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प्रदेश में प्रॉपर्टी टैक्स न देने वालों पर कसेगा शिकंजा

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Published : Nov 25, 2020, 10:40 AM IST

उत्तर प्रदेश में प्रॉपर्टी टैक्स न देने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी राज्य सरकार ने पूरी कर ली है. नगर विकास विभाग की तरफ से सभी प्रकार की संपत्तियों से टैक्स वसूलने और प्रॉपर्टी का लेखा-जोखा रखने के लिए यूनिक आईडी दिए जाने की व्यवस्था जल्द ही प्रदेश के सभी नगर निकायों में शुरू होगी.

लखनऊ.
लखनऊ.

लखनऊः प्रदेश में प्रॉपर्टी टैक्स न देने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी राज्य सरकार ने पूरी कर ली है. राजधानी लखनऊ सहित सभी बड़े महानगर व प्रदेश के अन्य सभी नगर निकायों में अब व्यवस्थित तरीके से प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जा सकेगा. नगर विकास विभाग की तरफ से सभी प्रकार की संपत्तियों से टैक्स वसूलने और प्रॉपर्टी का लेखा-जोखा रखने के लिए यूनिक आईडी दिए जाने की व्यवस्था जल्द ही प्रदेश के सभी नगर निकायों में शुरू होगी. इसके नगर विकास विभाग की तरफ से विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं.

17 अंकों की होगी यूनिक आईडी
नगर विकास विभाग की ओर से 17 अंकों का यूनिक आईडी सभी निकायों को जारी किया जाएगा. जिले, प्रदेश से लेकर संबंधित नगर निकाय की जानकारी इन यूनिक अंकों के माध्यम से की जा सकेगी. यह व्यवस्था लागू होने से हाउस टैक्स, कमर्शियल टैक्स सहित अन्य सभी तरह की प्रॉपर्टी में टैक्स लेने में मिलभीगत करने वाले कर्मचारियों पर भी शिकंजा कसा जाएगा. इस पूरी व्यवस्था से नगर निकायों की इनकम भी बढ़ेगी. कोई भी व्यक्ति अपनी किसी भी प्रॉपर्टी का टैक्स देने से बच नहीं पाएगा.

नगर विकास विभाग ने जारी किए आदेश
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार की तरफ से सभी नगर निकायों को दिशा निर्देश दिए हैं. इसके अंतर्गत संपत्तियों को तीन श्रेणियों में बांटकर उन्हें यूनिक आईडी दी जाएगी. इसमें आवासीय, अनावासीय और मिश्रित या अन्य श्रेणी की संपत्तियों को शामिल किया गया है.

नगर निकायों को मिलेगा करोड़ों का राजस्व
नगर निकायों में संपत्तियों का ब्यौरा ठीक ढंग से न होने के कारण करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हर साल होता है. इसका पूरा रिकॉर्ड भी नगर निगम के पास नहीं रहता है कि कितने रुपये की वसूली नहीं हो पाई. संपत्तियों का रिकॉर्ड न होने की वजह से यह समस्या रहती है. अब सभी प्रकार की संपत्तियों की यूनिक आईडी की व्यवस्था शुरू करके सारा रिकॉर्ड नगर निकायों के पास होगा.

तीन श्रेणियों के अलग-अलग अक्षरों से होगी प्रॉपर्टी की पहचान
यूनिक आईडी देने की व्यवस्था शुरू होने पर इन्हें तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा. इसमें आवासीय, अनावासीय या मिश्रित व अन्य श्रेणी में रखा जाएगा. इसमें यूनिक आईडी के 17 वें अंक से प्रॉपर्टी की श्रेणी की पहचान होगी. जिसमें आवासीय सम्पति को आर अक्षर से पहचाना जा सकेगा, जबकि अनावासीय संपत्ति को एन अक्षर से व मिश्रित या अन्य श्रेणी के संपत्तियों को एम अक्षर से पहचाना जा सकेगा.

लखनऊः प्रदेश में प्रॉपर्टी टैक्स न देने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी राज्य सरकार ने पूरी कर ली है. राजधानी लखनऊ सहित सभी बड़े महानगर व प्रदेश के अन्य सभी नगर निकायों में अब व्यवस्थित तरीके से प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जा सकेगा. नगर विकास विभाग की तरफ से सभी प्रकार की संपत्तियों से टैक्स वसूलने और प्रॉपर्टी का लेखा-जोखा रखने के लिए यूनिक आईडी दिए जाने की व्यवस्था जल्द ही प्रदेश के सभी नगर निकायों में शुरू होगी. इसके नगर विकास विभाग की तरफ से विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं.

17 अंकों की होगी यूनिक आईडी
नगर विकास विभाग की ओर से 17 अंकों का यूनिक आईडी सभी निकायों को जारी किया जाएगा. जिले, प्रदेश से लेकर संबंधित नगर निकाय की जानकारी इन यूनिक अंकों के माध्यम से की जा सकेगी. यह व्यवस्था लागू होने से हाउस टैक्स, कमर्शियल टैक्स सहित अन्य सभी तरह की प्रॉपर्टी में टैक्स लेने में मिलभीगत करने वाले कर्मचारियों पर भी शिकंजा कसा जाएगा. इस पूरी व्यवस्था से नगर निकायों की इनकम भी बढ़ेगी. कोई भी व्यक्ति अपनी किसी भी प्रॉपर्टी का टैक्स देने से बच नहीं पाएगा.

नगर विकास विभाग ने जारी किए आदेश
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार की तरफ से सभी नगर निकायों को दिशा निर्देश दिए हैं. इसके अंतर्गत संपत्तियों को तीन श्रेणियों में बांटकर उन्हें यूनिक आईडी दी जाएगी. इसमें आवासीय, अनावासीय और मिश्रित या अन्य श्रेणी की संपत्तियों को शामिल किया गया है.

नगर निकायों को मिलेगा करोड़ों का राजस्व
नगर निकायों में संपत्तियों का ब्यौरा ठीक ढंग से न होने के कारण करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हर साल होता है. इसका पूरा रिकॉर्ड भी नगर निगम के पास नहीं रहता है कि कितने रुपये की वसूली नहीं हो पाई. संपत्तियों का रिकॉर्ड न होने की वजह से यह समस्या रहती है. अब सभी प्रकार की संपत्तियों की यूनिक आईडी की व्यवस्था शुरू करके सारा रिकॉर्ड नगर निकायों के पास होगा.

तीन श्रेणियों के अलग-अलग अक्षरों से होगी प्रॉपर्टी की पहचान
यूनिक आईडी देने की व्यवस्था शुरू होने पर इन्हें तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा. इसमें आवासीय, अनावासीय या मिश्रित व अन्य श्रेणी में रखा जाएगा. इसमें यूनिक आईडी के 17 वें अंक से प्रॉपर्टी की श्रेणी की पहचान होगी. जिसमें आवासीय सम्पति को आर अक्षर से पहचाना जा सकेगा, जबकि अनावासीय संपत्ति को एन अक्षर से व मिश्रित या अन्य श्रेणी के संपत्तियों को एम अक्षर से पहचाना जा सकेगा.

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