मकर संक्रांति पर्व के पहले अमृत स्नान के आयोजन पर प्रमुख सचिव गृह संजय पसाद ने कहा कि करीब पौने 2 करोड़ साधु, सांत और श्रद्धालु अब तक स्नान कर चुके हैं. गृह विभाग में स्थापित कंट्रोल रूम में मौजूद संजय प्रसाद बताते हैं कि 24 घंटे गृह विभाग महाकुंभ की हर गतिविधि पर नज़र रखे हुए हैं. साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ भी गृह विभाग से पल-पल की सूचना ले रहे है. विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक समागम शुरू हो गया है, करोड़ों लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. सरकार द्वारा इस महाकुंभ की परिकल्पना एक भव्य दिव्य और डिजिटल कुंभ के तौर पर की गई है. साथ ही इसे सबके लिए सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित बनाए के लिए व्यापक तैयारी की गई है. सरकार का आकलन है कि इस बार 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु कुंभ में स्नान करने आयेंगे. सरकार ने 100 करोड़ तक की भीड़ को संभालने की व्यवस्था की है.
महाकुंभ 2025; अब तक 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से बरसाए 52 क्विंटल फूल - MAHA KUMBH MELA 2025
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jan 14, 2025, 6:23 AM IST
|Updated : Jan 14, 2025, 5:58 PM IST
प्रयागराज: महाकुंभ का पहला शाही स्नान आज मकर संक्रांति पर हो रहा है. अमृत स्नान की इस पुण्य बेला में लाखों श्रद्धालु रात से ही मेला क्षेत्र में आने लगे थे. सुबह से ही संगम स्नान शुरू हो गया. मेला क्षेत्र में हर तरफ उल्लास और उमंग का माहौल है. सुबह 6.15 बजे से ही अखाड़ों का स्नान क्रमवार शुरू हो गया. साधु-संन्यासियों का रेला हर-हर महादेव, हर-हर गंगे का उद्घोष करते हुए संगम तट पर बढ़ चला. वहीं संतों के दर्शन करने के लिए हजारों श्रद्धालु मार्ग के दोनों तरफ खड़े रहे. श्रद्धालुओं का जत्था मेला क्षेत्र के सभी मार्गों से गंगा तटों की ओर बढ़ रहा है. अब तक संगम में 2.5 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. कुंभ में 12 किमी के दायरे में सभी घाटों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा है. वहीं, संगम तट स्थित लेटे हनुमान मंदिर पर श्रद्धालुओं को आज दर्शन नहीं मिलेगा. जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने इसकी जानकारी दी. अब तक पांच अखाड़ों ने शाही स्नान किया है.
LIVE FEED
सरकार का दावा, महाकुंभ में 100 करोड़ लोगों को संभालने की है तयारी
सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान हुई पुष्प वर्षा
महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान मकर संक्रांति के दिन मंगलवार को संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा हुई. भोर से ही शुरू हुए अमृत स्नान के साथ ही हेलीकॉप्टर पुरे दिन श्रद्धालुओं पर 52 क्विंटल पुष्प की वर्षा करता रहा. हेलीकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई. गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर मौजूद श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे लगाए.
हर स्नान पर्व पर होगी फूलों की बारिशः महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं पर स्नान पर्वों के मौके पर पुष्प वर्षा को लेकर योगी सरकार के निर्देश पर उद्यान विभाग ने पिछले काफी समय से तैयारी कर रखी थी. स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर सोमवार को श्रद्धालुओं पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं गई थीं. दूसरे दिन यानी मंगलवार को मकर संक्रांति पर अमृत स्नान के दौरान भी पुष्पवर्षा से श्रद्धालु अभिभूत नजर आए. उद्यान विभाग की ओर से इन दो दिनों के लिए 52 क्विंटल से अधिक मात्रा में गुलाब के फूलों का स्टॉक जमा किया गया था. महाकुंभ 2025 में कुल 6 प्रमुख स्नान पर्व आयोजित किए जाएंगे, जिसमें तीन अमृत स्नान होंगे. सभी स्नान पर्वों और अमृत स्नान के दौरान गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर करोड़ों श्रद्धालु इन आस्था की डुबकी लगाएंगे. यह पवित्र स्नान पापों से मुक्ति और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक माना जाता है.
