लखनऊ: सोमवार को हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या घट गई. सामान्य दिनों में ओपीडी में करीब एक हजार मरीज आते हैं. वहीं सोमवार को बाहर जिलों से आने वाले मरीजों को भी अस्पताल पहुंचने में दिक्कतें हुई. दरअसल, सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शहर में थे. अस्पताल के चारों तरफ सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर बैरिकेडिंग लगा दी गई थी. वहीं कई रास्ते बंद होने की वजह से शहर में जाम की भी स्थिति पैदा हो गई. जिसकी वजह से मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने में काफी अड़चन आई. वहीं भयानक जाम की वजह से दो महिलाओं ने एंबुलेंस में ही बच्चों को जन्म दिया. हालांकि तीमारदार किसी तरह से महिलाओं को अस्पताल लेकर पहुंचे.
राजधानी में सोमवार को हलवासिया चौराहे से विधानसभा मार्ग व सिविल अस्पताल तक का रास्ता घंटों जाम रहा. वाहन रेंगते नजर आये. वहीं वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल में भी गर्भवती महिलाओं को पहुंचने में काफी दिक्कतें हुईं. सिविल अस्पताल के सीएमएस आरपी मिश्रा ने बताया कि आज हजरतगंज के सभी रास्ते घंटों जाम रहे. जिसकी वजह से अस्पताल की ओपीडी में मरीज नहीं पहुंच पाए. कुछ मरीज जो अन्य जिले से आते हैं उन्हें अस्पताल पहुंचने में देरी हो गई. मरीज 2 बजे के बाद अस्पताल पहुंच पाये, जिसकी वजह से डॉक्टर ओपीडी में नहीं मिल सके. मरीजों से हमने इमरजेंसी में दिखाने के लिए कहा है. साथ ही आज रैन बसेरा में रुकने के लिए भी कहा है. उन्होंने कहा कि मंगलवार को मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है.
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हजरतगंज के मुख्य चौराहे पर वीरांगना झलकारी बाई महिला अस्पताल है. चारों तरफ डायवर्जन और जाम के कारण सोमवार को कई एंबुलेंस फंसी रहीं. अस्पताल की सीएमएस डॉ रंजना खरे ने बताया कि आज सुबह से ही चौराहे पर काफी जाम है. ऐसे में हमारे पास चार-पांच केस ऐसे आए जो सुबह से निकले हैं. उन्हें अस्पताल आने में पूरा दिन लग गया. जाम के कारण दो गर्भवती महिलाओं ने एंबुलेंस में बच्चों को जन्म दिया. हालांकि थोड़ी देर पहले वह अस्पताल पहुंचे हैं. दोनों महिलाओं को एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) में शिफ्ट किया गया है. फिलहाल दोनों महिलाएं खतरे के बाहर हैं.
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