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लखनऊ में 10 जुलाई तक बढ़ाई गई धारा 144, अगर की यह गलतियां तो होगी कड़ी कार्रवाई

संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था पीयूष मोर्डिया ने आगामी 10 जुलाई तक लखनऊ में धारा 144 बढ़ा दी है. धारा 144 की शर्तों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

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Published : Jun 9, 2022, 9:36 PM IST

लखनऊ: पिछले दिनों कानपुर में हुए बवाल के बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस काफी सक्रिय हो गई है. कल जुमे की नमाज होनी है. इसी को ध्यान में रखकर संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था पीयूष मोर्डिया ने आगामी 10 जुलाई तक लखनऊ में धारा 144 बढ़ा दी है. उन्होंने इस बाबत आदेश जारी किया है. सख्त हिदायत भी दी है कि धारा 144 की शर्तों का उल्लंघन न किया जाए. जो भी ऐसा करेगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था पीयूष मोर्डिया ने बताया कि 14 जून को जेष्ठ माह का आखिरी मंगलवार और 10 जुलाई को ईद उल अजहा बकरीद मनाया जाएगा. इसके अलावा कई परीक्षाएं आयोजित होंगी. वैश्विक महामारी कोविड-19 का प्रभाव जनजीवन को प्रभावित कर रहा है. इसे ध्यान में रखकर गाइडलाइन और त्योहारों पर विशेष सतर्कता बरतना आवश्यक है. वर्तमान में विभिन्न पार्टी कार्यकर्ताओं, भारतीय किसान संगठनों और विभिन्न प्रदर्शनकारियों की तरफ से धरना प्रदर्शन से शांति व्यवस्था भंग हो सकती है, इसलिए धारा 144 को 10 जुलाई तक बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय भारत सरकार और उत्तर प्रदेश शासन से निर्गत आदेशों का अनुपालन कराने के लिए कई प्रतिबंधात्मक आदेश पारित किए हैं.

उन्होंने बताया कि विधान भवन के आसपास एक किलोमीटर की परिधि में ट्रैक्टर ट्राली, घोड़ा गाड़ी, बैलगाड़ी, भैंसागाड़ी और सिलिंडर व हथियार लेकर आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. इसमें किसी प्रकार के धरना प्रदर्शन पर भी पूरी तरह प्रतिबंध है. उन्होंने बताया कि सरकारी दफ्तरों और विधान भवन के ऊपर आसपास एक किलोमीटर परिधि में ड्रोन से शूटिंग करना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. अन्य स्थानों पर भी पुलिस आयुक्त की अनुमति के बिना ड्रोन कैमरे से शूटिंग फोटोग्राफी नहीं की जाएगी. कोई भी व्यक्ति पुलिस आयुक्त लखनऊ/संयुक्त पुलिस आयुक्त से बिना अनुमति प्राप्त किए कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करेगा. पांच या इससे अधिक व्यक्ति किसी प्रकार का कोई जुलूस नहीं निकालेंगे.

उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थान पर पांच से अधिक व्यक्तियों का समूह नहीं बनाएगा. किसी धार्मिक स्थल व सार्वजनिक स्थल पर लाउडस्पीकर के संबंध में उच्च न्यायालय लखनऊ पीठ की तरफ से ध्वनि तीव्रता निर्धारित की गई है. उसका पूरी तरह से पालन करना होगा. रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग नहीं किया जाएगा. मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च आदि धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर धार्मिक स्थल के परिसर तक ही सीमित रहेंगे. सार्वजनिक स्थलों, मार्गों पर नमाज, पूजा-अर्चना, जुलूस व अन्य प्रकार के धार्मिक आयोजन व ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग पूरी तरह वर्जित होगा.

उन्होंने बताया कि लखनऊ कमिश्नरेट की सीमा के अंदर लाठी, डंडा, तेज धार वाले चाकू, नुकीले शस्त्र, तलवार, बरछी, कटार, त्रिशूल और ज्वलनशील पदार्थ व घातक हथियार लेकर कोई प्रवेश नहीं करेगा. साथ ही लखनऊ कमिश्नरेट सीमा के अंदर किसी भी समुदाय के व्यक्ति द्वारा दूसरे समुदाय की भावनाओं के विपरीत ऐसा कोई भी आयोजन नहीं किया जाएगा, जिससे शांति भंग होने की आशंका हो. दूसरे समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ किसी प्रकार का उत्तेजनात्मक भाषण नहीं दिया जाएगा और न ही सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना और अफवाहें फैलाई जाएंगी.

ये भी पढ़ें : जुमे पर संगीनों के साए में होगा शहर, चप्पे-चप्पे पर ड्रोन से नजर

उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति किसी खुले स्थान पर या मकानों की छतों पर ईंट, पत्थर, सोडा वाटर की बोतल, ज्वलनशील पदार्थ या कोई विस्फोटक सामग्री जमा नहीं करेगा. कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर किसी प्रकार का ऐसा धार्मिक शब्द, प्रतीक चिन्ह का प्रयोग नहीं करेगा जिससे किसी भी समुदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचे.

