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उन्नाव रेप केस: कोर्ट ने सेंगर के खिलाफ पॉक्सो की धारा 5सी और 6 भी जोड़ने का दिया आदेश

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Published : Aug 14, 2019, 6:33 PM IST

उन्नाव रेप केस में कोर्ट ने इस मामले में 16 अगस्त से गवाहों के बयान दर्ज करने का आदेश दिया. गवाहों के बयान इन कैमरा दर्ज किए जाएंगे. वहीं कोर्ट ने आरोप विधायक के खिलाफ पॉक्सो की धारा 5सी और 6 भी जोड़ने का आदेश दिया है.

पॉक्सो की धारा 5सी और 6 भी जोड़ने का आदेश.

नई दिल्ली: उन्नाव रेप केस में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर पर पॉक्सो की अन्य धाराओं के तहत आरोप तय करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने पॉक्सो की धारा 5सी और 6 भी जोड़ने का आदेश दिया है. कोर्ट ने एक लोकसेवक द्वारा दुष्कर्म करने का आरोप भी तय करने का आदेश दिया. इन धाराओं के तहत दस साल की कैद की सजा का प्रावधान है.

पॉक्सो की धारा 5सी और 6 भी जोड़ने का आदेश.

इन कैमरा दर्ज किए जाएंगे बयान

कोर्ट ने इस मामले में 16 अगस्त से गवाहों के बयान दर्ज करने का आदेश दिया. गवाहों के बयान इन कैमरा दर्ज किए जाएंगे, जिसका मतलब है कि पीड़ित और आरोपी पक्ष के अलावा सुनवाई के दौरान कोर्ट में तीसरा कोई मौजूद नहीं रहेगा. पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ रेप, पॉक्सो, और अपहरण की धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120(बी), 363, 376 और पॉक्सो के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया. कोर्ट ने 9 अगस्त को पॉक्सो की धारा 3 और 4 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था.

पिछले 13 अगस्त को पीड़िता के पिता को गलत तरीके से आर्म्स एक्ट के तहत फंसाये जाने के मामले में कोर्ट ने आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और तीन पुलिसकर्मियों पर आर्म्स एक्ट के तहत पीड़िता के पिता को गलत तरीके से फंसाने का आरोप तय किया. कोर्ट ने आर्म्स एक्ट और पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के केस को एक साथ टैग करने का आदेश दिया था. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने कहा था कि दोनों केसों के 43 गवाह एक ही हैं और दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. इसलिए दोनों केस टैग किए जाएं.

आत्मदाह की कोशिश के बाद हुई थी कार्रवाई

पिछले 8 अगस्त को आर्म्स एक्ट के मामले में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि जांच में पाया गया कि पीड़िता और उसके परिवार वालों ने घटना की रिपोर्ट लिखवानी चाही, लेकिन आरोपी विधायक के प्रभाव की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाईं, लेकिन उस पर कार्रवाई तब की गई. जब 7 अप्रैल 2018 को पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की.

सीबीआई ने बताया था विधायक पर आरोप सही

पिछले 7 अगस्त को आरोपी विधायक के खिलाफ रेप के मामले में सीबीआई की ओर से दायर आरोपपत्र पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि आरोपी पर रेप के आरोप बिल्कुल सही हैं. सीबीआई और पीड़िता की मां की ओर से वकील धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा और पूनम कौशिक ने कहा कि आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय होना चाहिए.

पिछले 6 अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई से उन्नाव रेप मामले के पीड़िता, उसकी देखभाल करने वालों और उसके परिजनों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी थी. कोर्ट ने उत्तरप्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिया था कि वो गवाहों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. कोर्ट ने पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट करने के बाद उसके परिजनों के ठहरने के बारे में भी रिपोर्ट मांगी.

एयरलिफ्ट कर पीड़िता को लाया गया दिल्ली

आपको बता दें कि पिछले 5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता और उसके वकील को लखनऊ के केजीएमसी से दिल्ली एयरलिफ्ट करने का आदेश दिया था. जिसके बाद मंगलवार को पीड़िता को एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया. पिछले 3 अगस्त को सीबीआई ने इस मामले में तीस हजारी कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था.

45 दिन के अंदर ट्रायल को पूरा करने का आदेश

ये मामला पहले यूपी में चल रहा था. आपको बता दें कि पिछले एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप कांड से जुड़े सभी मामलों को यूपी से दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. उसके बाद 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में बदलाव करते हुए एक्सीडेंट मामले के दिल्ली ट्रांसफर करने पर 15 दिनों की रोक लगाने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 45 दिन के अंदर ट्रायल को पूरा करने का आदेश दिया है.