भारतीय परंपरा और संस्कृति को वैश्विक मंच मिलाः अयोध्या के श्री राम वैदेही मंदिर के महंत स्वामी दिलीप दास त्यागी जी महाराज ने मकर संक्रांति का अमृत स्नान करने के बाद कहा कि मुख्यमंत्री ने हमारी सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने का कार्य किया है. महाकुंभ ने गुलामी के प्रतीक शब्दों से छुटकारा दिलाकर सनातन संस्कृति को नई पहचान दी है. इस बार अमृत स्नान का दिव्य और भव्य अनुभव ऐतिहासिक साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि "शाही स्नान" और "पेशवाई" जैसे मुगलकालीन शब्दों को हटाकर "अमृत स्नान" और "छावनी प्रवेश" जैसे सनातनी शब्दों को शामिल करना सनातन संस्कृति को सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम है. आज यह आयोजन भारतीय परंपराओं और संस्कृति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत कर रहा है.
परंपरा और संस्कृति का जुड़ा नया अध्यायः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि यह पहली बार है जब महाकुंभ में उर्दू शब्दों को बदलकर हिंदी और सनातनी शब्दों का उपयोग किया गया है.उन्होंने कहा, "यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया गया था, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया.अब 'शाही स्नान' और 'पेशवाई' जैसे शब्द इतिहास बन गए हैं और उनकी जगह 'अमृत स्नान' और 'छावनी प्रवेश' ने ले ली है."
दिन चढ़ने के साथ चढ़ा आस्था का ज्वार, घाटों पर हर-हर गंगे
प्रयागराज: महाकुंभ मेला क्षेत्र में दिन चढ़ने के साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ी है. कुल तेरह अखाड़ों के तीन बजे तक अमृत स्नान करने का अनुमान था, लेकिन अब अनुमान है कि यह समय बढ़ सकता है. दूसरी तरफ मेला में गंगा घाटों पर श्रद्धालु हर-हर गंगे का जयकारा लगाते हुए पुण्य की डुबकी लगाते रहे. दोपहर 12 बजे तक एक करोड़ 60 लाख श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान था.
प्रयागराज रेलवे और बस स्टेशनों में भारी संख्या में पहुंचे यात्री
प्रयागराज : धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में पौष पूर्णिमा स्नान के बाद मकर संक्रांति स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. बस स्टेशन हों या रेलवे स्टेशन, हर तरफ स्नान के बाद वापसी करते श्रद्धालु दिखे. एयरपोर्ट पर भी यात्रियों की भीड़ दिखी. तीनों जोनल रेलवे ने 344 दैनिक व कुम्भ मेला विशेष ट्रेनों का संचालन किया. इनमें से सबसे अधिक 199 ट्रेनें प्रयागराज जंक्शन से चलाई गईं. सिविल लाइंस और जीरो रोड बस अड्डा बंद रहा. इसकी जगह नैनी, झूंसी, बेली कछार और नेहरू पार्क में बने अस्थाई बस अड्डों से बसों का संचालन किया गया. पूर्वांचल के लिए झूंसी, मिर्जापुर व मध्य प्रदेश रूट के लिए नैनी तो कानपुर रूट के लिए नेहरू पार्क से गाड़ियां मिलीं. वहीं रायबरेली और लखनऊ रूट के लिए बेली कछार से बसों का संचालन हुआ. सबसे ज्यादा अयोध्या रूट पर 100 से अधिक बसें चलाई गईं. रोडवेज ने रिजर्व में 500 से अधिक बसों का रखा है.
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्रीपंचदशनाम आवाहन अखाड़ा तथा श्री पंचाग्नि अखाड़े ने किया शाही स्नान
प्रयागराज: श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्रीपंचदशनाम आवाहन अखाड़ा तथा श्री पंचाग्नि अखाड़ा पहुंचा शाही स्नान करने. इसके पहले दो अखाड़े शाही स्नान कर चुके हैं. सुबह से शुरू हुआ शाही स्नान अब भी जारी है. कुल तेरह अखाड़े शाही स्नान करेंगे.
