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इंडियन रोड कांग्रेस का आयोजन राजधानी में कल से, देश-विदेश के 1500 से अधिक डेलीगेट्स लेंगे हिस्सा

इंडियन रोड कांग्रेस (Indian Road Congress) का 81वां अधिवेशन 8 से 11 अक्टूबर तक इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होगा. 11 साल बाद यूपी की मेजबानी में होने वाले आयोजन में देश-विदेश के 1500 से अधिक डेलीगेट्स हिस्सा लेंगे.

इंडियन रोड कांग्रेस
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Published : Oct 7, 2022, 3:42 PM IST

Updated : Oct 7, 2022, 10:15 PM IST

लखनऊ : इंडियन रोड कांग्रेस (Indian Road Congress) का 81वां अधिवेशन 8 से 11 अक्टूबर तक इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होगा. 11 साल बाद यूपी की मेजबानी में होने वाले आयोजन में देश-विदेश के 1500 से अधिक डेलीगेट्स हिस्सा लेंगे. यह अधिवेशन 1934 में शुरू हुआ था. यूपी पांचवीं बार इसकी मेजबानी करेगा. इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शाम 4 बजे केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) शुभारंभ करेंगे. केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह भी मौजूद रहेंगे.

सांस्कृतिक नगरों से परिचित होंगे डेलीगेट्स : कार्यक्रम में यूपी के भी 200 डेलीगेट्स हिस्सा लेंगे. अधिवेशन के पश्चात प्रतिभागियों को अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, मथुरा, वृंदावन आदि स्थानों पर भ्रमण कराकर यहां के अध्यात्म व सांस्कृतिक पहलुओं से भी अवगत कराया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे प्रदेश बन गया है. यहां नई तकनीक से लगभग 50 लाख टन कार्बन उत्सर्जन को बचाया गया है. मुख्यमंत्री ने 2027 तक यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने का जो लक्ष्य रखा है, उसमें इंफ्रास्ट्रक्चर व सड़क का विशेष योगदान है. अधिवेशन में एफडीआर जैसी तकनीकी विषयों पर कोड्स लाया जाएगा, जिससे यूपी को बड़ा लाभ होगा.


पांचवीं बार मेजबानी करेगा यूपी : उत्तर प्रदेश में इंडियन रोड कांग्रेस का यह पांचवां अधिवेशन है. प्रथम अधिवेशन दिसंबर 1934 में दिल्ली में हुआ था. वर्ष 1937, 1985, 1995 व 2011 में यूपी इसकी मेजबानी कर चुका है. इसके बाद इस वर्ष यह गौरव उत्तर प्रदेश को मिल रहा है.

19 तकनीकी सत्र होंगे, एक सत्र यूपी का : अधिवेशन में 19 सत्र होंगे. इसमें एक सत्र यूपी का भी होगा, जिसमें अपने श्रेष्ठ कार्यों का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा. सड़क निर्माण की नई तकनीक, इंफ्रास्ट्रक्चर, अच्छी, किफायती, टिकाऊ व सुरक्षित सड़कों जैसे विषयों के लिए यह काफी कारगर होगा. देश-विदेश के तकनीकी विशेषज्ञों, केंद्र व प्रदेश के इंजीनियरों, सड़क व सेतु से जुड़ी संस्थाओं, वैज्ञानिकों व सलाहकारों द्वारा कई विषयों पर प्रस्तुति होगी. तकनीकी प्रदर्शनी में 180 स्टॉल लगाए जाएंगे, जिसमें विभिन्न कंपनियों की ओर से सड़क निर्माण में काम आने वाले उपकरण, मशीनरी, मटेरियल व नई तकनीक से जुड़ी जानकारियां मिलेंगी. साथ ही एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) के जरिए सूबे की कला व शिल्पकारों के हुनर से भी आगंतुक अवगत होंगे. इस दौरान सांस्कृतिक सांझ का भी आयोजन किया जाएगा, इसमें हरिहरपुर घराने को भी आमंत्रित किया गया है.

यह अधिवेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए भी काफी कारगर होगा. सड़क निर्माण के क्षेत्र में करियर बनाने व स्टार्टअप के जरिए स्वरोजगार के सृजन में इससे काफी मदद मिलेगी. साथ ही अभियंताओं के लिए भी यह अधिवेशन काफी महत्वपूर्ण होगी. बता दें कि राष्ट्र स्तर पर 16 समितियों में यूपी पीडब्ल्यूडी के अफसरों को सदस्य के रूप में चुना गया है.

भारतीय सड़क कांग्रेस के सेक्रेटरी जनरल एवं मोर्थ के डायरेक्टर जनरल (रोड डेवलेपमेंट) एस के निर्मल ने कहा कि 1934 में जब IRC शुरू हुआ तो सिर्फ 73 सदस्य थे, जबकि आज 19000 के करीब हो गए हैं. कहा कि हमारा मकसद देश में एक ही मानक की सड़कें बने, यह है. इसको लेकर लगातार हम काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब तक करीब 275 कोड हम बना चुके हैं. अब तो सार्क, अफ्रीका में भी हमारे IRC कोड पर काम हो रहा है.
कहा कि 8 अक्टूबर से शुरू हो रहे इस कार्यक्रम में 6 नए कोड जारी किए जाएंगे. हमने ऐसी guideline बनाई जो बहुत कम देशों में बनी हैं. सुबह 9.30 बजे से हमारी काउन्सिल की बैठक होगी जिसमें चर्चा होगी.


उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस वे पर हम देख रहे हैं कि एक्सीडेंट बढ़ रहे हैं, जबकि इन पर सबसे अधिक पैसा लगा रहे. इस पर चर्चा होगी कि कैसे सुधार हो. कहा कि रूरल डेवलपमेंट पर अलग से चर्चा होगी. एक्सप्रेस वे से जुड़ा एक डॉक्यूमेंट भी रिलीज जो वर्ल्ड की बेस्ट प्रैक्टिसेज पर आधारित होगा. DG रोड डेवलपमेंट एवं इंडियन रोड कांग्रेस के महासचिव एस के निर्मल ने कहा कि कोरोना काल मे 2 वर्ष IRC का अधिवेशन नहीं हो पाया. कोविड पीरियड में भी IRC की एक्सपर्ट कमेटी ने काम किया है. हम देश भर में सड़कों को शानदार बनाने पर काम कर रहे हैं. IRC के कोड भारत के साथ विश्व स्तर पर भी उपयोग में हैं.

यह भी पढ़ें : यूपी में एसटीपी और जैव विविधता संरक्षण के लिए मिले 482 करोड़

उन्होंने बताया कि हमने समुद्री पुलों के निर्माण की गाइडलाइंस बनाई हैं. सड़क सुरक्षा बढ़ाने पर हम बड़ा काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लखनऊ अधिवेशन में कई महत्वपूर्ण गाइडलाइंस अप्रूव होंगी. इसके अलावा एक्सप्रेस वे पर बढ़ रहे एक्सीडेंट पर भी हम डिस्कशन करेंगे. 8 अक्टूबर को अधिवेशन की शुरूआत होगी. 9 और 10 अक्टूबर को तकनीकी सेशन होंगे. 11 अक्टूबर को गाइडलाइंस को अप्रूव किया जाएगा और इसके बाद 1 अक्टूबर को काउंसिल की उच्चस्तरीय मीटिंग होगी. अप्रूव डॉक्यूमेंट को IRC काउंसिल अप्रूव करेंगे. इसके बाद अप्रूव डॉक्यूमेंट गवर्मेन्ट को दे दिए जाएंगे. इसके अलावा बेहतर कार्यों के लिए एवार्ड समारोह भी होंगे. कल उद्घाटन सत्र में ही दिए जाएंगे एवार्ड दिए जाएंगे.


यह भी पढ़ें : नर्सिंग एवं पैरामेडिकल संस्थानों में गुणवत्ता सुधार के लिए मिशन निरामया, कल से होगी शुरूआत

लखनऊ : इंडियन रोड कांग्रेस (Indian Road Congress) का 81वां अधिवेशन 8 से 11 अक्टूबर तक इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होगा. 11 साल बाद यूपी की मेजबानी में होने वाले आयोजन में देश-विदेश के 1500 से अधिक डेलीगेट्स हिस्सा लेंगे. यह अधिवेशन 1934 में शुरू हुआ था. यूपी पांचवीं बार इसकी मेजबानी करेगा. इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शाम 4 बजे केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) शुभारंभ करेंगे. केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह भी मौजूद रहेंगे.

सांस्कृतिक नगरों से परिचित होंगे डेलीगेट्स : कार्यक्रम में यूपी के भी 200 डेलीगेट्स हिस्सा लेंगे. अधिवेशन के पश्चात प्रतिभागियों को अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, मथुरा, वृंदावन आदि स्थानों पर भ्रमण कराकर यहां के अध्यात्म व सांस्कृतिक पहलुओं से भी अवगत कराया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे प्रदेश बन गया है. यहां नई तकनीक से लगभग 50 लाख टन कार्बन उत्सर्जन को बचाया गया है. मुख्यमंत्री ने 2027 तक यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने का जो लक्ष्य रखा है, उसमें इंफ्रास्ट्रक्चर व सड़क का विशेष योगदान है. अधिवेशन में एफडीआर जैसी तकनीकी विषयों पर कोड्स लाया जाएगा, जिससे यूपी को बड़ा लाभ होगा.


पांचवीं बार मेजबानी करेगा यूपी : उत्तर प्रदेश में इंडियन रोड कांग्रेस का यह पांचवां अधिवेशन है. प्रथम अधिवेशन दिसंबर 1934 में दिल्ली में हुआ था. वर्ष 1937, 1985, 1995 व 2011 में यूपी इसकी मेजबानी कर चुका है. इसके बाद इस वर्ष यह गौरव उत्तर प्रदेश को मिल रहा है.

