लखनऊ : लखनऊ यूनिवर्सिटी एसोसिएट कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (Lucknow University Associate College Teachers Association) के चुनाव कार्यक्रम को लेकर आपत्ति सामने आई है. आपत्ति दर्ज कराने वाले शिक्षकों की ओर से कार्यक्रम में परिवर्तन किए जाने की मांग की गई है. हालांकि, संगठन के वर्तमान अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे ने साफ किया है कि आपत्ति निराधार है. चुनाव संगठन के संविधान के हिसाब से ही कराए जा रहे हैं.
यह है चुनाव का कार्यक्रम : संगठन कार्यकारिणी की बैठक 7 अगस्त को हुई थी. इस बैठक में चुनाव को लेकर फैसले लिए गए हैं. संगठन की तरफ से 21 अगस्त को चुनाव कराने की घोषणा की गई है. लुआक्टा सदस्यता शुल्क की अंतिम तिथि 14 अगस्त 22 तय लिये जाने का निर्णय लिया गया. इसके बाद ही चुनाव का विस्तृत कार्यक्रम सामने आएगा.
संगठन के वर्तमान कार्यकारिणी के सदस्य और शिया पीजी कॉलेज के शिक्षक डाॅ. असद मिर्जा समेत अन्य की तरफ से आपत्ति दर्ज कराई गई है. इनका तर्क है कि लुआक्टा संविधान के अनुच्छेद 9 में स्पष्ट है कि चुनाव 30 दिनों की सूचना पर होगा. यह चुनाव मात्र 14 दिन की सूचना पर हो रहा है. अतः यह विधि सम्मत नहीं है. उनका कहना है कि लखनऊ विश्वविद्यालय से हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी और रायबरेली के शिक्षक भी जुड़े हुए हैं. इतने कम अंतराल में चुनाव कराया जाना न्याय संगत भी नहीं है.
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LUACTA के वर्तमान अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने बताया कि चुनाव संविधान के हिसाब से ही हो रहे हैं. चुनाव कराने का फैसला कार्यकारिणी ने लिया है. उन्होंने बताया कि नेशनल पीजी कॉलेज, लखनऊ में बैठक 30 अक्टूबर 2021 को बैठक की गई थी. जिसमें लुआक्टा का कार्यकाल तीन वर्ष तथा लखनऊ विश्वविद्यालय से संयुक्त चार जिले रायबरेली, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर के शिक्षक साथियों को सदस्य बनाये जाने और छह माह के समय के बाद लुआक्टा का चुनाव कराये जाने के संबंध में फैसला लिया गया था. इस बैठक में संगठन के संविधान में कुछ संशोधन भी किए गए थे. जिसके हिसाब से यह चुनाव कराए जा रहे हैं.
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