मकर संक्रांति का पुण्यकाल
मकर संक्रांति पर इस बार कोई भद्रा नहीं है. सुबह से शाम तक शुभ रहेगा. भारतीय ज्योतिष अनुसंधान परिषद की प्रयागराज चैप्टर की अध्यक्ष डॉ. गीता मिश्रा त्रिपाठी के मुताबिक, इस बार महापुण्यकाल की अवधि सुबह 9:03 बजे से 10:50 बजे तक रहेगी, जो 1 घंटा 47 मिनट होगी. मकर संक्रांति सूर्य की स्थिति के आधार पर मनाया जाने वाला पर्व है. इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तरायण हो जाते हैं. मकर संक्रांति पर गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. इस दौरान स्नान, दान, और तिल-गुड़ के सेवन से व्यक्ति पुण्य अर्जित करता है. शास्त्रों में मकर संक्रांति को 'तिल संक्रांति' भी कहा गया है. इस दिन काले तिल, गुड़, खिचड़ी, नमक और घी का दान विशेष फलदायी माना गया है.
किस तरह के दान से कैसा मिलता है लाभ, जानिए
प्रयागराज: मकर संक्रांति पर दान करना पुण्यदायी है. आइए जानते हैं किस तरह के दान से कैसा लाभ मिलता है.
- तिल और गुड़ का दान: यह पापों का नाश और पुण्य लाभ प्रदान करता है.
- नमक का दान: बुरी ऊर्जा और अनिष्टों का नाश करता है.
- खिचड़ी का दान: चावल और उड़द की दाल की खिचड़ी दान करने से अक्षय फल प्राप्त होता है.
- घी और रेवड़ी का दान: भौतिक सुख, मान-सम्मान, और यश प्राप्त होता है. पक्षियों को दाना और जानवरों को भोजन: यह कर्म अत्यधिक फलदायी माना जाता है.
मकर संक्रांति पर मंत्र जाप का महत्व: डॉ. गीता मिश्रा त्रिपाठी ने बताया कि मकर संक्रांति पर स्नान और दान के बाद सूर्यदेव के 12 नामों का जाप और उनके मंत्रों का उच्चारण जीवन की कई समस्याओं को समाप्त कर सकता है. यह मंत्र जाप सूर्य देव की कृपा पाने का उत्तम साधन है.
अखाड़ों के स्नान का अलग-अलग समय, सबसे पहले ये दो अखाड़े
प्रयागराज: अभेद्य सुरक्षा- व्यवस्था के बीच महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान शुरू है. आस्था, उमंग, उल्लास और आह्लाद के बीच श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा ने सुबह 06:15 बजे पहला अमृत स्नान किया. हर हर गंगे के गगनभेदी उद्घोष के बीच नागा साधुओं ने मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती में अमृत की डुबकी लगाई. इससे पहले अखाड़ों में अमृत स्नान के लिए देर रात तक तैयारी चलती रही. बग्घियां, चांदी के हौद, महामण्डलेश्वरों के रथ देर रात तक फूलों से सजाये जाते रहे.
संगम तट पर पहुंचने लगे साधु-संन्यासी, शाही स्नान शुरू
प्रयागराज: महाकुंभ में शाही स्नान शुरू हो गया है. इसी के साथ अखाड़ों के साधु-संत संगम तट पर पहुंचने लगे हैं. इसी के साथ 12 किमी के दायरे में विभिन्न गंगा घाटों पर लाखों श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं.
गंगा घाटों की तरफ उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम, हर तरफ उल्लास
प्रयागराज: महाकुंभ में गंगा तटों की ओर श्रद्धालुओं का जत्था लगातार बढ़ रहा है. हर-हर गंगे के उद्घोष के नारे लग रहे हैं. श्रद्धालुओं के साथ अखाड़ों ने भी स्नान की पूरी तैयारी की है और कुछ ही देर में शाही स्नान शुरू हो जाएगा.
