुपये लेता था और वकील कर रोहिंग्या की जमानत करवा देता था, जिसमें वो 10 हजार रुपये बचा लेता था. यूपी एटीएस के मुताबिक, रफीक को जब इस काम मे मजा आने लगा तब उसने मोहमद नूर की मदद से बॉर्डर पार से बांग्लादेशी और रोहिंग्या को भारत लेकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बसाने लगा था.


बता दें कि, यूपी एटीएस ने बांग्लादेश और म्यामार से बॉर्डर पार करा भारत लाकर हिन्दू के फर्जी नाम और दस्तावेजों के माध्यम से विदेश भेजने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था. एजेंसी ने इस गिरोह के 36 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जांच में पता चला था कि इस गिरोह के लोग भारत, बांग्लादेश और म्यांमार तक मौजूद हैं. यही नहीं भारत के कई एयरपोर्ट के कर्मचारी भी इस गिरोह में शामिल थे, जिन्हें एटीएस ने गिरफ्तार किया था.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (Anti Terrorism Squad)) (यूपी एटीएस) ने बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों की घुसपैठ कराकर उन्हें फर्जी दस्तावेजों के जरिए विदेश भेजने वाले गिरोह के एक और सक्रिय सदस्य मोहम्मद रफीक को गिरफ्तार किया है. वर्तमान में हैदराबाद में रह रहे रफीक को यूपी एटीएस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया. रफीक लखनऊ जेल में बंद उसके गिरोह के अन्य सदस्य इस्माइल से मुलाकात करने आया था.



यूपी एटीएस के मुताबिक गिरफ्तार हुए मोहम्मद रफीक उर्फ रफीक उल इस्लाम का जन्म बांग्लादेश के रोहिंग्या कैम्प में हुआ था. रफीक के माता-पिता की चार साल की उम्र में मौत हो गयी थी. वो अपने चाचा के साथ चोरी-छुपे बॉर्डर पार कर भारत आ गया और पश्चिम बंगाल में बस गया. बाद में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दिल्ली, राजस्थान और हैदराबाद में रह कर नौकरी करने लगा था.


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हैदराबाद में मानव तस्करी के सरगना मोहम्मद नूर से रफीक की मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात के बाद मोहम्मद नूर ने रफीक को देश की अलग-अलग जेलों में बंद रोहिंग्या की जमानत करवाने की जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके लिए रफीक रोहिंग्या के परिवार वालों से मिलकर 25 हजार रुपये लेता था और वकील कर रोहिंग्या की जमानत करवा देता था, जिसमें वो 10 हजार रुपये बचा लेता था. यूपी एटीएस के मुताबिक, रफीक को जब इस काम मे मजा आने लगा तब उसने मोहमद नूर की मदद से बॉर्डर पार से बांग्लादेशी और रोहिंग्या को भारत लेकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बसाने लगा था.


बता दें कि, यूपी एटीएस ने बांग्लादेश और म्यामार से बॉर्डर पार करा भारत लाकर हिन्दू के फर्जी नाम और दस्तावेजों के माध्यम से विदेश भेजने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था. एजेंसी ने इस गिरोह के 36 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जांच में पता चला था कि इस गिरोह के लोग भारत, बांग्लादेश और म्यांमार तक मौजूद हैं. यही नहीं भारत के कई एयरपोर्ट के कर्मचारी भी इस गिरोह में शामिल थे, जिन्हें एटीएस ने गिरफ्तार किया था.

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