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आंधी ने तोड़ी आम बागवानों की कमर, भारी नुकसान - आम की फसल

बागवान बबलू व श्रीकृष्ण ने बताया कि फसल टूट कर गिर गई है. इसकी बाजार में कोई खास कीमत नहीं होगी. इसी तरह आंधी आई तो इस बार आम बहुत कम ही बचेगा, जो काफी महंगा बिकेगा.

फसल को भारी नुकसान
फसल को भारी नुकसान
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Published : May 23, 2022, 6:09 PM IST

लखनऊः सोमवार दोपहर आई तेज आंधी ने जमकर तबाही मचाई. वहीं आम की फसल को भी काफी नुकसान पहुंचाया. आम की फसल की विशेषता यह है कि एक वर्ष तो फसल बहुत अच्छी आती है, तो उसके अगले वर्ष कम. पिछले वर्ष फसल अच्छी थी, इसलिए इस वर्ष फसल कम आई. वहीं मौसम के असंतुलन ने भी फसल को नुकसान पहुंचाया. रही सही कसर आंधी ने पूरी कर दी. मलिहाबाद स्थित गांव कसमण्डी खुर्द के रहने वाले बागवान इशहाक ने बताया कि साइज बढ़ जाने से आम भारी हो गए थे, जो तेज हवा से टूट कर गिर गए हैं. इन आमों में गुठली पर जाली नहीं आई है, इसलिए यह आम पकाने लायक नहीं हैं. तीस रुपये किलो का माल तीन रुपये किलो का रह गया है.

बागवान बबलू व श्रीकृष्ण ने बताया कि फसल टूट कर गिर गई है. इसकी बाजार में कोई खास कीमत नहीं होगी. इसी तरह आंधी आई तो इस बार आम बहुत कम ही बचेगा, जो काफी महंगा बिकेगा. बाग मालिक जुबैर अहमद ने बताया कि प्राकृतिक आपदा व मौसम की लगातार मार के चलते आम की फसल से किसानों का मोह भंग होता जा रहा है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब किसानों को स्वयं अपने बागों को काटने को मजबूर होना पड़ेगा. हमारे क्षेत्र की पहचान आम के बागों से होती है, लेकिन काफी समय से आम की मिठास में भारी कमी के चलते बाग मालिक दुखी हैं. इस बार उम्मीद थी कि आम की अच्छी फसल से किसान को राहत मिलेगी, लेकिन पहले मौसम की मार फिर अचानक आए आंधी-तूफान ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया.

फसल को भारी नुकसान
फसल को भारी नुकसान

ये भी पढ़ें : लखनऊ में तेज आंधी के साथ शुरू हुई बारिश, गिरे ओले

बागवान मुशर्रफ अली ने बताया है कि तेज आंधी में आम टूट कर गिरने से बागवानों को भारी नुकसान हुआ है. आम का साइज बड़ा हो जाने से आंधी में काफी कच्चा आम टूट कर गिर गया. वैसे भी इस वर्ष आम की फसल कम है, वहीं आंधी ने बागवानों के अरमानों पर पानी फेर दिया.

फसल को भारी नुकसान
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लखनऊः सोमवार दोपहर आई तेज आंधी ने जमकर तबाही मचाई. वहीं आम की फसल को भी काफी नुकसान पहुंचाया. आम की फसल की विशेषता यह है कि एक वर्ष तो फसल बहुत अच्छी आती है, तो उसके अगले वर्ष कम. पिछले वर्ष फसल अच्छी थी, इसलिए इस वर्ष फसल कम आई. वहीं मौसम के असंतुलन ने भी फसल को नुकसान पहुंचाया. रही सही कसर आंधी ने पूरी कर दी. मलिहाबाद स्थित गांव कसमण्डी खुर्द के रहने वाले बागवान इशहाक ने बताया कि साइज बढ़ जाने से आम भारी हो गए थे, जो तेज हवा से टूट कर गिर गए हैं. इन आमों में गुठली पर जाली नहीं आई है, इसलिए यह आम पकाने लायक नहीं हैं. तीस रुपये किलो का माल तीन रुपये किलो का रह गया है.

बागवान बबलू व श्रीकृष्ण ने बताया कि फसल टूट कर गिर गई है. इसकी बाजार में कोई खास कीमत नहीं होगी. इसी तरह आंधी आई तो इस बार आम बहुत कम ही बचेगा, जो काफी महंगा बिकेगा. बाग मालिक जुबैर अहमद ने बताया कि प्राकृतिक आपदा व मौसम की लगातार मार के चलते आम की फसल से किसानों का मोह भंग होता जा रहा है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब किसानों को स्वयं अपने बागों को काटने को मजबूर होना पड़ेगा. हमारे क्षेत्र की पहचान आम के बागों से होती है, लेकिन काफी समय से आम की मिठास में भारी कमी के चलते बाग मालिक दुखी हैं. इस बार उम्मीद थी कि आम की अच्छी फसल से किसान को राहत मिलेगी, लेकिन पहले मौसम की मार फिर अचानक आए आंधी-तूफान ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया.

फसल को भारी नुकसान
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बागवान मुशर्रफ अली ने बताया है कि तेज आंधी में आम टूट कर गिरने से बागवानों को भारी नुकसान हुआ है. आम का साइज बड़ा हो जाने से आंधी में काफी कच्चा आम टूट कर गिर गया. वैसे भी इस वर्ष आम की फसल कम है, वहीं आंधी ने बागवानों के अरमानों पर पानी फेर दिया.

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