ETV Bharat / city

पैथोलॉजी में धूल खा रहीं करोड़ों की मशीनें, जांच के लाले, विभागों में पड़े ताले - अस्पताल की ओपीडी

राजधानी स्थित राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय (Government National Homeopathic College and Hospital) की पैथोलॉजी में सभी मशीन धूल खा रही हैं. यहां सभी विभाग सुबह 10 बंद मिले. कहीं डाॅक्टर मौजूद रहे तो कहीं गायब.

राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय
राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय
author img

By

Published : Sep 1, 2022, 3:51 PM IST

लखनऊ : राजधानी स्थित राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय (Government National Homeopathic College and Hospital) की पैथोलॉजी में मशीनें धूल खा रही हैं. जिसके चलते जांच में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यहां सभी विभाग सुबह 10 बंद मिले. कहीं डाॅक्टर मौजूद रहे तो कहीं गायब. प्रदेश सरकार संस्थान को बेहतर बनाने और होम्योपैथिक को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. दंत रोग विभाग समेत फिजियोथैरेपी विभाग में ताले लटके दिखाई दिए.


रोजाना देखे जाते हैं मरीज : अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 800 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं. अस्पताल की सबसे ज्यादा चलने वाली ओपीडी चर्म रोग विभाग की है, जहां पर रोजाना 400 से अधिक मरीजों का इलाज किया जाता है. मरीजों से बातचीत करने पर पता चला कि होम्योपैथिक दवा चर्म रोग के लिए काफी फायदेमंद होती है और यह बीमारी को जड़ से समाप्त करती है, लेकिन सुबह 10 बजे भी ओपीडी में चर्म रोग के डॉक्टर बैठे नहीं मिले.

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला



ओपीडी ट्रेनी डॉक्टर पर निर्भर : बता दें कि राजकीय नेशनल होम्योपैथिक चिकित्सालय की ओपीडी पूरी तरह से रेजिडेंट डॉक्टर और ट्रेनी डॉक्टर पर निर्भर है. यह एक मेडिकल कॉलेज भी है जो डॉक्टर ओपीडी में बैठते हैं उन्हीं डॉक्टर को क्लास भी लेनी होती है. सुबह करीब 10:30 बजे अस्पताल की ओपीडी में रेजिडेंट और ट्रेनी डॉक्टर दिखाई दिए.

राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय
राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय


एक्स-रे मशीन खा रही धूल : बता दें कि अस्पताल की पैथोलॉजी में करोड़ों रुपए की मशीनें लगी हुई हैं. सभी मशीन बंद ताले के अंदर हैं, धूल खा रही हैं. पैथोलॉजी विभाग में लेबर रूम, फिजियोथेरेपी, अल्ट्रासाउंड, ईसीजी और ऑपरेशन थिएटर जैसी तमाम सुविधाएं हैं, लेकिन इन सभी विभाग में ताले पड़े हैं.

राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय
राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय
राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय
राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय



यह भी पढ़ें : UP के मदरसों को सीएम योगी की बड़ी सौगात, शिक्षकों का हो सकेगा तबादला, नए मदरसों की मिलेगी मान्यता

राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय
राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय

संस्थान के एमडी प्रो. डीके सोनकर ने बताया कि ऐसा नहीं है कि यहां जांचें नहीं होती हैं. अस्पताल में करीब 800 से अधिक मरीज रोजाना सभी ओपीडी में आते हैं. रेडियोलॉजिस्ट पोस्ट न होने के कारण अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाता है. किसी मरीज का अल्ट्रासाउंड कराना होता है तो उसको हायर सेंटर जैसे पीजीआई या राम मनोहर लोहिया भेज देते हैं. भारत सरकार की एक संस्था है जहां पर हमारे सभी मरीजों की पैथोलॉजी की जांच होती है.

यह भी पढ़ें : सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी, एक डॉक्टर पर 500 मरीज देखने की जिम्मेदारी

लखनऊ : राजधानी स्थित राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय (Government National Homeopathic College and Hospital) की पैथोलॉजी में मशीनें धूल खा रही हैं. जिसके चलते जांच में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यहां सभी विभाग सुबह 10 बंद मिले. कहीं डाॅक्टर मौजूद रहे तो कहीं गायब. प्रदेश सरकार संस्थान को बेहतर बनाने और होम्योपैथिक को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. दंत रोग विभाग समेत फिजियोथैरेपी विभाग में ताले लटके दिखाई दिए.


रोजाना देखे जाते हैं मरीज : अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 800 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं. अस्पताल की सबसे ज्यादा चलने वाली ओपीडी चर्म रोग विभाग की है, जहां पर रोजाना 400 से अधिक मरीजों का इलाज किया जाता है. मरीजों से बातचीत करने पर पता चला कि होम्योपैथिक दवा चर्म रोग के लिए काफी फायदेमंद होती है और यह बीमारी को जड़ से समाप्त करती है, लेकिन सुबह 10 बजे भी ओपीडी में चर्म रोग के डॉक्टर बैठे नहीं मिले.

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला



ओपीडी ट्रेनी डॉक्टर पर निर्भर : बता दें कि राजकीय नेशनल होम्योपैथिक चिकित्सालय की ओपीडी पूरी तरह से रेजिडेंट डॉक्टर और ट्रेनी डॉक्टर पर निर्भर है. यह एक मेडिकल कॉलेज भी है जो डॉक्टर ओपीडी में बैठते हैं उन्हीं डॉक्टर को क्लास भी लेनी होती है. सुबह करीब 10:30 बजे अस्पताल की ओपीडी में रेजिडेंट और ट्रेनी डॉक्टर दिखाई दिए.

राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय
राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय


एक्स-रे मशीन खा रही धूल : बता दें कि अस्पताल की पैथोलॉजी में करोड़ों रुपए की मशीनें लगी हुई हैं. सभी मशीन बंद ताले के अंदर हैं, धूल खा रही हैं. पैथोलॉजी विभाग में लेबर रूम, फिजियोथेरेपी, अल्ट्रासाउंड, ईसीजी और ऑपरेशन थिएटर जैसी तमाम सुविधाएं हैं, लेकिन इन सभी विभाग में ताले पड़े हैं.

राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय
राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय
राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय
राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय



यह भी पढ़ें : UP के मदरसों को सीएम योगी की बड़ी सौगात, शिक्षकों का हो सकेगा तबादला, नए मदरसों की मिलेगी मान्यता

राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय
राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज एवं चिकित्सालय

संस्थान के एमडी प्रो. डीके सोनकर ने बताया कि ऐसा नहीं है कि यहां जांचें नहीं होती हैं. अस्पताल में करीब 800 से अधिक मरीज रोजाना सभी ओपीडी में आते हैं. रेडियोलॉजिस्ट पोस्ट न होने के कारण अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाता है. किसी मरीज का अल्ट्रासाउंड कराना होता है तो उसको हायर सेंटर जैसे पीजीआई या राम मनोहर लोहिया भेज देते हैं. भारत सरकार की एक संस्था है जहां पर हमारे सभी मरीजों की पैथोलॉजी की जांच होती है.

यह भी पढ़ें : सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी, एक डॉक्टर पर 500 मरीज देखने की जिम्मेदारी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.