लखनऊ: पॉलिटेक्निक में मनमाने प्रवेश पर सचिव प्राविधिक शिक्षा परिषद एसके वैश्य ने रोक लगा दी है. ज्यादातर अभ्यर्थी सरकारी कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए प्रयासरत हैं. ऐसे में प्राइवेट कॉलेजों को इंतजार करना पड़ रहा है. निजी संस्थान अब सीधे प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को फोन करके बुलाने लगे हैं। बावजूद इसके उन्हें अभी भी प्रवेश का इंतजार है.
प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे इतने परिक्षार्थी
प्राविधिक शिक्षा परिषद ने कोरोना काल में 12 और 15 सितंबर को पॉलिटेक्निक की प्रवेश परीक्षा कराई थी. परीक्षा के लिए 3,90,894 ने पंजीयन कराया था और उनमें से 2,40,144 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे.
सभी सरकारी सहायता प्राप्त और निजी संस्थानों में प्रवेश के लिए कुल सीटें 2,37,835 हैं. 28 सितंबर को परिणाम के साथ ही काउंसलिंग शुरू हो गई थी. गुरुवार को चार चरण पूरे हो गए. इसके बावजूद सीटें खाली हैं. संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद ने सीधे प्रवेश को मान्यता न देने का निर्णय लिया है, जिससे काउंसलिंग के इतर प्रवेश पर पाबंदी भी लग गई. इसका असर निजी संस्थानों पर पड़ा है.
जीरो फीस का प्रावधान खत्म
निजी संस्थान विद्यार्थियों को जीरो फीस पर प्रवेश लेकर समाज कल्याण से शुल्क प्राप्ति के नाम पर मिलने वाली फीस बाद में विद्यार्थियों से ले लेते थे. समाज कल्याण विभाग ने इस बार जीरो फीस को खत्म कर दिया है. ऐसे में प्रवेश लेने वाले फीस कहां से देंगे, इसका असर भी निजी संस्थानों के प्रवेश पर पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण काल में शुल्क प्रतिपूर्ति का बजट 300 करोड़ कम कर दिया गया है. इसकी वजह से सभी को शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ नहीं मिल पाएगा.
आवेदन करने वालों को भी प्रवेश का अवसर
सचिव प्राविधिक शिक्षा परिषद एस के वैश्य के मुताबिक संयुक्त प्रवेश परीक्षा की काउंसलिंग के आधार पर ही निजी संस्थान प्रवेश ले सकते हैं. अब तो आवेदन करने वालों को भी प्रवेश का अवसर दिया जा रहा है. 4 नवंबर तक पंजीयन और फिर च्वॉइस लॉक होगी. इसके बिना आवेदन की यदि निजी संस्थान प्रवेश लेते हैं तो उस प्रवेश को नहीं माना जाएगा. उन्होंने कहा है कि विद्यार्थी निजी संस्थानों के बहकावे में न आएं.