ETV Bharat / city

उत्तर प्रदेश में सरकार बनी तो कांग्रेस गोकशी केस में बरी 48 लोगों को देगी मुआवजा - भारतीय जनता पार्टी

कांग्रेस ने ऐलान किया है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उन सभी को मुआवजा दिया जाएगा, जिनको गोकशी के मामले में बेवजह फंसाया गया था. अल्पसंख्यक कांग्रेस के इस कदम पर भाजपा ने नाराजगी जताई है.

DOC Title * if-govt-formed-in-up-congress-will-give-compensation-to-48-people-acquitted-in-cow-slaughter-cases
DOC Title * if-govt-formed-in-up-congress-will-give-compensation-to-48-people-acquitted-in-cow-slaughter-cases
author img

By

Published : Sep 9, 2021, 5:47 PM IST

Updated : Sep 9, 2021, 6:38 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत के केंद्र बिंदु में गाय को राजनीतिक पार्टियां शामिल कर ही लेती हैं. अब आगामी विधान सभा चुनावों में कांग्रेस इसे मुद्दा बनाने जा रही है. गोकशी को लेकर जिन लोगों पर मुकदमे दर्ज थे, उनमें से कई को हाईकोर्ट ने राहत दी थी. हाईकोर्ट से मुकदमा खारिज होने के बाद ऐसे 48 से ज्यादा लोगों की सूची अल्पसंख्यक कांग्रेस ने तैयार की है और ऐलान किया है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इन सभी को मुआवजा दिया जाएगा. गोकशी के मामले में इन्हें बेवजह फंसाया गया था, यह बेगुनाह हैं. अल्पसंख्यक कांग्रेस के इस कदम पर भाजपा ने नाराजगी जताई है. बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति करती है. वहीं समाजवादी पार्टी इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से कतरा रही है.

जानकारी देते उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम



अल्पसंख्यक कांग्रेस ने हाल ही में लखनऊ में दो दिवसीय संकल्प परिवर्तन महासम्मेलन किया था. इसमें अल्पसंख्यक कांग्रेस के राष्ट्रीय चेयरमैन इमरान प्रतापगढ़ी ने भी शिरकत की थी. महासम्मेलन के दौरान कुल 16 सूत्रीय संकल्प पत्र की घोषणा की गई थी. इनमें एक संकल्प यह भी शामिल किया गया कि गो-वध निवारण अधिनियम के तहत बेगुनाहों पर लादे गए मुकदमे, जिन्हें हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. उनको उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर मुवावजा दिया जाएगा.

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम का कहना है कि तकरीबन 48 ऐसे लोगों की सूची अल्पसंख्यक कांग्रेस ने तैयार की है, जिन पर गोकशी के मामले में मुकदमा दर्ज कराते हुए एनएसए लगाया गया था. उन्हें हाई कोर्ट ने राहत दी है. मुकदमा खरिज किया गया है. इन सभी की सूची अल्पसंख्यक कांग्रेस ने बनायी है. कांग्रेस की सरकार बनने पर इन्हें मुआवजा दिया जाएगा. इसके अलावा अल्पसंख्यक वर्ग से जुड़े अन्य मुद्दे भी संकल्प पत्र में शामिल किए गए हैं, जिनका कांग्रेस की सरकार बनने पर निराकरण कराया जाएगा.

लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी का दफ्तर
लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी का दफ्तर

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम का कहना है कि प्रदेश में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, तब से गोकशी के नाम पर बहुत सारे लोगों के ऊपर फर्जी मुकदमे लादे गए हैं. इनमें लगभग 48 केस ऐसे हैं, जिन पर एनएसए लगाया गया था. उनको इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले दिनों यह कहते हुए खारिज किया कि इसमें इस तरह का कोई केस नहीं बनता है. कई निर्णयों में "नॉन एप्लीकेशन ऑफ माइंड" की बात अदालत ने कही है और उनको बरी कर दिया. हम मानते हैं कि ऐसे लोगों को राजनीतिक द्वेष की वजह से फंसाने का काम किया गया. उन परिवारों का लाखों रुपये खर्च हुआ. लंबे समय तक जेल में रहे. उनका आर्थिक नुकसान हुआ है. अगर हमारी सरकार आती है तो हम उनको मुआवजा देंगे, उनकी खोई प्रतिष्ठा को बहाल करेंगे.

अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम का यह भी कहना है कि मोहम्मद अखलाक के परिवार वालों को भी इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ा था. हालांकि अखलाक के साथ मॉब लिंचिंग का मामला भाजपा सरकार में नहीं हुआ था, लेकिन उनका परिवार भी इस तरह की मुसीबत में फंसा था. कांग्रेस की सरकार बनने पर अखलाक के परिवार को भी पूरी मदद दी जाएगी.अल्पसंख्यक कांग्रेस के इस कदम पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे ने कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस कांग्रेस पार्टी का जनाधार उत्तर प्रदेश ही नहीं, पूरे देश में खत्म हो चुका है. खासकर उत्तर प्रदेश में जनता तो कांग्रेस पर विचार भी नहीं कर रही है. राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हारने के बाद दोबारा लौटकर नहीं आए. प्रियंका गांधी कभी-कभी प्रवासी पक्षियों की तरह उत्तर प्रदेश में आती हैं और फिर वापस दिल्ली लौट जाती हैं. चूंकि कांग्रेस का कोई आधार नहीं है. इसलिए कांग्रेस की मजबूरी है कि वह तुष्टिकरण की राजनीति को पुनः उत्तर प्रदेश में बढ़ाना चाहती है.

उन्होंने कहा कि इसी वजह से वह इस तरह के बयान दे रहे हैं. जनता समझदार है. उसे पता है कौन सी पार्टी जनसेवा के भाव से कार्य कर रही है और कौनसी पार्टी तुष्टीकरण के बहाने उत्तर प्रदेश के माहौल को खराब करना चाहती है. जनता ऐसे लोगों के साथ कभी देने वाली नहीं. ऐसे तमाम मुद्दे हैं, जो तुष्टिकरण को जन्म देते हैं, जो ध्रुवीकरण को जन्म देते हैं. कांग्रेस ऐसे ही मुद्दों को उठाना चाह रही है, लेकिन यही वजह है कि कांग्रेस को देश में भी और उत्तर प्रदेश में भी जनता ने नकार दिया है, लेकिन कांग्रेस इस बात को समझने की चेष्टा नहीं कर रही है. लगातार पुराने पद चिन्हों पर चलने की कोशिश कर रही है. यह उसका नया उदाहरण है.

ये भी पढ़ें- पूर्व सपा विधायक के पेट्रोल पंप पर लात-घूंसों से हुई उनकी कथित प्रेमिका की धुनाई, देखें वीडियो



16 सूत्रीय संकल्प पत्र की घोषणा
1- सरकार बनी तो सीएए और एनआरसी विरोधी आंदोलन में दर्ज मुकदमे वापस होंगे और मुआवजा दिया जाएगा.
2- राजस्थान की कांग्रेस सरकार की तरह मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने के लिए विधानसभा से राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजा जाएगा.
3- बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली दी जायेगी और कांग्रेस के जमाने में स्थापित की गईं कताई मिलों को फिर से खोला जाएगा.
4- डॉ. मनमोहन सिंह सरकार में बुनकरों के लिए जारी किए गए 2350 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
5- सपा सरकार में बन्द की टेनरी खोला जाएंगी.
6- आंबेडकर छात्रावासों के तर्ज पर हर जिले में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मौलाना आजाद छात्रावास खोले जायेंगे.
7- अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाएगी.
8- मदरसा आधुनिकीकरण, शिक्षकों के बकाया वेतन को देने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाएगा.
9- पिछले 30 सालों में वक्फ की संपत्तियों में हुई धांधली की जांच कराई जाएगी और दोषियों को सजा दी जाएगी.
10- पसमांदा तबको के विकास के लिए अलग से पसमांदा आयोग का गठन किया जाएगा.
11- दस्तकार वर्ग की आवाज को सदन में स्थाई तौर पर उठाने के लिए उस वर्ग से विधान परिषद में एक सदस्य नामित किया जाएगा.
12- अखिलेश यादव सरकार में हुए सभी छोटे-बड़े दंगों की न्यायिक जांच कराकर दोषियों को सजा दी जाएगी.
13- 1992 में कानपुर में हुए दंगे की जांच के लिए गठित माथुर कमीशन की रिपोर्ट पर कार्रवाई कर दोषियों को सजा दी जाएगी.
14- हर मंडल में एक यूनानी मेडिकल कालेज खोला जाएगा.
15- अल्पसंख्यक वर्ग में आत्मविश्वास विकसित करने के लिए अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में राज्य पुलिस बल में भर्ती के लिए विशेष कैंप लगाए जाएंगे.
16- उत्तर प्रदेश गो-वध निवारण अधिनियम के तहत बेगुनाह लोगों पर लादे गए मुकदमे, जिन्हें हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है उनको मुआवजा दिया जाएगा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत के केंद्र बिंदु में गाय को राजनीतिक पार्टियां शामिल कर ही लेती हैं. अब आगामी विधान सभा चुनावों में कांग्रेस इसे मुद्दा बनाने जा रही है. गोकशी को लेकर जिन लोगों पर मुकदमे दर्ज थे, उनमें से कई को हाईकोर्ट ने राहत दी थी. हाईकोर्ट से मुकदमा खारिज होने के बाद ऐसे 48 से ज्यादा लोगों की सूची अल्पसंख्यक कांग्रेस ने तैयार की है और ऐलान किया है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इन सभी को मुआवजा दिया जाएगा. गोकशी के मामले में इन्हें बेवजह फंसाया गया था, यह बेगुनाह हैं. अल्पसंख्यक कांग्रेस के इस कदम पर भाजपा ने नाराजगी जताई है. बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति करती है. वहीं समाजवादी पार्टी इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से कतरा रही है.