क्या है पूरा मामला

मामला 4 जून 2017 का है. जब एक नाबालिग लड़की ने बीजेपी के निलंबित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर अपने घर पर रेप करने का आरोप लगाया. लड़की विधायक के घर काम की तलाश में गई थी. इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर न्यायिक हिरासत में हैं. दूसरे अभियुक्त शशि सिंह पर आरोप है कि वो लड़की को बहला फुसलाकर सेंगर के घर ले गई. लड़की के पिता की 9 अप्रैल 2018 में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. सेंगर के खिलाफ एक और हत्या का मामला तब दर्ज हुआ जब लड़की का अपने वकील और परिजनों के साथ एक्सीडेंट हुआ. इस एक्सीडेंट में लड़की के दो परिजनों की मौत हो गई.

नई दिल्ली: उन्नाव रेप केस में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर पर पॉक्सो की अन्य धाराओं के तहत आरोप तय करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने पॉक्सो की धारा 5सी और 6 भी जोड़ने का आदेश दिया है. कोर्ट ने एक लोकसेवक द्वारा दुष्कर्म करने का आरोप भी तय करने का आदेश दिया. इन धाराओं के तहत दस साल की कैद की सजा का प्रावधान है.

पॉक्सो की धारा 5सी और 6 भी जोड़ने का आदेश.

इन कैमरा दर्ज किए जाएंगे बयान

कोर्ट ने इस मामले में 16 अगस्त से गवाहों के बयान दर्ज करने का आदेश दिया. गवाहों के बयान इन कैमरा दर्ज किए जाएंगे, जिसका मतलब है कि पीड़ित और आरोपी पक्ष के अलावा सुनवाई के दौरान कोर्ट में तीसरा कोई मौजूद नहीं रहेगा. पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ रेप, पॉक्सो, और अपहरण की धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120(बी), 363, 376 और पॉक्सो के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया. कोर्ट ने 9 अगस्त को पॉक्सो की धारा 3 और 4 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था.

पिछले 13 अगस्त को पीड़िता के पिता को गलत तरीके से आर्म्स एक्ट के तहत फंसाये जाने के मामले में कोर्ट ने आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और तीन पुलिसकर्मियों पर आर्म्स एक्ट के तहत पीड़िता के पिता को गलत तरीके से फंसाने का आरोप तय किया. कोर्ट ने आर्म्स एक्ट और पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के केस को एक साथ टैग करने का आदेश दिया था. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने कहा था कि दोनों केसों के 43 गवाह एक ही हैं और दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. इसलिए दोनों केस टैग किए जाएं.

आत्मदाह की कोशिश के बाद हुई थी कार्रवाई

पिछले 8 अगस्त को आर्म्स एक्ट के मामले में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि जांच में पाया गया कि पीड़िता और उसके परिवार वालों ने घटना की रिपोर्ट लिखवानी चाही, लेकिन आरोपी विधायक के प्रभाव की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाईं, लेकिन उस पर कार्रवाई तब की गई. जब 7 अप्रैल 2018 को पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की.

सीबीआई ने बताया था विधायक पर आरोप सही

पिछले 7 अगस्त को आरोपी विधायक के खिलाफ रेप के मामले में सीबीआई की ओर से दायर आरोपपत्र पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि आरोपी पर रेप के आरोप बिल्कुल सही हैं. सीबीआई और पीड़िता की मां की ओर से वकील धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा और पूनम कौशिक ने कहा कि आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय होना चाहिए.

पिछले 6 अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई से उन्नाव रेप मामले के पीड़िता, उसकी देखभाल करने वालों और उसके परिजनों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी थी. कोर्ट ने उत्तरप्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिया था कि वो गवाहों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. कोर्ट ने पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट करने के बाद उसके परिजनों के ठहरने के बारे में भी रिपोर्ट मांगी.

एयरलिफ्ट कर पीड़िता को लाया गया दिल्ली

आपको बता दें कि पिछले 5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता और उसके वकील को लखनऊ के केजीएमसी से दिल्ली एयरलिफ्ट करने का आदेश दिया था. जिसके बाद मंगलवार को पीड़िता को एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया. पिछले 3 अगस्त को सीबीआई ने इस मामले में तीस हजारी कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था.

45 दिन के अंदर ट्रायल को पूरा करने का आदेश

ये मामला पहले यूपी में चल रहा था. आपको बता दें कि पिछले एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप कांड से जुड़े सभी मामलों को यूपी से दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. उसके बाद 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में बदलाव करते हुए एक्सीडेंट मामले के दिल्ली ट्रांसफर करने पर 15 दिनों की रोक लगाने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 45 दिन के अंदर ट्रायल को पूरा करने का आदेश दिया है.

क्या है पूरा मामला

मामला 4 जून 2017 का है. जब एक नाबालिग लड़की ने बीजेपी के निलंबित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर अपने घर पर रेप करने का आरोप लगाया. लड़की विधायक के घर काम की तलाश में गई थी. इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर न्यायिक हिरासत में हैं. दूसरे अभियुक्त शशि सिंह पर आरोप है कि वो लड़की को बहला फुसलाकर सेंगर के घर ले गई. लड़की के पिता की 9 अप्रैल 2018 में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. सेंगर के खिलाफ एक और हत्या का मामला तब दर्ज हुआ जब लड़की का अपने वकील और परिजनों के साथ एक्सीडेंट हुआ. इस एक्सीडेंट में लड़की के दो परिजनों की मौत हो गई.

