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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, भाजपा सरकार में किसानों का सर्वाधिक उत्पीड़न

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने गुरूवार को जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश के 62 से ज्यादा जनपदों में सूखे का संकट है. किसानों के खेत सूख रहे हैं. भाजपा सरकार (BJP government) ने सूखे की स्थिति से उबरने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए. वह प्रदेश में सूखे का सर्वे करने का ही बहाना बना रही है.

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Published : Sep 8, 2022, 7:39 PM IST

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों का सर्वाधिक उत्पीड़न हो रहा है. सूखा संकट से प्रदेश तबाह है. किसान बदहाल है. भाजपा सरकार (BJP government) इससे मुंह चुराकर झूठे वादों और आश्वासनों से ही अपनी संवेदनशून्यता का परिचय दे रही है.


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने गुरूवार को जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश के 62 से ज्यादा जनपदों में सूखे का संकट है. किसानों के खेत सूख रहे हैं. भाजपा सरकार (BJP government) ने सूखे की स्थिति से उबरने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए. वह प्रदेश में सूखे का सर्वे करने का ही बहाना बना रही है. पांच साल की एक अवधि पूरी करने के बाद छह महीने से अधिक बीत गए भाजपा सरकार आसन्न संकट के प्रति लापरवाह बनी रही. अब जब हालात बद से बदतर हो चले हैं. सर्वे की बातें हो रही हैं. राज्य सरकार पूरे उत्तर प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों के लिए राहत तत्काल उपलब्ध कराये.

उन्होंने कहा कि सूखे की स्थिति में जिलों में जहां सरकारी नलकूपों में ताले पड़े हुए हैं, वहीं किसानों को 100 रुपये प्रतिघंटा की दर से पानी खरीदने को विवश होना पड़ रहा है. किसानों से अभी भी बिजली बिल की वसूली हो रही है. सरकार के तमाम वादों के बावजूद किसानों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है. बिजली कटौती के घंटे बढ़ते ही जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों और संवैधानिक दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने के चलते ही किसानों को समय से न तो राहत मिलती है और न ही मुआवजा मिल पाता है. भाजपा सरकार नुकसान का मुआवजा न देने के लिए कोई न कोई बहाना बनाती रहती है. भाजपा की सरकार को किसानों के कल्याण की कभी परवाह नहीं रही.

यह भी पढ़ें : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बोले, आटे को लीटर में नापने वाले कांग्रेस नेताओं के बारे में क्या बोलें

कहा कि भाजपा सरकार (BJP government) किसानों को राहत देने की जगह उन्हें प्रताड़ित करने के नए-नए तरीके खोजने में शक्ति लगा रही है. प्रदेश में किसानों को सम्मान निधि देने की शुरूआत में एक करोड़ किसानों को दो-दो हजार रुपए की किस्त जारी की गई थी. चुनाव बीत गया तो अब भाजपा सरकार (BJP government) किसानों को दी गई किसान सम्मान निधि योजना (Kisan Samman Nidhi Scheme) की वसूली करने की साजिश में लगी है. 21 लाख किसानों को अब राजस्व कर्मी वसूली करने के लिए परेशान कर रहे हैं. किसान अब भाजपा के किसी वादे के झांसे में आने वाले नहीं है. 2024 में जनता भाजपा से अपने वोट की कीमत वसूल करेगी.

यह भी पढ़ें : राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह बोले, देश सविंधान से चलता है, उलेमाओं के नियम से नहीं

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों का सर्वाधिक उत्पीड़न हो रहा है. सूखा संकट से प्रदेश तबाह है. किसान बदहाल है. भाजपा सरकार (BJP government) इससे मुंह चुराकर झूठे वादों और आश्वासनों से ही अपनी संवेदनशून्यता का परिचय दे रही है.


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने गुरूवार को जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश के 62 से ज्यादा जनपदों में सूखे का संकट है. किसानों के खेत सूख रहे हैं. भाजपा सरकार (BJP government) ने सूखे की स्थिति से उबरने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए. वह प्रदेश में सूखे का सर्वे करने का ही बहाना बना रही है. पांच साल की एक अवधि पूरी करने के बाद छह महीने से अधिक बीत गए भाजपा सरकार आसन्न संकट के प्रति लापरवाह बनी रही. अब जब हालात बद से बदतर हो चले हैं. सर्वे की बातें हो रही हैं. राज्य सरकार पूरे उत्तर प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों के लिए राहत तत्काल उपलब्ध कराये.

उन्होंने कहा कि सूखे की स्थिति में जिलों में जहां सरकारी नलकूपों में ताले पड़े हुए हैं, वहीं किसानों को 100 रुपये प्रतिघंटा की दर से पानी खरीदने को विवश होना पड़ रहा है. किसानों से अभी भी बिजली बिल की वसूली हो रही है. सरकार के तमाम वादों के बावजूद किसानों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है. बिजली कटौती के घंटे बढ़ते ही जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों और संवैधानिक दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने के चलते ही किसानों को समय से न तो राहत मिलती है और न ही मुआवजा मिल पाता है. भाजपा सरकार नुकसान का मुआवजा न देने के लिए कोई न कोई बहाना बनाती रहती है. भाजपा की सरकार को किसानों के कल्याण की कभी परवाह नहीं रही.

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कहा कि भाजपा सरकार (BJP government) किसानों को राहत देने की जगह उन्हें प्रताड़ित करने के नए-नए तरीके खोजने में शक्ति लगा रही है. प्रदेश में किसानों को सम्मान निधि देने की शुरूआत में एक करोड़ किसानों को दो-दो हजार रुपए की किस्त जारी की गई थी. चुनाव बीत गया तो अब भाजपा सरकार (BJP government) किसानों को दी गई किसान सम्मान निधि योजना (Kisan Samman Nidhi Scheme) की वसूली करने की साजिश में लगी है. 21 लाख किसानों को अब राजस्व कर्मी वसूली करने के लिए परेशान कर रहे हैं. किसान अब भाजपा के किसी वादे के झांसे में आने वाले नहीं है. 2024 में जनता भाजपा से अपने वोट की कीमत वसूल करेगी.

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