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लखनऊ यूनिवर्सिटी में अग्निपथ का विरोध करने पहुंचे NSUI के कार्यकर्ता, विश्वविद्यालय प्रशासन ने बैरंग लौटाया

भारतीय राष्ट्रीय छात्र-संगठन (NSUI) के कार्यकर्ता मंगलवार को अग्निपथ का विरोध करने लखनऊ विश्वविद्यालय पहुंचे. जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें बैरंग लौटा दिया. कार्यकर्ताओं का कहना है कि तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाया गया है.

लखनऊ यूनिवर्सिटी
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Published : Jun 28, 2022, 4:30 PM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय में अग्निपथ का विरोध करने पहुंचे भारतीय राष्ट्रीय छात्र-संगठन (NSUI) के कार्यकर्ताओं को मंगलवार को बैरंग लौटना पड़ा. कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह सांकेतिक धरना करने पहुंचे थे, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाया. विरोध करने से भी रोक दिया. इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी भी हुई. इस मौके पर मुख्य रूप से प्रदेश महासचिव आर्यन मिश्रा, आशीष चौबे, शेख मजीद, लालू कनौजिया, अंशुल, आशुतोष मिश्रा, उत्कर्ष एवं अन्य उपस्थित रहे.

यह है आपत्ति : प्रदेश महासचिव आर्यन मिश्रा ने कहा कि इस योजना को लाकर सरकार ने सेना में भर्ती के लिए वर्षों से तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के साथ धोखा किया है. सेना में भर्ती सिर्फ एक नौकरी नहीं एक भावना होती है, जो नौजवानों को अपनी ज़िंदगी तक दांव पर लगाने के लिए प्रेरित करती है. सरकार इस योजना को जल्द से जल्द वापस ले. सेना में निजीकरण भारत की सुरक्षा से खिलवाड़ है.

अग्निपथ का विरोध करने पहुंचे NSUI के कार्यकर्ता




BBAU में हस्ताक्षर अभियान : बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में एनएसयूआई की तरफ से अग्निपथ के विरोध में हस्ताक्षर अभियान का आयोजन किया गया. सिर्फ बीबीएयू ही नहीं बल्कि लखनऊ के दूसरे संस्थानों में भी एनएसयूआई की तरफ से इसको लेकर आपत्ति दर्ज कराई जा रही है. कांग्रेस की तरफ से भी प्रदेशभर में इसको लेकर अभियान संचालित किया जा रहा है. सोमवार को जगह-जगह विरोध प्रदर्शन भी हुआ था. आम आदमी पार्टी की तरफ से भी इसको लेकर विरोध हो रहा है.

ये भी पढ़ें : अमृत महायोजना विवाद: फर्रुखाबाद में सामूहिक पलायन की तैयारी, 300 घरों पर लगे मकान बिकाऊ के पोस्टर
यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष पंकज अवाना ने कहा कि देश की मोदी सरकार हो या प्रदेश की योगी सरकार केवल और केवल युवाओं को परेशान करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि युवाओं का सपना होता है कि हम पेपर देंगे. देश का परिवार का नाम रोशन करेंगे, लेकिन बदकिस्मती ये है कि पेपर देने जाते हैं तो पता लगता है पेपर लीक हो गया. आज नौकरी पाने के लिए युवा परेशान हैं. 28 लाख वैकेंसी हैं. भारत सरकार चाहे तो वो नौकरी दे सकती है. वे हमारे नौजवानों को बेरोजगार रखना चाहती है, अशिक्षित रखना चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार अग्निपथ योजना से युवाओं को अग्नि में झोंकने का काम कर रही है.

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लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय में अग्निपथ का विरोध करने पहुंचे भारतीय राष्ट्रीय छात्र-संगठन (NSUI) के कार्यकर्ताओं को मंगलवार को बैरंग लौटना पड़ा. कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह सांकेतिक धरना करने पहुंचे थे, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाया. विरोध करने से भी रोक दिया. इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी भी हुई. इस मौके पर मुख्य रूप से प्रदेश महासचिव आर्यन मिश्रा, आशीष चौबे, शेख मजीद, लालू कनौजिया, अंशुल, आशुतोष मिश्रा, उत्कर्ष एवं अन्य उपस्थित रहे.

यह है आपत्ति : प्रदेश महासचिव आर्यन मिश्रा ने कहा कि इस योजना को लाकर सरकार ने सेना में भर्ती के लिए वर्षों से तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के साथ धोखा किया है. सेना में भर्ती सिर्फ एक नौकरी नहीं एक भावना होती है, जो नौजवानों को अपनी ज़िंदगी तक दांव पर लगाने के लिए प्रेरित करती है. सरकार इस योजना को जल्द से जल्द वापस ले. सेना में निजीकरण भारत की सुरक्षा से खिलवाड़ है.

अग्निपथ का विरोध करने पहुंचे NSUI के कार्यकर्ता




BBAU में हस्ताक्षर अभियान : बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में एनएसयूआई की तरफ से अग्निपथ के विरोध में हस्ताक्षर अभियान का आयोजन किया गया. सिर्फ बीबीएयू ही नहीं बल्कि लखनऊ के दूसरे संस्थानों में भी एनएसयूआई की तरफ से इसको लेकर आपत्ति दर्ज कराई जा रही है. कांग्रेस की तरफ से भी प्रदेशभर में इसको लेकर अभियान संचालित किया जा रहा है. सोमवार को जगह-जगह विरोध प्रदर्शन भी हुआ था. आम आदमी पार्टी की तरफ से भी इसको लेकर विरोध हो रहा है.

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यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष पंकज अवाना ने कहा कि देश की मोदी सरकार हो या प्रदेश की योगी सरकार केवल और केवल युवाओं को परेशान करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि युवाओं का सपना होता है कि हम पेपर देंगे. देश का परिवार का नाम रोशन करेंगे, लेकिन बदकिस्मती ये है कि पेपर देने जाते हैं तो पता लगता है पेपर लीक हो गया. आज नौकरी पाने के लिए युवा परेशान हैं. 28 लाख वैकेंसी हैं. भारत सरकार चाहे तो वो नौकरी दे सकती है. वे हमारे नौजवानों को बेरोजगार रखना चाहती है, अशिक्षित रखना चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार अग्निपथ योजना से युवाओं को अग्नि में झोंकने का काम कर रही है.

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