Intro:नई दिल्ली । उन्नाव रेप मामले में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर पर पॉक्सो की अन्य धाराओं के तहत आरोप तय करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने पॉक्सो की धारा 5 सी और 6 भी जोड़ने का आदेश दिया है । कोर्ट ने एक लोकसेवक द्वारा यौन उत्पीड़न करने का आरोप भी तय करने का आदेश दिया। इन धाराओं के तहत दस साल की कैद की सजा का प्रावधान है ।



Body:कोर्ट ने इस मामले में 16 अगस्त से गवाहों के बयान दर्ज करने का आदेश दिया। गवाहों के बयान इन कैमरा दर्ज किए जाएंगे जिसका मतलब है कि पीड़ित और आरोपी पक्ष के अलावा सुनवाई के दौरान कोर्ट में तीसरा कोई मौजूद नहीं रहेगा।
पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ  रेप, पॉक्सो, और अपहरण की धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120(बी) , 363, 376 और पॉक्सो के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया। कोर्ट ने 9 अगस्त को पॉक्सो की धारा 3 और 4 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।
पिछले 13 अगस्त को पीड़िता के पिता को गलत तरीके से आर्म्स एक्ट के तहत फंसाये जाने के मामले में कोर्ट ने आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और तीन पुलिसकर्मियों पर आर्म्स एक्ट के तहत पीड़िता के पिता को ग़लत तरीके से फंसाने का आरोप तय किया। 
कोर्ट ने आर्म्स एक्ट और पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के केस को एक साथ टैग करने का आदेश दिया था। डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने कहा था कि दोनों केसों के 43 गवाह एक ही हैं और दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं इसलिए दोनों केस टैग किए जाएं। 
पिछले 8 अगस्त को आर्म्स एक्ट के मामले में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि जांच में पाया गया कि पीड़िता और उसके परिवार वालों ने घटना की रिपोर्ट लिखवानी चाही लेकिन आरोपी विधायक के प्रभाव की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाईं लेकिन उस पर कार्रवाई तब की गई जब 7 अप्रैल 2018 को पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की। 3 अप्रैल 2018 को उसके पिता को आरोपी विधायक के भाई ने सरेआम बुरी तरह पीटा । सीबीआई ने कहा था कि जांच में ये भी पाया गया कि स्थानीय थाने की पुलिस और अधिकारियों ने इसकी शिकायतों पर कोई गौर नहीं किया और लापरवाही बरती।
पिछले 7 अगस्त को आरोपी विधायक के खिलाफ रेप के मामले में सीबीआई की ओर से दायर आरोपपत्र पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि आरोपी पर रेप के आरोप बिल्कुल सही हैं। सीबीआई और पीड़िता की मां की ओर से वकील धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा और पूनम कौशिक ने कहा कि आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय होना चाहिए।
पिछले 6 अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई से उन्नाव रेप मामले के पीड़िता, उसकी देखभाल करनेवालों और उसके परिजनों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी थी। कोर्ट ने उत्तरप्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिया था कि वो गवाहों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें। कोर्ट ने पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट करने के बाद उसके परिजनों के ठहरने के बारे में भी रिपोर्ट मांगी था।
आपको बता दें कि पिछले 5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता और उसके वकील को लखनऊ के केजीएमसी से दिल्ली एयरलिफ्ट करने का आदेश दिया था। जिसके बाद कल पीड़िता को एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया। पिछले 3 अगस्त को सीबीआई ने इस मामले में तीस हजारी कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
ये मामला पहले यूपी में चल रहा था। आपको बता दें कि पिछले 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप कांड से जुड़े सभी मामलों को यूपी से दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। उसके बाद 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में बदलाव करते हुए एक्सीडेंट मामले के दिल्ली ट्रांसफर करने पर 15 दिनों की रोक लगाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 45 दिन के अंदर ट्रायल को पूरा करने का आदेश दिया है।



Conclusion:मामला 4 जून 2017 का है जब एक नाबालिग लड़की ने बीजेपी के निलंबित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर अपने घर पर रेप करने का आरोप लगाया। लड़की विधायक के घर काम की तलाश में गई थी। इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर न्यायिक हिरासत में हैं। दूसरे अभियुक्त शशि सिंह पर आरोप है कि वो लड़की को बहला फुसलाकर सेंगर के घर ले गई। लड़की के पिता की 9 अप्रैल 2018 में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। सेंगर के खिलाफ एक और हत्या का मामला तब दर्ज हुआ जब लड़की का अपने वकील और परिजनों के साथ एक्सीडेंट हुआ। इस एक्सीडेंट में लड़की के दो परिजनों की मौत हो गई ।
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