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यूपी के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों की हाजिरी होगी बायोमैट्रिक

उत्तर प्रदेश में दूसरी बार सत्ता में आए योगी आदित्यनाथ ने अब सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार की कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए स्कूली शिक्षा विभाग को बड़ा टास्क दिया गया है. प्रदेश के तमाम स्कूलों में अब शिक्षकों की हाजिरी बायोमैट्रिक होगी. इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

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Published : Apr 30, 2022, 4:52 PM IST

Updated : Apr 30, 2022, 5:22 PM IST

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यूपी के सरकारी स्कूलों

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों के गुरुजनों के बाद अब राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों की भी बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज की जाएगी. इस नई व्यवस्था को अगले 3 महीने में लागू किया जाएगा. इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने निर्देश जारी किए हैं. हालांकि इस निर्देश को लेकर शिक्षकों में नाराजगी भी है. उनका कहना है कि राजकीय विद्यालय के शिक्षकों के दिन में पढ़ाने के साथ ही कई और कार्य भी रहते हैं. ऐसे में बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज होने से शिक्षकों को कई तरह की समस्याएं होंगी.

उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमैट्रिक माध्यम से दर्ज करने के निर्देश राजभवन ने जारी कर दिए हैं. इसके लिए एक से दो महीने का समय संबंधित माध्यमिक विद्यालयों को दिया गया है. शिक्षकों को वेतन भी इसी उपस्थिति के आधार पर जारी किया जाएगा.

शिक्षकों की हाजिरी प्रदेश में बड़ा मुद्दा : प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालय और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों की बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने का मुद्दा अर्से से लटका हुआ है. इससे पहले भी एक बार प्रयास किया गया लेकिन संबंधित विभाग और इसके अधिकारी राजकीय निर्देशों का अनुपालन नहीं करा सके. कई स्कूलों में बायोमैट्रिक व्यवस्था है लेकिन अधिकतर में इसके बिना ही शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कराई जा रही है. हालांकि अब नए निर्देशों के तहत बायोमैट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य किया गया है.

यह भी पढ़े-पहाड़ से लेकर रेत तक दौड़ेगी MMMUT के छात्रों की बनाई गाड़ी, मिली बड़ी पहचान

शिक्षकों में नाराजगी : माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र कहते हैं कि यह इंस्पेक्टर राज है. आप किसी टीचर को मजबूर करके क्लास में नहीं रोक सकते. ऐसी किसी भी नई व्यवस्था को लागू करने से पहले सरकार को सबकी राय लेनी चाहिए.

बड़े बदलाव की तैयारी : माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरफ से प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में बड़ा बदलाव करने की तैयारी की जा रही है. सभी स्कूलों के लिए वेबसाइट बनाना अनिवार्य किया जा रहा है. इन वेबसाइट पर स्कूल से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारियां उपलब्ध होंगी. इसके अलावा स्कूलों में वाईफाई जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर भी मंथन चल रहा है.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों के गुरुजनों के बाद अब राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों की भी बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज की जाएगी. इस नई व्यवस्था को अगले 3 महीने में लागू किया जाएगा. इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने निर्देश जारी किए हैं. हालांकि इस निर्देश को लेकर शिक्षकों में नाराजगी भी है. उनका कहना है कि राजकीय विद्यालय के शिक्षकों के दिन में पढ़ाने के साथ ही कई और कार्य भी रहते हैं. ऐसे में बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज होने से शिक्षकों को कई तरह की समस्याएं होंगी.

उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमैट्रिक माध्यम से दर्ज करने के निर्देश राजभवन ने जारी कर दिए हैं. इसके लिए एक से दो महीने का समय संबंधित माध्यमिक विद्यालयों को दिया गया है. शिक्षकों को वेतन भी इसी उपस्थिति के आधार पर जारी किया जाएगा.

शिक्षकों की हाजिरी प्रदेश में बड़ा मुद्दा : प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालय और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों की बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने का मुद्दा अर्से से लटका हुआ है. इससे पहले भी एक बार प्रयास किया गया लेकिन संबंधित विभाग और इसके अधिकारी राजकीय निर्देशों का अनुपालन नहीं करा सके. कई स्कूलों में बायोमैट्रिक व्यवस्था है लेकिन अधिकतर में इसके बिना ही शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कराई जा रही है. हालांकि अब नए निर्देशों के तहत बायोमैट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य किया गया है.

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शिक्षकों में नाराजगी : माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र कहते हैं कि यह इंस्पेक्टर राज है. आप किसी टीचर को मजबूर करके क्लास में नहीं रोक सकते. ऐसी किसी भी नई व्यवस्था को लागू करने से पहले सरकार को सबकी राय लेनी चाहिए.

बड़े बदलाव की तैयारी : माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरफ से प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में बड़ा बदलाव करने की तैयारी की जा रही है. सभी स्कूलों के लिए वेबसाइट बनाना अनिवार्य किया जा रहा है. इन वेबसाइट पर स्कूल से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारियां उपलब्ध होंगी. इसके अलावा स्कूलों में वाईफाई जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर भी मंथन चल रहा है.

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Last Updated : Apr 30, 2022, 5:22 PM IST
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