लखनऊ : लोक निर्माण विभाग में करीब डेढ़ हजार तबादले हुए हैं. जिनमें जमकर अनियमितता बरती गई. जिसके पीछे धन उगाही की एक कलंक गाथा छुपी हुई है. नए विभागाध्यक्ष के आने के बाद फिर से तबादलों की समीक्षा होकर नए सिरे से अधिकारी और कर्मचारी इधर से उधर किए जाएंगे. पीडब्ल्यूडी के नए विभागाध्यक्ष का कहना है कि अभी उनको सप्ताह भर से ज्यादा का समय लगेगा. सबसे पहले वह विभाग में तबादलों की गड़बड़ियों को सुधारने की कोशिश करेंगे, उसके बाद में मुख्य कामों की ओर लौटेंगे.
लोक निर्माण विभाग में करीब साढ़े सात सौ अधिशासी अभियंता और इसके अलावा कुल डेढ़ हजार कर्मचारियों के तबादले हुए थे. जिनको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर जांच शुरू हुई थी. जांच रिपोर्ट आने के बाद निवर्तमान विभाग अध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया गया. उनके अलावा पांच अन्य अफसरों को भी निलंबित किया गया. इसके बाद में ग्रामीण सड़क विभाग को देख रहे सत्य प्रकाश को नया विभागाध्यक्ष बनाया गया है.
लोक निर्माण विभाग में एक पूर्व अवर अभियन्ता का तबादला (निधन हो चुका था), इसी तरह से राजकुमार नाम का अभियंता जो पीडब्ल्यूडी में था ही नहीं दोनों का तबादला कर दिया गया था. इसी तरह से अनेक ऐसे अभियंताओं के तबादले दूर किए गए जो कि हाल ही में रिटायर होने वाले थे. तबादलों में करोड़ों रुपए की वसूली की भी शिकायत थी. जिसके आधार पर कार्रवाई की गई है.
ये भी पढ़ें : ओपी राजभर को योगी सरकार का तोहफा, मिली Y श्रेणी सुरक्षा
विभागाध्यक्ष सत्य प्रकाश ने ईटीवी भारत को बताया कि निश्चित तौर पर हम अब इस पूरी प्रक्रिया की समीक्षा कर रहे हैं. जहां सुधार की जरूरत होगी वहां सुधार किए जाएंगे. तबादलों में परिवर्तन होगा. इसके बाद में हम अपने मुख्य कामों पर लौटेंगे. एक से डेढ़ सप्ताह का समय हमको अभी काम में लगेगा.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप