लखनऊ : जब से परिवहन निगम की बसों में वर्कशॉप के अंदर स्थापित पेट्रोल पंपों के बजाय प्राइवेट पेट्रोल पंप से डीजल फिल कराने की प्रक्रिया शुरू हुई तभी से डीजल चोरी के मामले तेजी से बढ़े. प्राइवेट पेट्रोल पंप परिवहन निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर डीजल चोरी में कमीशनखोरी का खेल खेलने लगे. परिवहन निगम के एमडी संजय कुमार ने अब इंडियन आयल काॅरपोरेशन (Indian Oil Corporation) को नजीबाबाद और हरदोई के दो पेट्रोल पंप मालिकों के लाइसेंस रद्द करने के लिए पत्र भेजा है. उन्होंने कहा है कि इन दोनों के लाइसेंस रद्द होने चाहिए, नहीं तो ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन किसी और कंपनी के पेट्रोल पंप बसों में डीजल फिल कराने के लिए चुन लेगा. परिवहन निगम के एमडी के पत्र के बाद आईओसी के पेट्रोल पंप मालिकों में खलबली मची है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार को जानकारी मिली कि बसों का डीजल औसत नहीं निकल पा रहा है. उन्होंने बारीकी से पेट्रोल पंप पर डीजल फिल कराने वाली बसों की जांच कराई. जांच में दूध का दूध पानी का पानी हो गया. सामने आ गया कि किस तरह से प्राइवेट पेट्रोल पंप पर बसों में डीजल भरने में खेल किया जा रहा है. इसमें सिर्फ पेट्रोल पंप के कर्मचारी ही नहीं रोडवेज के कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल हैं. सबसे पहले नजीबाबाद डिपो के अंतर्गत डीजल चोरी का मामला पकड़ा गया. जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने यहां के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को डीजल चोरी के आरोप में जेल भिजवा दिया और कई कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया. इसके बाद हरदोई रीजन में बड़े स्तर पर बसों से डीजल चोरी का मामला पकड़ में आया. यहां पर भी कई अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई तो कई कर्मचारियों को जेल भेज दिया गया. इस सख्त एक्शन के बाद परिवहन निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों में तो खलबली मची ही, जिन पेट्रोल पंप से परिवहन निगम की बसों में डीजल भरा जाता है उनके प्रतिनिधियों में भी हड़कंप मच गया.
बसों में डीजल चोरी के मामलों पर नियंत्रण स्थापित किया जा सके इसके लिए परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने ऐसे पेट्रोल पंप मालिकों पर सख्ती दिखाते हुए इंडियन आयल काॅरपोरेशन को पत्र लिखा. पत्र में साफ तौर पर उन्होंने नजीबाबाद के इंडियन आयल काॅरपोरेशन के पेट्रोल पंप स्वामी और हरदोई के आईओसी के पेट्रोल पंप मालिक के लाइसेंस निरस्त करने की बात कही. एमडी के इस कदम से इन दोनों ही पेट्रोल पंप मालिकों के होश फाख्ता हो गए. वह मुलाकात करने एमडी के पास पहुंचे. अनुरोध किया कि लाइसेंस निरस्त न कराएं, लेकिन एमडी ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए पेट्रोल पंप मालिकों को वापस लौटा दिया. कहा कि हरहाल में पेट्रोल पंप मालिकों के लाइसेंस निरस्त होंगे.
इंडियन आयल काॅरपोरेशन के सभी पेट्रोल पंप से हर माह रोडवेज की हजारों बसों में लाखों लीटर डीजल फिल किया जाता है. इन्हीं प्राइवेट पेट्रोल पंपों से डीजल चोरी के खेल को भी खूब अंजाम दिया जाता है. अब जब दो पेट्रोल पंप में डीजल चोरी के मामले साक्ष्यों के साथ पकड़ में आ गए तो यूपीएसआरटीसी के एमडी ने दोनों मालिकों के पेट्रोल पंप के लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई के लिए पत्र लिख दिया, जिससे अब तमाम पेट्रोल पंप मालिकों को डर सताने लगा है.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में तीन बड़ी समस्याएं हैं. पहला डीजल चोरी, दूसरा अवैध रूप से पार्सल व अन्य सामग्री का ट्रांसपोर्टेशन और तीसरा बेटिकट चल रही बसें. इसका पूरा ब्यौरा इकट्ठा किया गया. आम जनता के सहयोग से हमें साक्ष्य मिले हैं, वीडियोज मिले हैं. उसके बाद हमने नजीबाबाद, हरदोई और बरेली समेत कई जगह पर डीजल चोरी के मामले पकड़े हैं. वहां के एआरएम और पेट्रोल पंप के लोगों की जिम्मेदारी तय की गई है. लोगों को जेल भी भेजा गया है. सख्त मैसेज दे दिया गया है कि इस तरह के प्रकरण में किसी तरह का करप्शन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. चाहे हमारे कर्मचारी हो चाहे कोई पेट्रोल पंप मालिक. इंडियन आयल काॅरपोरेशन को पेट्रोल पंप मालिकों के
लाइसेंस निरस्त करने के लिए पत्र भेजा है.
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सभी सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को सख्त और पर निर्देश दिए गए हैं कि समय-समय पर पेट्रोल पंप की निगरानी करें. वहां पर सीसीटीवी इंस्टॉल कराएं और उसकी एक फीड अपने मोबाइल पर रखें. यहां पर 10 दिन तक का रिकॉर्ड भी रहे, जिससे कभी भी इसे चेक किया जा सके.
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