ETV Bharat / city

खाद्यान घोटाला मामला: तत्कालीन अवर अभियंता की जमानत अर्जी खारिज - lucknow latest news

यूपी में 2004 से 2006 के बीच हुए खाद्यान घोटाला मामले में अभियुक्त तत्कालीन अवर अभियंता की जमानत अर्जी सीबीआई के विशेष जज ने खारिज कर दी है. इस मामले में कई सरकारी व गैर सरकारी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी.

लखनऊ जिला एवं सत्र न्यायाधीश
लखनऊ जिला एवं सत्र न्यायाधीश
author img

By

Published : Jun 17, 2021, 6:29 AM IST

लखनऊ: प्रदेश के चर्चित खाद्यान घोटाला मामले में सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने जेल में निरुद्ध काकोरी ब्लॉक के तत्कालीन अवर अभियंता ऋषीदत्त शर्मा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया अभियुक्त के खिलाफ साक्ष्य हैं. कोर्ट ने जमानत पर छूटने पर अभियुक्त द्वारा मामले को प्रभावित करने की आशंका भी जताई.

घोटाले में कई सरकारी व गैर सरकारी एफआईआर दर्ज
सीबीआई की ओर से जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त पर बीपीएल योजना के तहत वितरित किये जाने वाले खाद्यान की काला बाजारी का आरोप है. अभियुक्त ने यह घपला करके राज्य सरकार को भी लाखों रुपये राजस्व की क्षति पहुंचाई. वर्ष 2004 से 2006 के मध्य हुए इस घोटाला मामले में कई सरकारी व गैर सरकारी लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी.

अभियुक्त के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
इन सभी मुकदमों की विवेचना एसआईटी कर रही थी. हालांकि बाद में हाईकोर्ट के आदेश से इन मामलों की जांच सीबीआई को स्थानांतरित कर दी गई. विवेचना में पता चला कि अभियुक्तों की मिलीभगत से बीपीएल योजना के तहत गरीबों में वितरित किया जाने वाला खाद्यान एफसीआई, सीडब्लूसी व एसडल्लूसी के गोदाम से ब्लॉक के गोदाम में नहीं पहुंचाकर तमाम आटा व चावल मिलों तक पहुंचा दिया गया. अभियुक्त रिषीदत्त शर्मा ने 15 मार्च 2021 को ही इस मामले में आत्मसमर्पण किया है. इसके पूर्व अदालत ने अभियुक्त के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा था.
पढ़ें-कोर्ट ने PFI के चार सदस्यों को एक मामले में किया दोष मुक्त

लखनऊ: प्रदेश के चर्चित खाद्यान घोटाला मामले में सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने जेल में निरुद्ध काकोरी ब्लॉक के तत्कालीन अवर अभियंता ऋषीदत्त शर्मा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया अभियुक्त के खिलाफ साक्ष्य हैं. कोर्ट ने जमानत पर छूटने पर अभियुक्त द्वारा मामले को प्रभावित करने की आशंका भी जताई.

घोटाले में कई सरकारी व गैर सरकारी एफआईआर दर्ज
सीबीआई की ओर से जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त पर बीपीएल योजना के तहत वितरित किये जाने वाले खाद्यान की काला बाजारी का आरोप है. अभियुक्त ने यह घपला करके राज्य सरकार को भी लाखों रुपये राजस्व की क्षति पहुंचाई. वर्ष 2004 से 2006 के मध्य हुए इस घोटाला मामले में कई सरकारी व गैर सरकारी लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी.

अभियुक्त के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
इन सभी मुकदमों की विवेचना एसआईटी कर रही थी. हालांकि बाद में हाईकोर्ट के आदेश से इन मामलों की जांच सीबीआई को स्थानांतरित कर दी गई. विवेचना में पता चला कि अभियुक्तों की मिलीभगत से बीपीएल योजना के तहत गरीबों में वितरित किया जाने वाला खाद्यान एफसीआई, सीडब्लूसी व एसडल्लूसी के गोदाम से ब्लॉक के गोदाम में नहीं पहुंचाकर तमाम आटा व चावल मिलों तक पहुंचा दिया गया. अभियुक्त रिषीदत्त शर्मा ने 15 मार्च 2021 को ही इस मामले में आत्मसमर्पण किया है. इसके पूर्व अदालत ने अभियुक्त के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा था.
पढ़ें-कोर्ट ने PFI के चार सदस्यों को एक मामले में किया दोष मुक्त

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.