लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों की रोजी-रोटी बसों की डीजल चोरी से चल रही है. अभी मुरादाबाद रीजन के नजीबाबाद डिपो का डीजल चोरी का मामला शांत भी नहीं हुआ कि हरदोई डिपो में बड़ी डीजल चोरी पकड़ में आ गई. 4000 लीटर से ज्यादा डीजल चोरी के मामले में परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक की तरफ से ताबड़तोड़ कार्रवाई भी की गई है. कई अधिकारियों को सस्पेंड कर एफआईआर दर्ज कराई गई है. एक बाबू की गिरफ्तारी भी हो गई है. इससे पहले 6 लीटर डीजल चोरी के मामले में नजीबाबाद डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक प्रभात चौधरी गिरफ्तार हो चुके हैं. हरदोई डिपो में डीजल चोरी के मामले में आधा दर्जन अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है.
मुरादाबाद रीजन में डीजल चोरी पकड़े जाने के बाद उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने सभी रीजनों में इस तरह के मामलों को लेकर सख्ती दिखाई. इसका नतीजा यह हुआ कि हरदोई क्षेत्र के विभिन्न कार्यशाला में सिर्फ जुलाई माह में ही डीजल की बड़ी चोरी पकड़ में आई. परिवहन निगम मुख्यालय की तरफ से सेवा प्रबंधक हरदोई क्षेत्र को डीजल चोरी की जांच सौंपी गई थी. उन्होंने सहायक क्षेत्रीय लेखाधिकारी जेपी सिंह, वरिष्ठ लेखाकार संजय जिंदल और वरिष्ठ लेखाकार केके सिंह से पूरे मामले की संयुक्त जांच कराई. सेवा प्रबंधक हरदोई की तरफ से कराई गई संयुक्त जांच में सामने आया कि हरदोई क्षेत्र के शाहजहांपुर, गोला, सीतापुर और कन्नौज डिपो में कार्यशाला के लिए निर्गत डीजल मानक के अनुरूप पाया गया, लेकिन हरदोई डिपो में 4184 लीटर डीजल चोरी का प्रकरण पकड़ में आ गया. इसके बाद वरिष्ठ लिपिक अमरनाथ, बुकिंग क्लर्क नंदजी यादव, वरिष्ठ लिपिक सत्येंद्र कुमार के साथ ही केंद्र प्रभारी आरबी लाल को निलंबित कर अनुशासनिक कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई. सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक हरदोई डिपो और वरिष्ठ लेखाकार के खिलाफ मुख्यालय स्तर से कार्रवाई की गई है. इस मामले में हरदोई क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक की तरफ से एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. बुकिंग क्लर्क नंदजी यादव की गिरफ्तारी भी हो गई है.
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परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने साफ तौर पर परिवहन निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि भ्रष्टाचार, चोरी और गबन के प्रकरणों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी. परिवहन निगम को नुकसान पहुंचाने के लिए उत्तरदाई अधिकारी और कर्मचारी को दंडित करके क्षति की प्रतिपूर्ति की जाएगी.
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