लखनऊ : पांच साल पहले तक गोरखपुर जिले के औरंगाबाद और आसपास के गिनती के गांवों तक सिमटा रहा टेराकोटा का माटी शिल्प योगी सरकार की पहल से वैश्विक स्तर पर पहुंच चुका है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जिलों के पारंपरिक शिल्प व हुनर को उद्यम का रूप देने के लिए शुरू ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) योजना में शामिल होने के बाद टेराकोटा लोकल से ग्लोबल की सफल यात्रा पर है. इस पारंपरिक शिल्प को इंडस्ट्री में तब्दील करने में सरकार के प्रयासों से प्रेरित होकर कई संस्थाएं भी आगे आ रही हैं. शिल्पकारों को अपने कारोबार को और रफ्तार देने में पूंजी की कमी नहीं होगी. इस दिशा में एक पहल पंजाब एंड सिंध बैंक की तरफ से की गई है. सरकार की तरफ से मिलने वाले वित्तीय सहायता के अलावा अब ये शिल्पकार बैंक से आसानी से लोन लेकर कारोबार का भरपूर विस्तार कर सकेंगे. पंजाब एंड सिंध बैंक ने गोरखपुर के 5000 टेराकोटा शिल्पकारों को सहजता से लोन देने की कार्ययोजना बनाई है. बैंक की तरफ से शिल्पकारों को 25 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य है. बैंक इसके लिए उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग के साथ मिलकर काम करेगा.
पंजाब एंड सिंध बैंक ने गोरखपुर के टेराकोटा शिल्पकारों के लिए ऋण उपलब्ध कराने की अपनी कार्ययोजना की जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल से अलग-अलग मुलाकात कर दी. मंगलवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री एवं एसीएस से मुलाकात करने वालों में पंजाब एंड सिंध बैंक के कार्यकारी निदेशक डॉ. रामजस यादव, उप महाप्रबंधक विनय खंडेलवाल, मुख्य प्रबंधक विनय कुमार ओझा व मुख्य प्रबंधक अंचल श्रीवास्तव शामिल रहे. इस दौरान सीएम योगी ने बैंक अधिकारियों को गोरखपुर के विशिष्ट माटी शिल्प टेराकोटा की खासियत की विस्तार से जानकारी दी. साथ ही बताया कि कैसे ओडीओपी में शामिल होने के बाद टेराकोटा आज वैश्विक स्तर पर धाक जमा रहा है. ओडीओपी का साथ मिलने से शिल्पकारों के पास टेराकोटा उत्पादों की इतनी मांग है कि उन्हें फुर्सत नहीं मिल रही. इससे बड़े पैमाने पर रोजगार भी बढ़ रहा है.
एसीएस एमएसएमई नवनीत सहगल ने बैंक के प्रतिनिधिमंडल को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आत्मनिर्भरता के मंत्र के अनुरूप ओडीओपी योजना प्रदेश के हर जिले में किसी विशिष्ट शिल्प या उत्पाद को बढ़ावा देकर आर्थिक प्रगति व रोजगार सृजन में बड़ी भूमिका निभा रही है. उन्होंने बताया कि ओडीओपी सीएम योगी का ऐसा विजन है जिसने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और हुनरमंदों के लिए स्वावलंबन का सुनहरा अध्याय लिख दिया है. श्री सहगल ने बताया कि बुधवार को गोरखपुर के टेराकोटा शिल्पकार करीब एक हजार प्रकार के उत्पाद बना रहे हैं और इन उत्पादों की जबरदस्त मांग है. सरकार के प्रयासों से टेराकोटा को जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) टैग भी हासिल है. उन्होंने टेराकोटा शिल्पकारों को लोन देने की कार्ययोजना के लिए पंजाब एंड सिंध बैंक के प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि इससे शिल्पकारों को अपने कारोबार को नई ऊंचाई देने में काफी मदद मिलेगी. इस मौके पर पंजाब एंड सिंध बैंक के कार्यकारी निदेशक डॉ. रामजस यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों से ओडीओपी योजना की पहचान घर-घर हो चुकी है. उन्होंने टेराकोटा शिल्पकारों के लिए ऋण उपलब्ध कराने की दिशा में प्रदेश के एमएसएमई विभाग के साथ मिलकर कार्य करने पर प्रसन्नता व्यक्त की.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओडीओपी योजना की शुरुआत 2018 में की थी. मकसद था जिले में खास तरह के शिल्प या उत्पाद बनाने वाले शिल्पकारों के जीवन में आर्थिक सुदृढ़ता लाते हुए प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना. इस योजना के तहत प्रदेश के हर जिले में खास पारंपरिक उत्पाद को उस जिले का ओडीओपी उत्पाद घोषित किया गया. गोरखपुर में टेराकोटा शिल्प से बनने वाले मिट्टी के उत्पादों ओडीओपी में शामिल किया गया. ओडीओपी में शामिल होने के बाद टेराकोटा ने दिन दूनी, रात चौगुनी तरक्की की है. कभी शिल्पकारों ने इन उत्पादों के बाजार के अभाव में इस कला से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया था, आज उनके पास पांच महीने का एडवांस ऑर्डर रहता है. सरकार ने उन्हें इलेक्ट्रिक चाक, पगमिल आदि देकर उनके काम को आसान बना दिया है तो आक्रामक मार्केटिंग और ब्रांडिंग से टेराकोटा को देश और दुनिया के बाजारों तक पहुंचा दिया है. टेराकोटा के उत्पाद तमाम ई कामर्स कम्पनियों के ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. 2017 की तुलना में टेराकोटा शिल्प से रोजगार अर्जित करने वालों की संख्या करीब दस गुनी बढ़ गई है.
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