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रेलवे अधिकारी को अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा जेल

सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह (Special CBI Judge Ajay Vikram Singh) ने रिश्वत लेने के एक मामले में गिरफ्तार उत्तर रेलवे के उप मुख्य सामग्री प्रबंधक आलोक मिश्रा (Deputy Chief Material Manager Alok Mishra) और दो अन्य अभियुक्तों अवनीश मिश्र तथा मंजीत सिंह को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.

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सीबीआई के विषेश कोर्ट
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Published : Jun 4, 2022, 9:58 PM IST

लखनऊ: सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने रिश्वत लेने के एक मामले में गिरफ्तार उत्तर रेलवे के उप मुख्य सामग्री प्रबंधक आलोक मिश्रा और दो अन्य अभियुक्तों अवनीश मिश्र तथा मंजीत सिंह को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. कोर्ट ने अभियुक्तों की पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग वाली सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई के लिए 6 जून की तिथि नियत की है. 6 जून को अभियुक्तों को भी जेल से तलब करने का आदेश दिया है.

शनिवार को सीबीआई ने इन तीनों अभियुक्तों को विशेष अदालत में पेश किया था. सीबीआई ने इन्हें एक ठेकेदार के बिल का भुगतान करने के एवज में 80 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

इसे भी पढ़ेंः सीओ जियाऊल हक हत्याकांड: आरोपी फूलचंद यादव की जमानत अर्जी खारिज


साइबर फ्राड के मामले में निरुद्ध मुल्जिम की जमानत अर्जी खारिज
लखनऊ: वहीं साइबर फ्रॉड के एक मामले में एडीजे अजय विक्रम सिंह ने पेंशनर के खाते की जानकारी हासिल कर उसके खाते से रकम निकालने के अभियुक्त पंकज कुमार की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्त के विरुद्ध इस तरह के 9 मामले दर्ज हैं.

वह दूसरे प्रदेश का रहने वाला है. यदि जमानत दी गई तो उसके फरार होने और फिर से इस तरह के अपराध में शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. लिहाजा जमानत अर्जी निरस्त की जाती है. 18 अक्टूबर 2020 को इस मामले की एफआईआर सचिवालय से सेवानिवृत समीक्षा अधिकारी शंकर दयाल पांडेय ने थाना साइबर क्राइम में दर्ज कराई थी.

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लखनऊ: सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने रिश्वत लेने के एक मामले में गिरफ्तार उत्तर रेलवे के उप मुख्य सामग्री प्रबंधक आलोक मिश्रा और दो अन्य अभियुक्तों अवनीश मिश्र तथा मंजीत सिंह को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. कोर्ट ने अभियुक्तों की पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग वाली सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई के लिए 6 जून की तिथि नियत की है. 6 जून को अभियुक्तों को भी जेल से तलब करने का आदेश दिया है.

शनिवार को सीबीआई ने इन तीनों अभियुक्तों को विशेष अदालत में पेश किया था. सीबीआई ने इन्हें एक ठेकेदार के बिल का भुगतान करने के एवज में 80 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

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साइबर फ्राड के मामले में निरुद्ध मुल्जिम की जमानत अर्जी खारिज
लखनऊ: वहीं साइबर फ्रॉड के एक मामले में एडीजे अजय विक्रम सिंह ने पेंशनर के खाते की जानकारी हासिल कर उसके खाते से रकम निकालने के अभियुक्त पंकज कुमार की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्त के विरुद्ध इस तरह के 9 मामले दर्ज हैं.

वह दूसरे प्रदेश का रहने वाला है. यदि जमानत दी गई तो उसके फरार होने और फिर से इस तरह के अपराध में शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. लिहाजा जमानत अर्जी निरस्त की जाती है. 18 अक्टूबर 2020 को इस मामले की एफआईआर सचिवालय से सेवानिवृत समीक्षा अधिकारी शंकर दयाल पांडेय ने थाना साइबर क्राइम में दर्ज कराई थी.

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