ETV Bharat / city

सिख समुदाय ने मनाया श्रीअकाल तख्त साहिब का स्थापना दिवस

author img

By

Published : Jul 2, 2022, 11:00 PM IST

लखनऊ में शनिवार को सिख समुदाय द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब का स्थापना दिवस मनाया गया.

etv bharat
श्रीअकाल तख्त साहिब का स्थापना दिवस

लखनऊ: संपूर्ण विश्व में सिख समुदाय द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. भव्य आयोजन के साथ इसकी शुरुआत की गई. इसकी स्थापना सिख धर्म के छठे गुरु हरिगोबिंद साहिब जी, भाई गुरदास जी और बाबा बुडढा ने न्यायिक संबंधी और सांसारिक मामलों के लिए किया था. 17 वीं और 18 वीं शताब्दी के दौरान स्थापित हुए इस तख्त का मूल उद्देश मुगलों का विरोध करना था.

सिख समुदाय द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब के स्थापना दिवस के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन श्री सुखमनी साहिब के पाठ से आरम्भ हुआ. उसके उपरांत हजूरी रागी भाई राजिन्दर सिंह जी ने अपनी मधुरवाणी में शबद "वडा तेरा दरबार सचाई तुधु तखत , सिरा साहिब पातिसाहु निहचल चउर छत।।" गायन कर समूह संगत को निहाल किया.

ज्ञानी सुखदेव सिंह जी ने सिरजना दिवस पर कथा व्यख्यान करते हुए कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब सिखों की सर्वोच्च संस्था है जो अमृतसर, पंजाब, भारत में स्वर्ण मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग के ठीक सामने स्थित है. श्री अकाल तख्त साहिब का मूल आकार श्री गुरु हरिगोबिंद साहिब जी, भाई गुरदास जी और बाबा बुडढा जी ने अपने हाथों से 1606 में बनवाया था. आसन के निर्माण के लिए किसी अन्य व्यक्ति या कलाकार को नियोजित नहीं किया गया था.


यह भी पढे़ं:पैतृक गांव में लोकनायक जयप्रकाश को इस वजह से किया याद

लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बग्गा ने बताया कि मुगलों के अत्याचार के दौरान श्री अकाल तख्त साहिब की स्थापना की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य सभी को न्याय दिलाना और उनसे जुड़े हुए सांसारिक मामलों में उनका अधिकार दिलाना है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: संपूर्ण विश्व में सिख समुदाय द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. भव्य आयोजन के साथ इसकी शुरुआत की गई. इसकी स्थापना सिख धर्म के छठे गुरु हरिगोबिंद साहिब जी, भाई गुरदास जी और बाबा बुडढा ने न्यायिक संबंधी और सांसारिक मामलों के लिए किया था. 17 वीं और 18 वीं शताब्दी के दौरान स्थापित हुए इस तख्त का मूल उद्देश मुगलों का विरोध करना था.

सिख समुदाय द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब के स्थापना दिवस के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन श्री सुखमनी साहिब के पाठ से आरम्भ हुआ. उसके उपरांत हजूरी रागी भाई राजिन्दर सिंह जी ने अपनी मधुरवाणी में शबद "वडा तेरा दरबार सचाई तुधु तखत , सिरा साहिब पातिसाहु निहचल चउर छत।।" गायन कर समूह संगत को निहाल किया.

ज्ञानी सुखदेव सिंह जी ने सिरजना दिवस पर कथा व्यख्यान करते हुए कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब सिखों की सर्वोच्च संस्था है जो अमृतसर, पंजाब, भारत में स्वर्ण मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग के ठीक सामने स्थित है. श्री अकाल तख्त साहिब का मूल आकार श्री गुरु हरिगोबिंद साहिब जी, भाई गुरदास जी और बाबा बुडढा जी ने अपने हाथों से 1606 में बनवाया था. आसन के निर्माण के लिए किसी अन्य व्यक्ति या कलाकार को नियोजित नहीं किया गया था.


यह भी पढे़ं:पैतृक गांव में लोकनायक जयप्रकाश को इस वजह से किया याद

लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बग्गा ने बताया कि मुगलों के अत्याचार के दौरान श्री अकाल तख्त साहिब की स्थापना की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य सभी को न्याय दिलाना और उनसे जुड़े हुए सांसारिक मामलों में उनका अधिकार दिलाना है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.