लखनऊ : राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में स्मार्ट ग्राम पंचायत राष्ट्रीय कार्यशाला में केंद्रीय ग्रामीण एवं पंचायत राज मंत्री गिरिराज सिंह (Minister Giriraj Singh) ने कहा कि मैं बिहार से आता हूं और कल मैंने कहा है कि अगर बिहार में कानून व्यवस्था (law and order in bihar) नहीं संभलती है तो योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से उधार ले लो. उन्होंने बिहार सरकार में किसी का नाम लिये बगैर वहां की कानून व्यवस्था को लेकर हमला किया.
उन्होंने कहा कि योगी ने देश में नया मॉडल पेश किया है. उन्होंने कहा कि गांव के प्रधान यहां आए हैं तो कर्मयोगी प्रधान भी बन सकते हैं. इसके लिए हमें संकल्प करके बस काम करने की जरूरत है. प्रति व्यक्ति एक पंचायत में 15 हजार रुपए दिया गया है. गांव में जनभागीदारी के माध्यम से हम विकास कर सकते हैं. अगर एक कर्मयोगी प्रधान संकल्प लेता है तो वह गांव के लोगों को साथ लेकर अच्छा मॉडल बना सकता है. आठ साल में मोदी सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपए ग्रामीण विकास के लिए पंचायतों को दिया गया है, लेकिन पहले पिछ्ली सरकार ने सिर्फ दस हजार करोड़ ही दिया था. उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में अच्छा काम करने और स्मार्ट विलेज बनाने वाले ग्राम प्रधानों को कर्मयोगी प्रधान का सम्मान देकर सम्मानित करेंगे. हमें लोगों को यह बताने की जरूरत है कि गांव सभा किसी प्रधान की नहीं है बल्कि सभी गांववासियों की है तो बदलाव जरूर होगा. शिक्षा युक्त पंचायत, पोषण, रोजगार युक्त पंचायत बनानी है. स्मार्ट ग्राम पंचायत बनाने में टेक्नोलॉजी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. देश तभी आगे बढ़ेगा जब पंचायतें सशक्त होंगी.
इससे पहले केंद्रीय ग्रामीण राज्यमंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ योगी हैं और जब से वह काम कर रहे हैं तो अब वह कर्मयोगी हैं. पीएम मोदी के नेतृत्व में 100 स्मार्ट सिटी बन रही हैं. उन्होंने कहा कि हम सबको ग्राम पंचायत के विकास के लिए ईमानदारी से काम करना है. प्रधान के साथ गांव का नागरिक आदर्श बनेगा तो गांव आदर्श बनेगा. हमें ऑनलाइन प्लेटफार्म का अधिक से अधिक उपयोग करना है. जनता से जुड़ी सुविधाओं को ऑनलाइन शुरू करने पर ध्यान देना है. हर एक प्रधान को संकल्प करना है कि स्मार्ट विलेज बनाकर दम लेना है. डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करना है.