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तीन नेताओं को सपा भेज सकती है राज्यसभा, दावेदार तीस से अधिक, ये जा सकते हैं उच्च सदन

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 11 सीटों का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है. इससे पहले इन 11 सीटों पर निर्वाचन की प्रक्रिया के अंतर्गत 10 जून को मतदान होगा. भारतीय जनता पार्टी इन 11 में से 8 सीट आसानी से जीत सकेगी. जबकि तीन सीटें समाजवादी पार्टी आसानी से जीत सकेगी.

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समाजवादी पार्टी
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Published : May 23, 2022, 10:17 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 11 सीटों का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है. इससे पहले इन 11 सीटों पर निर्वाचन की प्रक्रिया के अंतर्गत 10 जून को मतदान होगा. उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी इन 11 में से 8 सीट आसानी से जीत सकेगी. जबकि तीन सीटें समाजवादी पार्टी आसानी से जीत सकेगी.

ऐसे में समाजवादी पार्टी तीन नेताओं को अपने कोटे से राज्यसभा भेजने की स्थिति में है. समाजवादी पार्टी से राज्यसभा जाने के लिए करीब 30 से अधिक दावेदार बताए जा रहे हैं, जिनमें करीब एक दर्जन नाम तो ऐसे हैं जो पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और अखिलेश यादव या मुलायम सिंह यादव के करीबी नेताओं में शामिल हैं. देखना दिलचस्प होगा कि समाजवादी पार्टी किन तीन नेताओं को राज्यसभा भेजने के लिए उनके नाम पर मुहर लगाती है.

तीन नेताओं को सपा भेज सकती है राज्यसभा

विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिल रही है उसके अनुसार राज्यसभा जाने वालों में जिनके नाम सर्वाधिक चर्चा में है और लगभग उन्हें समाजवादी पार्टी के कोटे से राज्यसभा भेजा जाना तय माना जा रहा है. उनमें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन, सपा रालोद गठबंधन के अंतर्गत रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी का नाम शामिल है.

इसके अलावा बदायूं से पूर्व सांसद सलीम शेरवानी का भी नाम प्रमुखता से चर्चा में है. इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और समाजवादी पार्टी के नेताओं के सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों की पैरवी करने वाले कपिल सिब्बल को भी समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेज सकती है. इसके अलावा अन्य नेताओं के नाम प्रमुख रूप से चर्चा में हैं.

उनमें भारतीय जनता पार्टी छोड़कर विधानसभा चुनाव से पहले सपा में शामिल होने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य, सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा, पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, रामगोविंद चौधरी, इमरान मसूद, सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर अपने बेटे अरविंद राजभर को राज्यसभा भेजने के लिए समाजवादी पार्टी पर दबाव बना रहे हैं.

इसके अलावा सूत्रों का कहना है कि आजम खान भी अपने किसी करीबी को राज्यसभा भेजने को लेकर दबाव बना रहे हैं और यही कारण है कि वह अखिलेश से नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं. इसके अलावा अन्य नेताओं के नाम दावेदारों में बताए जा रहे हैं, उनमें समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आजमी और केरल के जो एंटनी का नाम भी चर्चा में है.

इसे भी पढ़ेंः यूपी विधानसभा सत्र से पहले सपा विधायकों का प्रदर्शन, महंगाई पर सरकार को घेरा

हालांकि इन्हें राज्यसभा भेजे जाने की फिलहाल बहुत ज्यादा गुंजाइश नजर नहीं आ रही है. सूत्रों का यह भी कहना है कि जो एंटनी केरल के हैं और समाजवादी पार्टी के फाउंडर मेंबरों में से एक हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी उन्हें राज्यसभा भेज सकती है. इसके अलावा भी समाजवादी पार्टी के टिकट पर राज्यसभा जाने के लिए तमाम अन्य लोग भी प्रयासरत हैं. देखना दिलचस्प होगा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव किसे राज्यसभा भेजने का फैसला करते हैं.

