लखनऊ: योगी सरकार ने पिछले 4.5 साल की सरकार में भले ही माफियाओं और अपराधियों पर नकेल कसा, लेकिन यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की तारीखों के ऐलान होने के बाद पार्टी उन चेहरों पर दांव खेलने से गुरेज नहीं करेगी, जो उसके लिए फायदे के साबित हो सकते हैं. कहा जा रहा है कि इसके लिए भाजपा ने अपनी सहयोगी दलों की मदद से बाहुबली नेताओं की एंट्री का फुल प्रूफ प्लान भी तैयार किया है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपई कहते है कि प्रत्याशी चुनना सहयोगी दलों का निजी फैसला है, वो जिसे चाहें प्रत्याशी बनाएं.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने स्वीकार किया कि धनजंय सिंह, अखंड प्रताप सिंह को बिल्कुल चुनाव लड़ाएंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने कहीं नहीं कहा है कि ऐसे लोग चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. अगर कोई वोट देता है, तो चुनाव भी लड़ सकता है. अगर वो जीतने वाले प्रत्याशी हैं, तो जरूर लड़ेंगे. वो हमारे सहयोगी हैं.
बीजेपी के कन्हैया निषाद को 71809 वोट मिले थे. बसपा से पूर्व प्रमुख अखंड प्रताप सिंह 56536 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे. अखंड प्रताप सिंह की पत्नी वंदना सिंह निषाद पार्टी की सदस्यता ले चुकी है. माना जा रहा है निषाद पार्टी के हिस्से में अतरौलिया सीट आ रही है और इसमें माफिया अखंड की पत्नी भाजपा गठबंधन की उम्मीदवार होंगी और भोजन की थाली के निशान विधानसभा चुनाव लड़ेंगी.
भाजपा में जगह ने मिलने के बाद भी बीकापुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू भाजपा के सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ने की संभावना है. भाजपा की सरकार बनाओ अधिकार पाओ रैली में पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू सैकड़ों समर्थकों के साथ निषाद पार्टी में शामिल हुए थे. कहा जा रहा है कि बीकापुर सीट पर जितेंद्र सिंह बबलू को उम्मीदवार बनाने के लिए निषाद पार्टी ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को मना लिया है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपई कहते है कि हम ये देखेंगे कि प्रदेश कैसे चलाया जाए, प्रत्याशी चुनना उन दलों का निजी फैसला है, वो जिसे चाहे उसे प्रत्याशी बनाएं.
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