लखनऊ: कॉरपोरेट सेक्टर में 'एम्प्लॉई ऑफ द मंथ' व कॉलेज में 'स्टूडेंट ऑफ द मंथ' तो सुना होगा लेकिन, पुलिस में 'कॉप ऑफ द मंथ' का कल्चर कम ही सुनने को मिलता है. लखनऊ में अब ऐसा हो रहा है. जहां पुलिसकर्मियों के काम की कार्यशैली व विभाग के प्रति उनकी मेहनत परखने के लिए एक नया फार्मूला शुरू किया गया है. जिसमें अच्छा काम करने वाले पुलिसकर्मियों को महीने के अंत में 'कॉप ऑफ द मंथ' चुनकर उन्हें सम्मानित किया जायेगा.
अधिक नम्बर पाने वाला बनेगा कॉप ऑफ द मंथ: कॉप ऑफ द मंथ फार्मूला शुरू करने वाले लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के डीसीपी ईस्ट अमित आनंद के मुताबिक, सिपाही से लेकर दारोगा तक के काम को परखने के लिए इस तरह का कार्यक्रम शुरू किया गया है. जिसमें महीने भर पुलिसकर्मियों के कार्यों के आधार पर नम्बर दिए जाएंगे व महीने के अंत में जिसके सबसे अधिक नम्बर होंगे उन्हें कॉप ऑफ द मंथ चुना जाएगा.
इंस्पेक्टर के काम पर कितने नंबर
14(A) गैंगस्टर (संपत्ति जब्तीकरण) की कार्रवाई पर- 100
मुकदमे से सम्बंधित 1 से 10 लाख के रिकवरी की कार्रवाई पर- 50
गुंडा की कार्रवाई पर- 10
गैंगस्टर की कार्रवाई पर- 20
थाने में खड़े जब्त वाहन के निस्तारण की कार्रवाई पर- 30
माल-मुकतमाती निस्तारण की कार्रवाई पर- 30
10 लाख से ज्यादा के रिकवरी की कार्रवाई पर- 100
इनामी के गिरफ्तारी की कार्रवाई पर- 20
हिस्ट्रीशीटर बनाने की कार्रवाई पर- 20
दारोगा के काम पर कितने नंबर हैं
NBW की कार्रवाई पर- 2
83 की कार्रवाई पर- 5
पाबंदी की कार्रवाई पर- 5
110(जी) की कार्रवाई पर- 2
82 की कार्रवाई पर- 1
जनशिकायत निस्तारण पर- 2
पुलिस एक्ट की कार्रवाई पर- 3
एमवी एक्ट की कार्रवाई पर- 3
एनडीपीएस और आबकारी पर- 3
IPC 510 की कार्रवाई पर- 5
2 जनपदों में ट्रायल के दौरान मिला बेहतरीन फीडबैक: डीसीपी पूर्वी अमित कुमार आनंद बताते हैं कि इस कॉप ऑफ द मंथ के अभियान की शुरुआत उन्होंने साल 2018 में प्रयागराज में बतौर एएसपी की थी. अमित आनंद को इससे काफी फायदा भी मिला था. वहीं मुरादाबाद में साल 2019 से 2021 तक भी बतौर एसपी सिटी रहते हुए इस अभियान को चलाया था. लेकिन अब बड़े स्तर पर शुरू किया है.
पुलिस फोर्स के लिए मनोबल व निगरानी के लिए बेहतर अभियान: डीसीपी पूर्वी अमित कुमार आनंद बताते हैं कि पुलिसकर्मियों के हौसला अफजाई के लिए ये फायदेमंद है. ऐसे में नाकारा पुलिसकर्मियों की कार्यशैली सामने आएगी. साथ ही पुलिसकर्मियों के काम का ब्यौरा उन्हें हर महीने मिलता रहेगा. यह पुलिसकर्मियों के लिए उनके काम की क्षमता को मापने के लिए बेहतर हथियार है.
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एक महीने के सफल परिणाम के बाद आये नतीजे: डीसीपी पूर्वी अमित कुमार आनंद के मुताबिक इस कॉप ऑफ द मंथ फार्मूले को अप्रैल महीने की शुरूआती दौर में शुरू किया गया था. ठीक एक महीने बाद इसके परिणाम आए. जिसमें थाना प्रभारी में पहले नंबर पर इंस्पेक्टर पीजीआई धर्मपाल सिंह रहे. जिनको 11019 नंबर मिले. दूसरे नंबर पर इंस्पेक्टर चिनहट घनश्याम मणि त्रिपाठी रहे. जिनको 7413 नंबर मिले. वहीं तीसरे नंबर पर इंस्पेक्टर गोमतीनगर केशव कुमार तिवारी रहे. जिनको 5575 नंबर मिले. वहीं दारोगा में से पहले नंबर पर विभूतिखंड थाने में तैनात चौकी इंचार्ज सिनेपोलिस एसआई यशवंत सिंह हैं. जिनको 5532 मिले. दूसरे नंबर पर गोमतीनगर थाने में तैनात फन रिपब्लिक इंचार्ज एसआई अरुण कुमार मिश्रा हैं. जिनको 2143 नंबर मिले. वहीं पीजीआई थाने में तैनात एसआई रंजीत पाठक को 4035 अंक मिले.
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