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डॉक्टरों ने किया कमाल, बिना चीरा निकाली गयी सांस की नली से गोली

लखनऊ के एपेक्स ट्रॉमा सेंटर (Lucknow Apex Trauma Center) में भर्ती मरीज की वायु नली में फंसी गोली को चिकित्सीय कठोर ब्रोंकोस्कोपी (clinically rigorous bronchoscopy in lucknow) से बाहर निकाला गया.

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Published : Aug 30, 2022, 8:51 AM IST

Updated : Aug 30, 2022, 9:26 AM IST

लखनऊ: जनपद में युवक (20) गोली लगने से घायल हो गया. उसे सोमवार को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (Sanjay Gandhi Pg Institute of Medical Sciences) के एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया. ट्रॉमा सर्जरी विभाग के डॉ. अमित कुमार सिंह ने बताया कि गोली युवक की पीठ के निचले हिस्से से निकल कर छाती (Trachea) में फंस गई. इससे शरीर के और भी अंगों में हवा का रिसाव होने लगा, जिससे मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगी.

एपेक्स ट्रॉमा सेंटर (Lucknow Apex Trauma Center) में मरीज की सामान्य एनेस्थेसिया के अंतर्गत मुंह के माध्यम से कठोर ब्रोंकोस्कोपी (clinically rigorous bronchoscopy in lucknow) की गई और चिमटी का उपयोग कर गोली को बाहर निकाल लिया गया. इसके बाद वायु नली में करीब दो सेंटीमीटर की दरार को कवर करने के लिए एक सिलिकॉन स्टेंट लगाया गया. वहीं, मरीज को जागरूक और सचेत स्थिति में आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया. इस प्रक्रिया से बिना किसी सर्जिकल चीरे के छाती से गोली को बाहर निकाल लिया गया.

यह भी पढ़ें: मांगों को लेकर KGMU के शिक्षकों ने काला फीता बांध शुरू किया विरोध

यह पहली प्रक्रिया (clinically rigorous bronchoscopy in lucknow) है, जो पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. अजमल खान और उनकी टीम द्वारा की गई है. मरीज अभी डॉक्टर अमित कुमार सिंह की देख रेख में एटीसी के आईसीयू में है. इस पूरी प्रकिया के नियोजन और क्रियान्वयन में एनेस्थेसिया विभाग की डॉ. रुचि वर्मा और रेडियोलाजी विभाग के डॉ. जफर नियाज का विशेष योगदान रहा.

यह भी पढ़ें: UP में 7 पुलिस उपाधीक्षकों का तबादला, जानें

लखनऊ: जनपद में युवक (20) गोली लगने से घायल हो गया. उसे सोमवार को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (Sanjay Gandhi Pg Institute of Medical Sciences) के एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया. ट्रॉमा सर्जरी विभाग के डॉ. अमित कुमार सिंह ने बताया कि गोली युवक की पीठ के निचले हिस्से से निकल कर छाती (Trachea) में फंस गई. इससे शरीर के और भी अंगों में हवा का रिसाव होने लगा, जिससे मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगी.

एपेक्स ट्रॉमा सेंटर (Lucknow Apex Trauma Center) में मरीज की सामान्य एनेस्थेसिया के अंतर्गत मुंह के माध्यम से कठोर ब्रोंकोस्कोपी (clinically rigorous bronchoscopy in lucknow) की गई और चिमटी का उपयोग कर गोली को बाहर निकाल लिया गया. इसके बाद वायु नली में करीब दो सेंटीमीटर की दरार को कवर करने के लिए एक सिलिकॉन स्टेंट लगाया गया. वहीं, मरीज को जागरूक और सचेत स्थिति में आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया. इस प्रक्रिया से बिना किसी सर्जिकल चीरे के छाती से गोली को बाहर निकाल लिया गया.

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यह पहली प्रक्रिया (clinically rigorous bronchoscopy in lucknow) है, जो पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. अजमल खान और उनकी टीम द्वारा की गई है. मरीज अभी डॉक्टर अमित कुमार सिंह की देख रेख में एटीसी के आईसीयू में है. इस पूरी प्रकिया के नियोजन और क्रियान्वयन में एनेस्थेसिया विभाग की डॉ. रुचि वर्मा और रेडियोलाजी विभाग के डॉ. जफर नियाज का विशेष योगदान रहा.

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Last Updated : Aug 30, 2022, 9:26 AM IST
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