19 तकनीकी सत्र होंगे, एक सत्र यूपी का : अधिवेशन में 19 सत्र होंगे. इसमें एक सत्र यूपी का भी होगा, जिसमें अपने श्रेष्ठ कार्यों का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा. सड़क निर्माण की नई तकनीक, इंफ्रास्ट्रक्चर, अच्छी, किफायती, टिकाऊ व सुरक्षित सड़कों जैसे विषयों के लिए यह काफी कारगर होगा. देश-विदेश के तकनीकी विशेषज्ञों, केंद्र व प्रदेश के इंजीनियरों, सड़क व सेतु से जुड़ी संस्थाओं, वैज्ञानिकों व सलाहकारों द्वारा कई विषयों पर प्रस्तुति होगी. तकनीकी प्रदर्शनी में 180 स्टॉल लगाए जाएंगे, जिसमें विभिन्न कंपनियों की ओर से सड़क निर्माण में काम आने वाले उपकरण, मशीनरी, मटेरियल व नई तकनीक से जुड़ी जानकारियां मिलेंगी. साथ ही एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) के जरिए सूबे की कला व शिल्पकारों के हुनर से भी आगंतुक अवगत होंगे. इस दौरान सांस्कृतिक सांझ का भी आयोजन किया जाएगा, इसमें हरिहरपुर घराने को भी आमंत्रित किया गया है.

यह अधिवेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए भी काफी कारगर होगा. सड़क निर्माण के क्षेत्र में करियर बनाने व स्टार्टअप के जरिए स्वरोजगार के सृजन में इससे काफी मदद मिलेगी. साथ ही अभियंताओं के लिए भी यह अधिवेशन काफी महत्वपूर्ण होगी. बता दें कि राष्ट्र स्तर पर 16 समितियों में यूपी पीडब्ल्यूडी के अफसरों को सदस्य के रूप में चुना गया है.

भारतीय सड़क कांग्रेस के सेक्रेटरी जनरल एवं मोर्थ के डायरेक्टर जनरल (रोड डेवलेपमेंट) एस के निर्मल ने कहा कि 1934 में जब IRC शुरू हुआ तो सिर्फ 73 सदस्य थे, जबकि आज 19000 के करीब हो गए हैं. कहा कि हमारा मकसद देश में एक ही मानक की सड़कें बने, यह है. इसको लेकर लगातार हम काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब तक करीब 275 कोड हम बना चुके हैं. अब तो सार्क, अफ्रीका में भी हमारे IRC कोड पर काम हो रहा है.
कहा कि 8 अक्टूबर से शुरू हो रहे इस कार्यक्रम में 6 नए कोड जारी किए जाएंगे. हमने ऐसी guideline बनाई जो बहुत कम देशों में बनी हैं. सुबह 9.30 बजे से हमारी काउन्सिल की बैठक होगी जिसमें चर्चा होगी.


उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस वे पर हम देख रहे हैं कि एक्सीडेंट बढ़ रहे हैं, जबकि इन पर सबसे अधिक पैसा लगा रहे. इस पर चर्चा होगी कि कैसे सुधार हो. कहा कि रूरल डेवलपमेंट पर अलग से चर्चा होगी. एक्सप्रेस वे से जुड़ा एक डॉक्यूमेंट भी रिलीज जो वर्ल्ड की बेस्ट प्रैक्टिसेज पर आधारित होगा. DG रोड डेवलपमेंट एवं इंडियन रोड कांग्रेस के महासचिव एस के निर्मल ने कहा कि कोरोना काल मे 2 वर्ष IRC का अधिवेशन नहीं हो पाया. कोविड पीरियड में भी IRC की एक्सपर्ट कमेटी ने काम किया है. हम देश भर में सड़कों को शानदार बनाने पर काम कर रहे हैं. IRC के कोड भारत के साथ विश्व स्तर पर भी उपयोग में हैं.

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उन्होंने बताया कि हमने समुद्री पुलों के निर्माण की गाइडलाइंस बनाई हैं. सड़क सुरक्षा बढ़ाने पर हम बड़ा काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लखनऊ अधिवेशन में कई महत्वपूर्ण गाइडलाइंस अप्रूव होंगी. इसके अलावा एक्सप्रेस वे पर बढ़ रहे एक्सीडेंट पर भी हम डिस्कशन करेंगे. 8 अक्टूबर को अधिवेशन की शुरूआत होगी. 9 और 10 अक्टूबर को तकनीकी सेशन होंगे. 11 अक्टूबर को गाइडलाइंस को अप्रूव किया जाएगा और इसके बाद 1 अक्टूबर को काउंसिल की उच्चस्तरीय मीटिंग होगी. अप्रूव डॉक्यूमेंट को IRC काउंसिल अप्रूव करेंगे. इसके बाद अप्रूव डॉक्यूमेंट गवर्मेन्ट को दे दिए जाएंगे. इसके अलावा बेहतर कार्यों के लिए एवार्ड समारोह भी होंगे. कल उद्घाटन सत्र में ही दिए जाएंगे एवार्ड दिए जाएंगे.


यह भी पढ़ें : नर्सिंग एवं पैरामेडिकल संस्थानों में गुणवत्ता सुधार के लिए मिशन निरामया, कल से होगी शुरूआत

Last Updated : Oct 7, 2022, 10:15 PM IST
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