प्रयागराज: महाकुंभ का पहला शाही स्नान आज मकर संक्रांति पर हो रहा है. अमृत स्नान की इस पुण्य बेला में लाखों श्रद्धालु रात से ही मेला क्षेत्र में आने लगे थे. सुबह से ही संगम स्नान शुरू हो गया. मेला क्षेत्र में हर तरफ उल्लास और उमंग का माहौल है. सुबह 6.15 बजे से ही अखाड़ों का स्नान क्रमवार शुरू हो गया. साधु-संन्यासियों का रेला हर-हर महादेव, हर-हर गंगे का उद्घोष करते हुए संगम तट पर बढ़ चला. वहीं संतों के दर्शन करने के लिए हजारों श्रद्धालु मार्ग के दोनों तरफ खड़े रहे. श्रद्धालुओं का जत्था मेला क्षेत्र के सभी मार्गों से गंगा तटों की ओर बढ़ रहा है. अब तक संगम में 2.5 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. कुंभ में 12 किमी के दायरे में सभी घाटों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा है. वहीं, संगम तट स्थित लेटे हनुमान मंदिर पर श्रद्धालुओं को आज दर्शन नहीं मिलेगा. जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने इसकी जानकारी दी. अब तक पांच अखाड़ों ने शाही स्नान किया है.
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सरकार का दावा, महाकुंभ में 100 करोड़ लोगों को संभालने की है तयारी
मकर संक्रांति पर्व के पहले अमृत स्नान के आयोजन पर प्रमुख सचिव गृह संजय पसाद ने कहा कि करीब पौने 2 करोड़ साधु, सांत और श्रद्धालु अब तक स्नान कर चुके हैं. गृह विभाग में स्थापित कंट्रोल रूम में मौजूद संजय प्रसाद बताते हैं कि 24 घंटे गृह विभाग महाकुंभ की हर गतिविधि पर नज़र रखे हुए हैं. साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ भी गृह विभाग से पल-पल की सूचना ले रहे है. विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक समागम शुरू हो गया है, करोड़ों लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. सरकार द्वारा इस महाकुंभ की परिकल्पना एक भव्य दिव्य और डिजिटल कुंभ के तौर पर की गई है. साथ ही इसे सबके लिए सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित बनाए के लिए व्यापक तैयारी की गई है. सरकार का आकलन है कि इस बार 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु कुंभ में स्नान करने आयेंगे. सरकार ने 100 करोड़ तक की भीड़ को संभालने की व्यवस्था की है.
सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान हुई पुष्प वर्षा
महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान मकर संक्रांति के दिन मंगलवार को संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा हुई. भोर से ही शुरू हुए अमृत स्नान के साथ ही हेलीकॉप्टर पुरे दिन श्रद्धालुओं पर 52 क्विंटल पुष्प की वर्षा करता रहा. हेलीकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई. गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर मौजूद श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे लगाए.
हर स्नान पर्व पर होगी फूलों की बारिशः महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं पर स्नान पर्वों के मौके पर पुष्प वर्षा को लेकर योगी सरकार के निर्देश पर उद्यान विभाग ने पिछले काफी समय से तैयारी कर रखी थी. स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर सोमवार को श्रद्धालुओं पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं गई थीं. दूसरे दिन यानी मंगलवार को मकर संक्रांति पर अमृत स्नान के दौरान भी पुष्पवर्षा से श्रद्धालु अभिभूत नजर आए. उद्यान विभाग की ओर से इन दो दिनों के लिए 52 क्विंटल से अधिक मात्रा में गुलाब के फूलों का स्टॉक जमा किया गया था. महाकुंभ 2025 में कुल 6 प्रमुख स्नान पर्व आयोजित किए जाएंगे, जिसमें तीन अमृत स्नान होंगे. सभी स्नान पर्वों और अमृत स्नान के दौरान गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर करोड़ों श्रद्धालु इन आस्था की डुबकी लगाएंगे. यह पवित्र स्नान पापों से मुक्ति और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक माना जाता है.
