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लखनऊ: पशुधन घोटाला मामले में दो और आरोपी गिरफ्तार

पशुधन घोटाला मामले में आरोपियों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. इस घोटाले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने पूछताछ शुरु कर दिया है. एसटीएफ ने सर्राफा व्यापारी सचिन वर्मा व उसके साथी त्रिपुरेश पांडे को गिरफ्तार किया है. अब तक कुल 9 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

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पशुधन घोटाला
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Published : Jun 26, 2020, 12:39 PM IST

लखनऊ: पशुधन विभाग में उजागर हुए घोटाले को लेकर जिले में एसटीएफ ने दो और गिरफ्तारियां की हैं. एसटीएफ ने सर्राफा व्यापारी सचिन वर्मा व उसके साथी त्रिपुरेश पांडे को गिरफ्तार किया है. मध्य प्रदेश के व्यापारी से ठगी की गई रकम को फर्जी फर्म में खपाने के आरोपों के तहत एसटीएफ ने इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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पशुधन घोटाला

एसटीएफ ने की पूछताछ

एसटीएफ की पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि आरोपी सचिन ने आर.के ट्रेडर्स फर्म को तैयार किया था. जिसमें 21 दिनों में ₹65 लाख की रकम जमा कराई गई थी. एसटीएफ की जांच में इसका खुलासा हुआ है. जिसके बाद दोनों की गिरफ्तारी की गई है. अब तक एसटीएफ ने इस पूरे मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया है.

जालसाजों ने ठगे 9 करोड़

पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर जालसाजों ने इंदौर के व्यापारी मनजीत सिंह से 9 करोड़ रुपये की ठगी की थी. ठगी को अंजाम देने वाले जालसाज आशीष राय ने व्यापारी से खुद को विभाग का निदेशक एके मित्तल बताकर ठगी को अंजाम दिया. एके मित्तल बनकर आशीष राय ने व्यापारी मनजीत सिंह से 9 करोड़ रुपये लिए. जिसके बदले में ठेका दिलाने का वादा किया गया था, इसमे जालसाजों ने 9 करोड़ रुपये हजम कर लिए. इसके बाद व्यापारी मनजीत सिंह की तहरीर पर हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.

उजागर हुई ठगी

पशुधन विभाग में जिस तरह से ठेका दिलाने के नाम पर 9 करोड़ रुपये की ठगी उजागर हुई है. ऐसे में इस ठगी के पीछे मंत्रियों के निजी सचिव और अधिकारियों की बड़ी भूमिका भी नजर आ रही है.

साथ ही व्यापारी मनजीत सिंह का कहना है कि इस ठगी की घटना को अंजाम देने के लिए तथाकथित पत्रकार संतोष मिश्रा, राजीव, अनिल राय ने साजिश रची थी. संतोष मिश्रा ने ही आशीष राय को एसके मित्तल बनाकर व्यापारी मनजीत सिंह के सामने पेश किया था.पीड़ित व्यापारी मनजीत सिंह ने बताया कि यह साजिश 2018 में रची गई थी. ठेका दिलाने के नाम पर 9 करोड़ लिए गए.

लंबे समय से पीड़ित पैसे वापस करने की बात कह रहा है, लेकिन उसे पैसे वापस नहीं किए जा रहे हैं. जिसके बाद पीड़ित मनजीत सिंह ने 11 लोगों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है. इस मामले में पहले ही 7 लोगों की गिरफ्तारियां की जा चुकी थी. वहीं अब दो अन्य की गिरफ्तारियां की गईं हैं.

लखनऊ: पशुधन विभाग में उजागर हुए घोटाले को लेकर जिले में एसटीएफ ने दो और गिरफ्तारियां की हैं. एसटीएफ ने सर्राफा व्यापारी सचिन वर्मा व उसके साथी त्रिपुरेश पांडे को गिरफ्तार किया है. मध्य प्रदेश के व्यापारी से ठगी की गई रकम को फर्जी फर्म में खपाने के आरोपों के तहत एसटीएफ ने इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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एसटीएफ ने की पूछताछ

एसटीएफ की पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि आरोपी सचिन ने आर.के ट्रेडर्स फर्म को तैयार किया था. जिसमें 21 दिनों में ₹65 लाख की रकम जमा कराई गई थी. एसटीएफ की जांच में इसका खुलासा हुआ है. जिसके बाद दोनों की गिरफ्तारी की गई है. अब तक एसटीएफ ने इस पूरे मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया है.

जालसाजों ने ठगे 9 करोड़

पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर जालसाजों ने इंदौर के व्यापारी मनजीत सिंह से 9 करोड़ रुपये की ठगी की थी. ठगी को अंजाम देने वाले जालसाज आशीष राय ने व्यापारी से खुद को विभाग का निदेशक एके मित्तल बताकर ठगी को अंजाम दिया. एके मित्तल बनकर आशीष राय ने व्यापारी मनजीत सिंह से 9 करोड़ रुपये लिए. जिसके बदले में ठेका दिलाने का वादा किया गया था, इसमे जालसाजों ने 9 करोड़ रुपये हजम कर लिए. इसके बाद व्यापारी मनजीत सिंह की तहरीर पर हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.

उजागर हुई ठगी

पशुधन विभाग में जिस तरह से ठेका दिलाने के नाम पर 9 करोड़ रुपये की ठगी उजागर हुई है. ऐसे में इस ठगी के पीछे मंत्रियों के निजी सचिव और अधिकारियों की बड़ी भूमिका भी नजर आ रही है.

साथ ही व्यापारी मनजीत सिंह का कहना है कि इस ठगी की घटना को अंजाम देने के लिए तथाकथित पत्रकार संतोष मिश्रा, राजीव, अनिल राय ने साजिश रची थी. संतोष मिश्रा ने ही आशीष राय को एसके मित्तल बनाकर व्यापारी मनजीत सिंह के सामने पेश किया था.पीड़ित व्यापारी मनजीत सिंह ने बताया कि यह साजिश 2018 में रची गई थी. ठेका दिलाने के नाम पर 9 करोड़ लिए गए.

लंबे समय से पीड़ित पैसे वापस करने की बात कह रहा है, लेकिन उसे पैसे वापस नहीं किए जा रहे हैं. जिसके बाद पीड़ित मनजीत सिंह ने 11 लोगों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है. इस मामले में पहले ही 7 लोगों की गिरफ्तारियां की जा चुकी थी. वहीं अब दो अन्य की गिरफ्तारियां की गईं हैं.

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