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद कहते हैं कि राज्यसभा का चुनाव नजदीक है. समाजवादी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व प्रत्याशियों का चयन कर लेगा कितने सीटों पर चुनाव लड़ाना है. यह सब कुछ पार्टी नेतृत्व तय करेगा. राज्यसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी के सभी राज्यसभा में और मजबूत हो जाएगी. राज्यसभा में गरीबों की महंगाई बेरोजगारी से संबंधित जो भी मुद्दे हैं, उन्हें मजबूती के साथ उठाने का काम करेगी.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 11 सीटों का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है. इससे पहले इन 11 सीटों पर निर्वाचन की प्रक्रिया के अंतर्गत 10 जून को मतदान होगा. उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी इन 11 में से 8 सीट आसानी से जीत सकेगी. जबकि तीन सीटें समाजवादी पार्टी आसानी से जीत सकेगी.

ऐसे में समाजवादी पार्टी तीन नेताओं को अपने कोटे से राज्यसभा भेजने की स्थिति में है. समाजवादी पार्टी से राज्यसभा जाने के लिए करीब 30 से अधिक दावेदार बताए जा रहे हैं, जिनमें करीब एक दर्जन नाम तो ऐसे हैं जो पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और अखिलेश यादव या मुलायम सिंह यादव के करीबी नेताओं में शामिल हैं. देखना दिलचस्प होगा कि समाजवादी पार्टी किन तीन नेताओं को राज्यसभा भेजने के लिए उनके नाम पर मुहर लगाती है.

तीन नेताओं को सपा भेज सकती है राज्यसभा

विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिल रही है उसके अनुसार राज्यसभा जाने वालों में जिनके नाम सर्वाधिक चर्चा में है और लगभग उन्हें समाजवादी पार्टी के कोटे से राज्यसभा भेजा जाना तय माना जा रहा है. उनमें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन, सपा रालोद गठबंधन के अंतर्गत रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी का नाम शामिल है.

इसके अलावा बदायूं से पूर्व सांसद सलीम शेरवानी का भी नाम प्रमुखता से चर्चा में है. इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और समाजवादी पार्टी के नेताओं के सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों की पैरवी करने वाले कपिल सिब्बल को भी समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेज सकती है. इसके अलावा अन्य नेताओं के नाम प्रमुख रूप से चर्चा में हैं.

उनमें भारतीय जनता पार्टी छोड़कर विधानसभा चुनाव से पहले सपा में शामिल होने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य, सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा, पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, रामगोविंद चौधरी, इमरान मसूद, सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर अपने बेटे अरविंद राजभर को राज्यसभा भेजने के लिए समाजवादी पार्टी पर दबाव बना रहे हैं.

इसके अलावा सूत्रों का कहना है कि आजम खान भी अपने किसी करीबी को राज्यसभा भेजने को लेकर दबाव बना रहे हैं और यही कारण है कि वह अखिलेश से नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं. इसके अलावा अन्य नेताओं के नाम दावेदारों में बताए जा रहे हैं, उनमें समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आजमी और केरल के जो एंटनी का नाम भी चर्चा में है.

इसे भी पढ़ेंः यूपी विधानसभा सत्र से पहले सपा विधायकों का प्रदर्शन, महंगाई पर सरकार को घेरा

हालांकि इन्हें राज्यसभा भेजे जाने की फिलहाल बहुत ज्यादा गुंजाइश नजर नहीं आ रही है. सूत्रों का यह भी कहना है कि जो एंटनी केरल के हैं और समाजवादी पार्टी के फाउंडर मेंबरों में से एक हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी उन्हें राज्यसभा भेज सकती है. इसके अलावा भी समाजवादी पार्टी के टिकट पर राज्यसभा जाने के लिए तमाम अन्य लोग भी प्रयासरत हैं. देखना दिलचस्प होगा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव किसे राज्यसभा भेजने का फैसला करते हैं.

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद कहते हैं कि राज्यसभा का चुनाव नजदीक है. समाजवादी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व प्रत्याशियों का चयन कर लेगा कितने सीटों पर चुनाव लड़ाना है. यह सब कुछ पार्टी नेतृत्व तय करेगा. राज्यसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी के सभी राज्यसभा में और मजबूत हो जाएगी. राज्यसभा में गरीबों की महंगाई बेरोजगारी से संबंधित जो भी मुद्दे हैं, उन्हें मजबूती के साथ उठाने का काम करेगी.

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