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सरकारी योजना में फर्जीवाड़ा, जीवित को दिखाया मृत्यु, मुकदमा दर्ज - living persons shown as dead to claim National Family Benefit Scheme money

लखनऊ के सरोजनी नगर तहसील में परिवार कल्याण के तहत मिलने वाली राशि के साथ धांधली का मामला सामने आया है. जहां जीवित लोगों को मृतक दिखाकर फर्जी तरीके से योजना का लाभ उठाया जा रहा है.

लाभार्थी.
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Published : Jul 31, 2021, 9:01 AM IST

लखनऊ: राजधानी के सरोजनी नगर तहसील में परिवार कल्याण के तहत मिलने वाली राशि के लिए जीवित लोगों को ही मृतक दिखाकर बड़े पैमाने पर धांधली की जा रही है. मामले की जानकारी मिलते ही सरोजिनी नगर तहसील के लेखपाल ने 98 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. फिलहाल पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल में जुट गई है.

राष्ट्रीय परिवारिक लाभ योजना के तहत घर के कमाऊ सदस्य की मृत्यु हो जाने पर सरकार द्वारा 30 हजार का अनुदान मृतक के परिवार को दिया जाता है. योजना के तहत सरोजिनी नगर तहसील के कई गांव में जीवित व्यक्ति को ही मृतक दिखाकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर लाभ लेने का मामला सामने आया है. सरोजनी नगर तहसील में कार्यरत लेखपाल ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर लाभ लेने वाले 98 लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया है. मुख्य आरोपी भगवती निवासी हमीरपुर और सहज राम के खिलाफ भी मुकदमा पंजीकृत किया गया है. इन लोगों ने ग्रामीणों को परिवार कल्याण योजना के तहत फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर लाभ दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

जानकारी देतीं लाभार्थी.

बंथरा थाना क्षेत्र स्थित गांव हमीरपुर में लाभार्थी महिलाओं ने बताया कि भगवती ने उन्हें करोना काल में इलाज के नाम पर सरकार द्वारा 30 हजार दिए जाने की बात बताकर फार्म भरवाया था. इस योजना के तहत 30 हजार उनके खाते में आए थे. जिसमें 15 हजार कमीशन के नाम पर भगवती ने वापस ले लिया. लाभार्थी महिलाओं का कहना है कि उन्हें इस योजना के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी.

एसीपी कृष्णा नगर स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि सरोजनी नगर तहसील अंतर्गत आने वाले कई गांव के लोगों द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाकर परिवार कल्याण अनुदान योजना के तहत 30 हजार सरकार द्वारा प्राप्त किए गए हैं. मामले की जानकारी होने पर जिला प्रशासन की तहरीर पर सरोजनीनगर थाने में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है और जांच की जा रही है.

क्या है पूरा केस?

इस पूरे प्रकरण पर ग्रामीणों का कहना है कि बीमारी के इलाज के नाम पर पैसे का लालच देकर एक दलाल ने लाभार्थियों से काम कराने के नाम पर कागजों का फर्जीवाड़ा करके 15,000 की रकम खातों में भेज दी. राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत कमाऊ मुखिया की मौत हो जाने पर सरकार की ओर 30 हजार रुपए का आर्थिक सहयोग दिया जाता है.

इसे भी पढें- LDA की ट्रांसपोर्ट नगर योजना में फर्जीवाड़ा! पांच भूखंडों में मिली फर्जी रजिस्ट्री

लखनऊ: राजधानी के सरोजनी नगर तहसील में परिवार कल्याण के तहत मिलने वाली राशि के लिए जीवित लोगों को ही मृतक दिखाकर बड़े पैमाने पर धांधली की जा रही है. मामले की जानकारी मिलते ही सरोजिनी नगर तहसील के लेखपाल ने 98 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. फिलहाल पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल में जुट गई है.

राष्ट्रीय परिवारिक लाभ योजना के तहत घर के कमाऊ सदस्य की मृत्यु हो जाने पर सरकार द्वारा 30 हजार का अनुदान मृतक के परिवार को दिया जाता है. योजना के तहत सरोजिनी नगर तहसील के कई गांव में जीवित व्यक्ति को ही मृतक दिखाकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर लाभ लेने का मामला सामने आया है. सरोजनी नगर तहसील में कार्यरत लेखपाल ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर लाभ लेने वाले 98 लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया है. मुख्य आरोपी भगवती निवासी हमीरपुर और सहज राम के खिलाफ भी मुकदमा पंजीकृत किया गया है. इन लोगों ने ग्रामीणों को परिवार कल्याण योजना के तहत फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर लाभ दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

जानकारी देतीं लाभार्थी.

बंथरा थाना क्षेत्र स्थित गांव हमीरपुर में लाभार्थी महिलाओं ने बताया कि भगवती ने उन्हें करोना काल में इलाज के नाम पर सरकार द्वारा 30 हजार दिए जाने की बात बताकर फार्म भरवाया था. इस योजना के तहत 30 हजार उनके खाते में आए थे. जिसमें 15 हजार कमीशन के नाम पर भगवती ने वापस ले लिया. लाभार्थी महिलाओं का कहना है कि उन्हें इस योजना के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी.

एसीपी कृष्णा नगर स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि सरोजनी नगर तहसील अंतर्गत आने वाले कई गांव के लोगों द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाकर परिवार कल्याण अनुदान योजना के तहत 30 हजार सरकार द्वारा प्राप्त किए गए हैं. मामले की जानकारी होने पर जिला प्रशासन की तहरीर पर सरोजनीनगर थाने में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है और जांच की जा रही है.

क्या है पूरा केस?

इस पूरे प्रकरण पर ग्रामीणों का कहना है कि बीमारी के इलाज के नाम पर पैसे का लालच देकर एक दलाल ने लाभार्थियों से काम कराने के नाम पर कागजों का फर्जीवाड़ा करके 15,000 की रकम खातों में भेज दी. राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत कमाऊ मुखिया की मौत हो जाने पर सरकार की ओर 30 हजार रुपए का आर्थिक सहयोग दिया जाता है.

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