भारतीय परंपरा और संस्कृति को वैश्विक मंच मिलाः अयोध्या के श्री राम वैदेही मंदिर के महंत स्वामी दिलीप दास त्यागी जी महाराज ने मकर संक्रांति का अमृत स्नान करने के बाद कहा कि मुख्यमंत्री ने हमारी सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने का कार्य किया है. महाकुंभ ने गुलामी के प्रतीक शब्दों से छुटकारा दिलाकर सनातन संस्कृति को नई पहचान दी है. इस बार अमृत स्नान का दिव्य और भव्य अनुभव ऐतिहासिक साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि "शाही स्नान" और "पेशवाई" जैसे मुगलकालीन शब्दों को हटाकर "अमृत स्नान" और "छावनी प्रवेश" जैसे सनातनी शब्दों को शामिल करना सनातन संस्कृति को सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम है. आज यह आयोजन भारतीय परंपराओं और संस्कृति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत कर रहा है.
परंपरा और संस्कृति का जुड़ा नया अध्यायः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि यह पहली बार है जब महाकुंभ में उर्दू शब्दों को बदलकर हिंदी और सनातनी शब्दों का उपयोग किया गया है.उन्होंने कहा, "यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया गया था, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया.अब 'शाही स्नान' और 'पेशवाई' जैसे शब्द इतिहास बन गए हैं और उनकी जगह 'अमृत स्नान' और 'छावनी प्रवेश' ने ले ली है."
दिन चढ़ने के साथ चढ़ा आस्था का ज्वार, घाटों पर हर-हर गंगे
प्रयागराज: महाकुंभ मेला क्षेत्र में दिन चढ़ने के साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ी है. कुल तेरह अखाड़ों के तीन बजे तक अमृत स्नान करने का अनुमान था, लेकिन अब अनुमान है कि यह समय बढ़ सकता है. दूसरी तरफ मेला में गंगा घाटों पर श्रद्धालु हर-हर गंगे का जयकारा लगाते हुए पुण्य की डुबकी लगाते रहे. दोपहर 12 बजे तक एक करोड़ 60 लाख श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान था.
प्रयागराज रेलवे और बस स्टेशनों में भारी संख्या में पहुंचे यात्री
प्रयागराज : धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में पौष पूर्णिमा स्नान के बाद मकर संक्रांति स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. बस स्टेशन हों या रेलवे स्टेशन, हर तरफ स्नान के बाद वापसी करते श्रद्धालु दिखे. एयरपोर्ट पर भी यात्रियों की भीड़ दिखी. तीनों जोनल रेलवे ने 344 दैनिक व कुम्भ मेला विशेष ट्रेनों का संचालन किया. इनमें से सबसे अधिक 199 ट्रेनें प्रयागराज जंक्शन से चलाई गईं. सिविल लाइंस और जीरो रोड बस अड्डा बंद रहा. इसकी जगह नैनी, झूंसी, बेली कछार और नेहरू पार्क में बने अस्थाई बस अड्डों से बसों का संचालन किया गया. पूर्वांचल के लिए झूंसी, मिर्जापुर व मध्य प्रदेश रूट के लिए नैनी तो कानपुर रूट के लिए नेहरू पार्क से गाड़ियां मिलीं. वहीं रायबरेली और लखनऊ रूट के लिए बेली कछार से बसों का संचालन हुआ. सबसे ज्यादा अयोध्या रूट पर 100 से अधिक बसें चलाई गईं. रोडवेज ने रिजर्व में 500 से अधिक बसों का रखा है.
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्रीपंचदशनाम आवाहन अखाड़ा तथा श्री पंचाग्नि अखाड़े ने किया शाही स्नान
प्रयागराज: श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्रीपंचदशनाम आवाहन अखाड़ा तथा श्री पंचाग्नि अखाड़ा पहुंचा शाही स्नान करने. इसके पहले दो अखाड़े शाही स्नान कर चुके हैं. सुबह से शुरू हुआ शाही स्नान अब भी जारी है. कुल तेरह अखाड़े शाही स्नान करेंगे.
