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माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने गिनाईं 100 दिन की उपलब्धियां, जानिये क्या हुए काम?

माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने मंगलवार को लोक भवन स्थित मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता की. उन्होंने माध्यमिक शिक्षा विभाग की 100 दिवसीय कार्ययोजना के बारे में बताया.

माध्यमिक शिक्षा मंत्री
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Published : Jul 19, 2022, 9:57 PM IST

लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने मंगलवार को लोक भवन स्थित मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता की. उन्होंने माध्यमिक शिक्षा विभाग की 100 दिवसीय कार्ययोजना के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि कार्ययोजना का लक्ष्य सभी विद्यार्थियों को ज्ञान, कौशल और राष्ट्र प्रेम की भावना विकसित करने वाली गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराना है.

माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि प्रदेश में कौन से विद्यालय कहां स्थित हैं, किस बस्ती के नजदीक कितने विद्यालय हैं एवं नया विद्यालय बनाने के लिए उचित स्थान क्या है, इत्यादि की जानकारी व प्रश्नों के उत्तर देने के लिए सभी विद्यालयों की मैंपिग कर दी गयी है और एक वेब पोर्टल विकसित किया गया है. जिसका नाम ’‘पहुंच’’ रखा गया है. स्कूल मैपिंग साॅफ्टवेयर और पहुंच पोर्टल का विकास भास्कराचार्य नेशनल इन्सीट्यूट फार स्पेस एप्लीकेशन एंड जिओ इन्फार्मेटिक्स (BISAG), गांधीनगर गुजरात के सहयोग से किया गया है. स्कूल मैपिंग की इस नवीन व्यवस्था से माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की व्यवस्था और अधिक तर्कसंगत एवं पारदर्शी सम्भव होगी. उन्होंने बताया कि कक्षा-10 तथा कक्षा-12 की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद बच्चों की सहायता के लिए करियर गाइडेंस पोर्टल ’’पंख’’ को विकसित किया गया है. इस पोर्टल पर विद्यार्थियों को उनकी आकांक्षाओं, रूचि और रूझान से मेल खाने वाले विभिन्न करियर पथ का चयन करने और उन्हें काॅलेज, छात्रवृत्ति, कौशल विकास कार्यक्रम, इन्टर्नशिप और शिक्षा के विषय में उपलब्ध विकल्पों के बारे में बेहतर सलाह मिल सकेगी. सम्प्रति राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क व्यवस्था की गयी है.


माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि विद्यार्थियों और जन सामान्य को सहजतापूर्वक सम-सामयिक एवं संदर्भ सामग्री उपलब्ध कराने के लिए ई-लाइब्रेरी पोर्टल ‘‘प्रज्ञान’’ और मोबाइल एप विकसित किया गया है. पोर्टल पर ई-पुस्तकों के विशाल संग्रह के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं, उद्यमिता व स्टार्ट-अप, एनआईसी ई-ग्रन्थालय एवं उप्र लाइब्रेरी नेटवर्क की जानकारी उपलब्ध है. पोर्टल सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि किस राजकीय विद्यालय में क्या संसाधन हैं तथा विद्यालयों में हो रही गतिविधियों की जानकारी प्राप्त करने तथा अनुश्रवण, पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण करने के लिए ‘‘परख’’ पोर्टल विकसित किया गया है. विद्यालयों के प्रदर्शन के मानक भी विकसित किये गये हैं जिनके आधार पर प्रत्येक राजकीय विद्यालय की श्रेणी निर्धारित होगी. प्रदर्शन आधारित श्रेणीकरण की व्यवस्था से विद्यालयों में स्वस्थ शैक्षिक प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होगी.


माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि यूपी बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त, सहायता प्राप्त और राजकीय विद्यालयों के विषय में जानकारी के लिये प्रत्येक विद्यालय का वेबपेज बनाया गया है जो कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध है. इस वेबपेज पर विद्यालय में छात्र पंजीकरण, स्टाफ विवरण, सुविधाएं, विविध क्षेत्रों में प्रदर्शन, परीक्षा परिणाम और विशिष्ट उपलब्धि इत्यादि की जानकारी मौजूद है. इस व्यवस्था से शैक्षिक नियोजन, प्रबन्धन एवं प्रशासन में सुगमता होगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 में व्यावसायिक ज्ञान को पाठ्यक्रम में एकीकृत कर चरणबद्ध तरीके से सभी विद्यार्थियों को सुलभ बनाने की सिफारिश की गयी है.