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लखनऊ: पिछले दिनों कानपुर में हुए बवाल के बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस काफी सक्रिय हो गई है. कल जुमे की नमाज होनी है. इसी को ध्यान में रखकर संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था पीयूष मोर्डिया ने आगामी 10 जुलाई तक लखनऊ में धारा 144 बढ़ा दी है. उन्होंने इस बाबत आदेश जारी किया है. सख्त हिदायत भी दी है कि धारा 144 की शर्तों का उल्लंघन न किया जाए. जो भी ऐसा करेगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था पीयूष मोर्डिया ने बताया कि 14 जून को जेष्ठ माह का आखिरी मंगलवार और 10 जुलाई को ईद उल अजहा बकरीद मनाया जाएगा. इसके अलावा कई परीक्षाएं आयोजित होंगी. वैश्विक महामारी कोविड-19 का प्रभाव जनजीवन को प्रभावित कर रहा है. इसे ध्यान में रखकर गाइडलाइन और त्योहारों पर विशेष सतर्कता बरतना आवश्यक है. वर्तमान में विभिन्न पार्टी कार्यकर्ताओं, भारतीय किसान संगठनों और विभिन्न प्रदर्शनकारियों की तरफ से धरना प्रदर्शन से शांति व्यवस्था भंग हो सकती है, इसलिए धारा 144 को 10 जुलाई तक बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय भारत सरकार और उत्तर प्रदेश शासन से निर्गत आदेशों का अनुपालन कराने के लिए कई प्रतिबंधात्मक आदेश पारित किए हैं.

उन्होंने बताया कि विधान भवन के आसपास एक किलोमीटर की परिधि में ट्रैक्टर ट्राली, घोड़ा गाड़ी, बैलगाड़ी, भैंसागाड़ी और सिलिंडर व हथियार लेकर आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. इसमें किसी प्रकार के धरना प्रदर्शन पर भी पूरी तरह प्रतिबंध है. उन्होंने बताया कि सरकारी दफ्तरों और विधान भवन के ऊपर आसपास एक किलोमीटर परिधि में ड्रोन से शूटिंग करना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. अन्य स्थानों पर भी पुलिस आयुक्त की अनुमति के बिना ड्रोन कैमरे से शूटिंग फोटोग्राफी नहीं की जाएगी. कोई भी व्यक्ति पुलिस आयुक्त लखनऊ/संयुक्त पुलिस आयुक्त से बिना अनुमति प्राप्त किए कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करेगा. पांच या इससे अधिक व्यक्ति किसी प्रकार का कोई जुलूस नहीं निकालेंगे.

उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थान पर पांच से अधिक व्यक्तियों का समूह नहीं बनाएगा. किसी धार्मिक स्थल व सार्वजनिक स्थल पर लाउडस्पीकर के संबंध में उच्च न्यायालय लखनऊ पीठ की तरफ से ध्वनि तीव्रता निर्धारित की गई है. उसका पूरी तरह से पालन करना होगा. रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग नहीं किया जाएगा. मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च आदि धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर धार्मिक स्थल के परिसर तक ही सीमित रहेंगे. सार्वजनिक स्थलों, मार्गों पर नमाज, पूजा-अर्चना, जुलूस व अन्य प्रकार के धार्मिक आयोजन व ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग पूरी तरह वर्जित होगा.

उन्होंने बताया कि लखनऊ कमिश्नरेट की सीमा के अंदर लाठी, डंडा, तेज धार वाले चाकू, नुकीले शस्त्र, तलवार, बरछी, कटार, त्रिशूल और ज्वलनशील पदार्थ व घातक हथियार लेकर कोई प्रवेश नहीं करेगा. साथ ही लखनऊ कमिश्नरेट सीमा के अंदर किसी भी समुदाय के व्यक्ति द्वारा दूसरे समुदाय की भावनाओं के विपरीत ऐसा कोई भी आयोजन नहीं किया जाएगा, जिससे शांति भंग होने की आशंका हो. दूसरे समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ किसी प्रकार का उत्तेजनात्मक भाषण नहीं दिया जाएगा और न ही सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना और अफवाहें फैलाई जाएंगी.

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उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति किसी खुले स्थान पर या मकानों की छतों पर ईंट, पत्थर, सोडा वाटर की बोतल, ज्वलनशील पदार्थ या कोई विस्फोटक सामग्री जमा नहीं करेगा. कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर किसी प्रकार का ऐसा धार्मिक शब्द, प्रतीक चिन्ह का प्रयोग नहीं करेगा जिससे किसी भी समुदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचे.

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