मकर संक्रांति का पुण्यकाल
मकर संक्रांति पर इस बार कोई भद्रा नहीं है. सुबह से शाम तक शुभ रहेगा. भारतीय ज्योतिष अनुसंधान परिषद की प्रयागराज चैप्टर की अध्यक्ष डॉ. गीता मिश्रा त्रिपाठी के मुताबिक, इस बार महापुण्यकाल की अवधि सुबह 9:03 बजे से 10:50 बजे तक रहेगी, जो 1 घंटा 47 मिनट होगी. मकर संक्रांति सूर्य की स्थिति के आधार पर मनाया जाने वाला पर्व है. इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तरायण हो जाते हैं. मकर संक्रांति पर गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. इस दौरान स्नान, दान, और तिल-गुड़ के सेवन से व्यक्ति पुण्य अर्जित करता है. शास्त्रों में मकर संक्रांति को 'तिल संक्रांति' भी कहा गया है. इस दिन काले तिल, गुड़, खिचड़ी, नमक और घी का दान विशेष फलदायी माना गया है.
किस तरह के दान से कैसा मिलता है लाभ, जानिए
प्रयागराज: मकर संक्रांति पर दान करना पुण्यदायी है. आइए जानते हैं किस तरह के दान से कैसा लाभ मिलता है.
- तिल और गुड़ का दान: यह पापों का नाश और पुण्य लाभ प्रदान करता है.
- नमक का दान: बुरी ऊर्जा और अनिष्टों का नाश करता है.
- खिचड़ी का दान: चावल और उड़द की दाल की खिचड़ी दान करने से अक्षय फल प्राप्त होता है.
- घी और रेवड़ी का दान: भौतिक सुख, मान-सम्मान, और यश प्राप्त होता है. पक्षियों को दाना और जानवरों को भोजन: यह कर्म अत्यधिक फलदायी माना जाता है.
मकर संक्रांति पर मंत्र जाप का महत्व: डॉ. गीता मिश्रा त्रिपाठी ने बताया कि मकर संक्रांति पर स्नान और दान के बाद सूर्यदेव के 12 नामों का जाप और उनके मंत्रों का उच्चारण जीवन की कई समस्याओं को समाप्त कर सकता है. यह मंत्र जाप सूर्य देव की कृपा पाने का उत्तम साधन है.
अखाड़ों के स्नान का अलग-अलग समय, सबसे पहले ये दो अखाड़े
प्रयागराज: अभेद्य सुरक्षा- व्यवस्था के बीच महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान शुरू है. आस्था, उमंग, उल्लास और आह्लाद के बीच श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा ने सुबह 06:15 बजे पहला अमृत स्नान किया. हर हर गंगे के गगनभेदी उद्घोष के बीच नागा साधुओं ने मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती में अमृत की डुबकी लगाई. इससे पहले अखाड़ों में अमृत स्नान के लिए देर रात तक तैयारी चलती रही. बग्घियां, चांदी के हौद, महामण्डलेश्वरों के रथ देर रात तक फूलों से सजाये जाते रहे.
संगम तट पर पहुंचने लगे साधु-संन्यासी, शाही स्नान शुरू
प्रयागराज: महाकुंभ में शाही स्नान शुरू हो गया है. इसी के साथ अखाड़ों के साधु-संत संगम तट पर पहुंचने लगे हैं. इसी के साथ 12 किमी के दायरे में विभिन्न गंगा घाटों पर लाखों श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं.
गंगा घाटों की तरफ उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम, हर तरफ उल्लास
प्रयागराज: महाकुंभ में गंगा तटों की ओर श्रद्धालुओं का जत्था लगातार बढ़ रहा है. हर-हर गंगे के उद्घोष के नारे लग रहे हैं. श्रद्धालुओं के साथ अखाड़ों ने भी स्नान की पूरी तैयारी की है और कुछ ही देर में शाही स्नान शुरू हो जाएगा.