जानकारी देते उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम



अल्पसंख्यक कांग्रेस ने हाल ही में लखनऊ में दो दिवसीय संकल्प परिवर्तन महासम्मेलन किया था. इसमें अल्पसंख्यक कांग्रेस के राष्ट्रीय चेयरमैन इमरान प्रतापगढ़ी ने भी शिरकत की थी. महासम्मेलन के दौरान कुल 16 सूत्रीय संकल्प पत्र की घोषणा की गई थी. इनमें एक संकल्प यह भी शामिल किया गया कि गो-वध निवारण अधिनियम के तहत बेगुनाहों पर लादे गए मुकदमे, जिन्हें हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. उनको उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर मुवावजा दिया जाएगा.

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम का कहना है कि तकरीबन 48 ऐसे लोगों की सूची अल्पसंख्यक कांग्रेस ने तैयार की है, जिन पर गोकशी के मामले में मुकदमा दर्ज कराते हुए एनएसए लगाया गया था. उन्हें हाई कोर्ट ने राहत दी है. मुकदमा खरिज किया गया है. इन सभी की सूची अल्पसंख्यक कांग्रेस ने बनायी है. कांग्रेस की सरकार बनने पर इन्हें मुआवजा दिया जाएगा. इसके अलावा अल्पसंख्यक वर्ग से जुड़े अन्य मुद्दे भी संकल्प पत्र में शामिल किए गए हैं, जिनका कांग्रेस की सरकार बनने पर निराकरण कराया जाएगा.

लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी का दफ्तर
लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी का दफ्तर

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम का कहना है कि प्रदेश में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, तब से गोकशी के नाम पर बहुत सारे लोगों के ऊपर फर्जी मुकदमे लादे गए हैं. इनमें लगभग 48 केस ऐसे हैं, जिन पर एनएसए लगाया गया था. उनको इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले दिनों यह कहते हुए खारिज किया कि इसमें इस तरह का कोई केस नहीं बनता है. कई निर्णयों में "नॉन एप्लीकेशन ऑफ माइंड" की बात अदालत ने कही है और उनको बरी कर दिया. हम मानते हैं कि ऐसे लोगों को राजनीतिक द्वेष की वजह से फंसाने का काम किया गया. उन परिवारों का लाखों रुपये खर्च हुआ. लंबे समय तक जेल में रहे. उनका आर्थिक नुकसान हुआ है. अगर हमारी सरकार आती है तो हम उनको मुआवजा देंगे, उनकी खोई प्रतिष्ठा को बहाल करेंगे.

अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम का यह भी कहना है कि मोहम्मद अखलाक के परिवार वालों को भी इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ा था. हालांकि अखलाक के साथ मॉब लिंचिंग का मामला भाजपा सरकार में नहीं हुआ था, लेकिन उनका परिवार भी इस तरह की मुसीबत में फंसा था. कांग्रेस की सरकार बनने पर अखलाक के परिवार को भी पूरी मदद दी जाएगी.अल्पसंख्यक कांग्रेस के इस कदम पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे ने कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस कांग्रेस पार्टी का जनाधार उत्तर प्रदेश ही नहीं, पूरे देश में खत्म हो चुका है. खासकर उत्तर प्रदेश में जनता तो कांग्रेस पर विचार भी नहीं कर रही है. राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हारने के बाद दोबारा लौटकर नहीं आए. प्रियंका गांधी कभी-कभी प्रवासी पक्षियों की तरह उत्तर प्रदेश में आती हैं और फिर वापस दिल्ली लौट जाती हैं. चूंकि कांग्रेस का कोई आधार नहीं है. इसलिए कांग्रेस की मजबूरी है कि वह तुष्टिकरण की राजनीति को पुनः उत्तर प्रदेश में बढ़ाना चाहती है.

उन्होंने कहा कि इसी वजह से वह इस तरह के बयान दे रहे हैं. जनता समझदार है. उसे पता है कौन सी पार्टी जनसेवा के भाव से कार्य कर रही है और कौनसी पार्टी तुष्टीकरण के बहाने उत्तर प्रदेश के माहौल को खराब करना चाहती है. जनता ऐसे लोगों के साथ कभी देने वाली नहीं. ऐसे तमाम मुद्दे हैं, जो तुष्टिकरण को जन्म देते हैं, जो ध्रुवीकरण को जन्म देते हैं. कांग्रेस ऐसे ही मुद्दों को उठाना चाह रही है, लेकिन यही वजह है कि कांग्रेस को देश में भी और उत्तर प्रदेश में भी जनता ने नकार दिया है, लेकिन कांग्रेस इस बात को समझने की चेष्टा नहीं कर रही है. लगातार पुराने पद चिन्हों पर चलने की कोशिश कर रही है. यह उसका नया उदाहरण है.

ये भी पढ़ें- पूर्व सपा विधायक के पेट्रोल पंप पर लात-घूंसों से हुई उनकी कथित प्रेमिका की धुनाई, देखें वीडियो



16 सूत्रीय संकल्प पत्र की घोषणा
1- सरकार बनी तो सीएए और एनआरसी विरोधी आंदोलन में दर्ज मुकदमे वापस होंगे और मुआवजा दिया जाएगा.
2- राजस्थान की कांग्रेस सरकार की तरह मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने के लिए विधानसभा से राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजा जाएगा.
3- बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली दी जायेगी और कांग्रेस के जमाने में स्थापित की गईं कताई मिलों को फिर से खोला जाएगा.
4- डॉ. मनमोहन सिंह सरकार में बुनकरों के लिए जारी किए गए 2350 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
5- सपा सरकार में बन्द की टेनरी खोला जाएंगी.
6- आंबेडकर छात्रावासों के तर्ज पर हर जिले में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मौलाना आजाद छात्रावास खोले जायेंगे.
7- अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाएगी.
8- मदरसा आधुनिकीकरण, शिक्षकों के बकाया वेतन को देने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाएगा.
9- पिछले 30 सालों में वक्फ की संपत्तियों में हुई धांधली की जांच कराई जाएगी और दोषियों को सजा दी जाएगी.
10- पसमांदा तबको के विकास के लिए अलग से पसमांदा आयोग का गठन किया जाएगा.
11- दस्तकार वर्ग की आवाज को सदन में स्थाई तौर पर उठाने के लिए उस वर्ग से विधान परिषद में एक सदस्य नामित किया जाएगा.
12- अखिलेश यादव सरकार में हुए सभी छोटे-बड़े दंगों की न्यायिक जांच कराकर दोषियों को सजा दी जाएगी.
13- 1992 में कानपुर में हुए दंगे की जांच के लिए गठित माथुर कमीशन की रिपोर्ट पर कार्रवाई कर दोषियों को सजा दी जाएगी.
14- हर मंडल में एक यूनानी मेडिकल कालेज खोला जाएगा.
15- अल्पसंख्यक वर्ग में आत्मविश्वास विकसित करने के लिए अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में राज्य पुलिस बल में भर्ती के लिए विशेष कैंप लगाए जाएंगे.
16- उत्तर प्रदेश गो-वध निवारण अधिनियम के तहत बेगुनाह लोगों पर लादे गए मुकदमे, जिन्हें हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है उनको मुआवजा दिया जाएगा.

Last Updated : Sep 9, 2021, 6:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.