नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (NGT) ने वाराणसी में गंगा की सहायक नदियों वरुणा और अस्सी के पुनरुद्धार के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया है. NGT चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस समिति को दो हफ्ते के अंदर बैठक करने का निर्देश दिया.
एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब
NGT की ओर से गठित इस समिति में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तरप्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा और वाराणसी के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट शामिल होंगे. NGT ने कहा कि समिति दो हफ्ते के अंदर अपनी बैठक करेगी और वर्तमान एक्शन प्लान की समीक्षा करेगी और अगर जरुरत पड़ेगी तो उसमें संशोधन करेगी. एनजीटी ने कहा कि समिति चाहे तो दूसरे विशेषज्ञों की भी मदद ले सकती है और मौके पर जाकर मुआयना कर सकती है. इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा एनजीटी में एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करेगी.
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वाराणसी में गंगा के पानी गुणवत्ता खराब
NGT ने समिति को निर्देश दिया कि वो अपनी रिपोर्ट में अस्सी और वरुणा के जल की गुणवत्ता, सीवेज ट्रीटमेंट, अस्सी, वरुणा और गंगा के डूब क्षेत्रों के सीमांकन आदि की जानकारी दे. याचिका सौरभ तिवारी ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि वरुणा और अस्सी नदियां गंगा की सहायक नदियां हैं और इन दोनों नदियों में प्रदूषण की रोकथाम के बिना गंगा की स्वच्छता की कल्पना नहीं की जा सकती. याचिका में कहा गया है कि वाराणसी में गंगा नदी की पानी की गुणवत्ता काफी खराब है. ललित घाट में गंगा वाटर के अंदर कंक्रीट से निर्माण कार्य चल रहा है.
NGT ने वरुणा और अस्सी नदी के पुनरुद्धार के लिए गठित की निगरानी समिति - वरुणा और अस्सी नदी पुनरुद्धार
नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (NGT) ने वाराणसी में गंगा की सहायक नदियों वरुणा और अस्सी के पुनरुद्धार के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया है. NGT चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस समिति को दो हफ्ते के अंदर बैठक करने का निर्देश दिया.
नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (NGT) ने वाराणसी में गंगा की सहायक नदियों वरुणा और अस्सी के पुनरुद्धार के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया है. NGT चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस समिति को दो हफ्ते के अंदर बैठक करने का निर्देश दिया.
एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब
NGT की ओर से गठित इस समिति में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तरप्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा और वाराणसी के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट शामिल होंगे. NGT ने कहा कि समिति दो हफ्ते के अंदर अपनी बैठक करेगी और वर्तमान एक्शन प्लान की समीक्षा करेगी और अगर जरुरत पड़ेगी तो उसमें संशोधन करेगी. एनजीटी ने कहा कि समिति चाहे तो दूसरे विशेषज्ञों की भी मदद ले सकती है और मौके पर जाकर मुआयना कर सकती है. इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा एनजीटी में एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करेगी.
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वाराणसी में गंगा के पानी गुणवत्ता खराब
NGT ने समिति को निर्देश दिया कि वो अपनी रिपोर्ट में अस्सी और वरुणा के जल की गुणवत्ता, सीवेज ट्रीटमेंट, अस्सी, वरुणा और गंगा के डूब क्षेत्रों के सीमांकन आदि की जानकारी दे. याचिका सौरभ तिवारी ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि वरुणा और अस्सी नदियां गंगा की सहायक नदियां हैं और इन दोनों नदियों में प्रदूषण की रोकथाम के बिना गंगा की स्वच्छता की कल्पना नहीं की जा सकती. याचिका में कहा गया है कि वाराणसी में गंगा नदी की पानी की गुणवत्ता काफी खराब है. ललित घाट में गंगा वाटर के अंदर कंक्रीट से निर्माण कार्य चल रहा है.