लखनऊः बिजली विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों पर प्रबंधन का सख्त एक्शन जारी है. काम में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर गाज गिर रही है. दो दिन पहले अधिशासी अभियंता को बर्खास्त किया गया था तो अब राज्य विद्युत उत्पादन निगम के तीन कर्मचारियों को सेवा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. आरोप है कि ये कर्मचारी लंबे समय से बिना जानकारी के ही गायब चल रहे थे.
उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने बताया कि विभाग के जिन कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है, उनमें एक टीजी-2 पद पर तैनात प्रदीप कुमार और श्रमिक पद पर तैनात रज्जन लाल और संतोष कुमार हैं. यह कर्मचारी पनकी और ओबरा प्लांट में सेवारत थे. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अनुपस्थित चल रहे अन्य कर्मचारियों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश भर में इस तरह की रिपोर्ट तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है. पूर्वांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के साथ ही उत्पादन निगम और केस्को भी इसमें शामिल है. बिजली विभाग के सूत्रों की मानें तो नौकरी से बाहर किए गए कर्मचारियों के स्थान पर जल्द ही नई भर्ती भी की जाएगी. बिजली विभाग में अवर अभियंता, अभियंता, चिकित्साधिकारी, प्रवक्ता, टीजी-2 श्रमिक के पद पर तैनात कर्मचारी लंबे समय से गायब भी चल रहे हैं. अब उन पर सस्पेंशन या फिर बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा सकती है.
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बता दें कि इससे पहले चेयरमैन पावर काॅरपोरेशन ने अधिशासी अभियंता विजय शंकर जौहरी को भी बर्खास्त कर दिया था. उन पर आरोप था कि वो ठेकेदार से निदेशक (वित्त) के नाम पर रिश्वत मांग रहे थे. मामले की जांच कराई गई और जब आरोप सच साबित हुआ तो नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
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