लखनऊ : पूर्व मंत्री व सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने गालीबाज श्रीकांत त्यागी मामले (Srikant Tyagi Case) में नाम लिए जाने से नाराज होकर नोएडा पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह को लीगल नोटिस भेजा है. स्वामी ने 11.50 करोड़ से अधिक का लीगल नोटिस कमिश्नर को भेजा है. उन पर श्रीकांत त्यागी को विधानसभा का वाहन पास दिलाने के आरोप लगा है. स्वामी मौर्य ने कहा कि अगर नोएडा कमिश्नर ने सार्वजनिक रूप से उनसे माफी नहीं मांगी तो वो कोर्ट की शरण में जाएंगे. स्वामी प्रसाद ने कहा कि कमिश्नर ने उनका नाम लिया है तो उन्हें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का भी नाम लेना चाहिए था.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि तत्थों को जांचें बिना पुलिस गैर-जिम्मेदारी से उनका नाम ले रही है और उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर ने विधानसभा वाहन पास को लेकर श्रीकांत त्यागी प्रकरण में बिना जांच-पड़ताल किए गैर जिम्मेदाराना हरकत कर प्रेस के माध्यम से पूरे देश में मेरी छवि-प्रतिष्ठा एवं लोकप्रियता को धूमिल करने का प्रयास किया, उसके परिप्रेक्ष्य में मानहानि करने संबंधी कानूनी नोटिस भेजी है.
स्वामी प्रसाद ने कहा कि अगर सिर्फ श्रीकांत से जान पहचान के आधार पर कमिश्नर ने उनका नाम लिया है तो उन्हें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के भी नाम लेना चाहिए था, क्योंकि उनके साथ श्रीकांत त्यागी की तश्वीरें पूरे देश ने देखी हैं.
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नोएडा की ग्रैंड ओमैक्स सोसायटी में महिला से गाली गलौज करने के मामले में श्रीकांत त्यागी को 8 अगस्त को नोएडा पुलिस ने मेरठ से गिरफ्तार किया था. इसके बाद नोएडा पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने प्रेस कान्फ्रेंस की थी. इस दौरान कमिश्नर ने कहा था कि पुलिस की जांच में सामने आया है कि श्रीकांत त्यागी के कब्जे से बरामद हुई कार पर लगे वाहन पास को पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने उपलब्ध कराया था.
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