उन्होंने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा कौशल विकास मिशन के साथ मिलकर अभिनव प्रयास ’’प्रवीण’’ योजना के रूप में प्रारम्भ किया जा रहा है. माध्यमिक शिक्षा विभाग एवं उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के संयुक्त सहयोग से राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में वोकेशनल ट्रेनिंग के माध्यम से जॉब रेडी स्किल्स के विकास के लिए प्रत्येक कार्यदिवस में विद्यालय अवधि में निःशुल्क सर्टिफिकेशन कोर्स संचालित किया जायेगा. माध्यमिक शिक्षा विभाग इच्छुक विद्यार्थियों का चिन्हांकन करेगा तथा कक्षा-कक्ष उपलब्ध करायेगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश के असेवित क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता की वहनीय शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 39 नवीन हाईस्कूल और 14 नवीन इण्टर काॅलेज का निर्माण प्रारम्भ किया जा रहा है. इन राजकीय हाईस्कूलों की स्थापना से प्रतिवर्ष लगभग 6,240 और राजकीय इंटर काॅलेजों की स्थापना से लगभग 2240 छात्र-छात्राओं को अध्ययन की सुविधा उपलब्ध होगी.

ये भी पढ़ें : 5 हजार रिश्वत लेते हुए सिपाही गिरफ्तार, DIG बोले- लखनऊ पुलिस की शिकायतें ज्यादा

माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि असेवित क्षेत्रों में माध्यमिक शिक्षा सुलभ कराने के लिए 84 नवीन राजकीय इंटर काॅलेजों का निर्माण करके संचालन प्रारम्भ किया गया है. इन विद्यालयों के संचालन से प्रतिवर्ष लगभग 46,200 छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक माध्यमिक स्तर की शिक्षा सुविधा उपलब्ध होगी. उन्होंने बताया कि शैक्षिक दृष्टि से पिछडे़ व सुदूरवर्ती क्षेत्र में रहने वाली वंचित समूह की लगभग 6500 छात्राओं को प्रतिवर्ष निःशुल्क आवासीय शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 65 बालिका छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है.
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लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने मंगलवार को लोक भवन स्थित मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता की. उन्होंने माध्यमिक शिक्षा विभाग की 100 दिवसीय कार्ययोजना के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि कार्ययोजना का लक्ष्य सभी विद्यार्थियों को ज्ञान, कौशल और राष्ट्र प्रेम की भावना विकसित करने वाली गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराना है.

माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि प्रदेश में कौन से विद्यालय कहां स्थित हैं, किस बस्ती के नजदीक कितने विद्यालय हैं एवं नया विद्यालय बनाने के लिए उचित स्थान क्या है, इत्यादि की जानकारी व प्रश्नों के उत्तर देने के लिए सभी विद्यालयों की मैंपिग कर दी गयी है और एक वेब पोर्टल विकसित किया गया है. जिसका नाम ’‘पहुंच’’ रखा गया है. स्कूल मैपिंग साॅफ्टवेयर और पहुंच पोर्टल का विकास भास्कराचार्य नेशनल इन्सीट्यूट फार स्पेस एप्लीकेशन एंड जिओ इन्फार्मेटिक्स (BISAG), गांधीनगर गुजरात के सहयोग से किया गया है. स्कूल मैपिंग की इस नवीन व्यवस्था से माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की व्यवस्था और अधिक तर्कसंगत एवं पारदर्शी सम्भव होगी. उन्होंने बताया कि कक्षा-10 तथा कक्षा-12 की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद बच्चों की सहायता के लिए करियर गाइडेंस पोर्टल ’’पंख’’ को विकसित किया गया है. इस पोर्टल पर विद्यार्थियों को उनकी आकांक्षाओं, रूचि और रूझान से मेल खाने वाले विभिन्न करियर पथ का चयन करने और उन्हें काॅलेज, छात्रवृत्ति, कौशल विकास कार्यक्रम, इन्टर्नशिप और शिक्षा के विषय में उपलब्ध विकल्पों के बारे में बेहतर सलाह मिल सकेगी. सम्प्रति राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क व्यवस्था की गयी है.


माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि विद्यार्थियों और जन सामान्य को सहजतापूर्वक सम-सामयिक एवं संदर्भ सामग्री उपलब्ध कराने के लिए ई-लाइब्रेरी पोर्टल ‘‘प्रज्ञान’’ और मोबाइल एप विकसित किया गया है. पोर्टल पर ई-पुस्तकों के विशाल संग्रह के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं, उद्यमिता व स्टार्ट-अप, एनआईसी ई-ग्रन्थालय एवं उप्र लाइब्रेरी नेटवर्क की जानकारी उपलब्ध है. पोर्टल सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि किस राजकीय विद्यालय में क्या संसाधन हैं तथा विद्यालयों में हो रही गतिविधियों की जानकारी प्राप्त करने तथा अनुश्रवण, पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण करने के लिए ‘‘परख’’ पोर्टल विकसित किया गया है. विद्यालयों के प्रदर्शन के मानक भी विकसित किये गये हैं जिनके आधार पर प्रत्येक राजकीय विद्यालय की श्रेणी निर्धारित होगी. प्रदर्शन आधारित श्रेणीकरण की व्यवस्था से विद्यालयों में स्वस्थ शैक्षिक प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होगी.


माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि यूपी बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त, सहायता प्राप्त और राजकीय विद्यालयों के विषय में जानकारी के लिये प्रत्येक विद्यालय का वेबपेज बनाया गया है जो कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध है. इस वेबपेज पर विद्यालय में छात्र पंजीकरण, स्टाफ विवरण, सुविधाएं, विविध क्षेत्रों में प्रदर्शन, परीक्षा परिणाम और विशिष्ट उपलब्धि इत्यादि की जानकारी मौजूद है. इस व्यवस्था से शैक्षिक नियोजन, प्रबन्धन एवं प्रशासन में सुगमता होगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 में व्यावसायिक ज्ञान को पाठ्यक्रम में एकीकृत कर चरणबद्ध तरीके से सभी विद्यार्थियों को सुलभ बनाने की सिफारिश की गयी है.


उन्होंने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा कौशल विकास मिशन के साथ मिलकर अभिनव प्रयास ’’प्रवीण’’ योजना के रूप में प्रारम्भ किया जा रहा है. माध्यमिक शिक्षा विभाग एवं उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के संयुक्त सहयोग से राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में वोकेशनल ट्रेनिंग के माध्यम से जॉब रेडी स्किल्स के विकास के लिए प्रत्येक कार्यदिवस में विद्यालय अवधि में निःशुल्क सर्टिफिकेशन कोर्स संचालित किया जायेगा. माध्यमिक शिक्षा विभाग इच्छुक विद्यार्थियों का चिन्हांकन करेगा तथा कक्षा-कक्ष उपलब्ध करायेगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश के असेवित क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता की वहनीय शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 39 नवीन हाईस्कूल और 14 नवीन इण्टर काॅलेज का निर्माण प्रारम्भ किया जा रहा है. इन राजकीय हाईस्कूलों की स्थापना से प्रतिवर्ष लगभग 6,240 और राजकीय इंटर काॅलेजों की स्थापना से लगभग 2240 छात्र-छात्राओं को अध्ययन की सुविधा उपलब्ध होगी.

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माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि असेवित क्षेत्रों में माध्यमिक शिक्षा सुलभ कराने के लिए 84 नवीन राजकीय इंटर काॅलेजों का निर्माण करके संचालन प्रारम्भ किया गया है. इन विद्यालयों के संचालन से प्रतिवर्ष लगभग 46,200 छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक माध्यमिक स्तर की शिक्षा सुविधा उपलब्ध होगी. उन्होंने बताया कि शैक्षिक दृष्टि से पिछडे़ व सुदूरवर्ती क्षेत्र में रहने वाली वंचित समूह की लगभग 6500 छात्राओं को प्रतिवर्ष निःशुल्क आवासीय शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 65 बालिका छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है.
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