ETV Bharat / city

प्रदेश के 4600 पीएचसी में लगाए जा रहे हेल्थ एटीएम, जानिए फायदे

अगले तीन माह में प्रदेश के सभी 4600 प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्थ एटीएम की सुविधा उपलब्ध होगी. स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्थ एटीएम लगने के बाद गांव का व्यक्ति भी केंद्र पर जाकर 5 मिनट में 59 से अधिक जांचें मुफ्त करा सकेगा.

Etv Bharat
सीएम योगी आदित्यनाथ
author img

By

Published : Sep 19, 2022, 2:40 PM IST

लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने सूबे के मुखिया होने के नाते प्रदेश के स्वास्थ्य को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखा है. हाल ही में सीएम योगी ने गोरखपुर के पहले हेल्थ एटीएम का शुभारंभ किया है. प्रदेश में 4600 हेल्थ एटीएम लगाने का संकल्प भी लिया गया है. आरोग्य मेले के तहत करोड़ों लोग इससे लाभान्वित हो चुके हैं तो, वहीं प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज संचालित करने का सपना पूरा होने की कगार पर है.

अगले तीन माह में प्रदेश के सभी 4600 प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्थ एटीएम की सुविधा उपलब्ध होगी. स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्थ एटीएम लगने के बाद गांव का कोई भी व्यक्ति केंद्र पर जाकर 5 मिनट में 59 से अधिक जांचें मुफ्त करा सकेगा. हेल्थ एटीएम में वजन, पल्स रेट, जैसी सामान्य जांच के साथ ही कार्डियक, ब्लड शुगर, यूरिन, डेंगू, मलेरिया, हेपेटाइटिस, आर्थराइटिस प्रोफाइल, प्रेगनेंसी टेस्ट, टाइफाइड जैसी महत्वपूर्ण जांचें भी होंगीं. इसकी जांच रिपोर्ट को टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से विशेषज्ञ डॉक्टर को ऑनलाइन भेजकर उचित चिकित्सकीय परामर्श लिया जा सकेगा.

आरोग्य मेले में 11.35 करोड़ का हुआ इलाज: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरवरी, 2020 में आरोग्य मेले की शुरुआत की थी. शुभारंभ के बाद से अब तक आयोजित 61 मेलों में 11 करोड़ 35 लाख 56 हजार से ज्यादा मरीज इलाज करा चुके हैं. इसका सबसे ज्यादा फायदा गरीब परिवारों को मिला है. यह आरोग्य मेले रविवार के दिन संचालित किए जा रहे हैं ताकि, आमजन छुट्टी के दिन पीएचसी पर जाकर अपना स्वास्थ्य चेक-अप करा सके. अब तक हुए 61 आरोग्य मेलों में से 1.74 लाख गंभीर रोगियों को उच्च स्वास्थ्य केंद्रों पर रेफर किया गया है.

इसे भी पढ़े-आरोग्य मेले से मरीजों को मिल रही बेहतर सुविधाएं, आसान हुआ ऑपरेशन

65 मेडिकल कॉलेज किए जा रहे संचालित: एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज की नीति के तहत हर जिले में आधुनिक विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाओं से युक्त सरकारी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना का कार्य गतिमान है. प्रदेश में अब तक कुल 65 मेडिकल कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं. वहीं, 22 मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं. गोरखपुर और रायबरेली में एम्स का संचालन हो रहा है.

6.51 करोड़ को मिला आयुष्मान कार्ड: 23 सितंबर को आयुष्मान योजना के 4 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं. इन चार वर्षो में प्रदेश में 6.51 करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड योजना से जोड़ा जा चुका है. इस योजना के तहत लाभार्थी को 5 लाख रुपये का बीमा कवर मिलता है.

कोविड मैनेजमेंट में अव्वल रहा यूपी: उत्तर प्रदेश के कोरोना प्रबंधन को डब्ल्यूएचओ और नीति आयोग के अलावा ऑस्ट्रेलिया-कनाडा जैसे देशों के प्रतिनिधियों ने सराहा है. यूपी ने पूरे देश के सामने कोरोना प्रबंधन का एक मॉडल पेश किया. आज उत्तर प्रदेश कोविड टेस्टिंग और टीकाकरण के मामले में देश में प्रथम स्थान पर है. प्रदेश में अब तक 38.11 करोड़ निशुल्क कोविड टीकाकरण हो चुका है. अब तक सभी वयस्क नागरिकों को 100 प्रतिशत प्रथम डोज और 99.9 प्रतिशत द्वितिय डोज दी जा चुकी हैं. 3.61 करोड़ वयस्कों को प्रीकॉशन भी लगाई जा चुकी हैं. 15-17 वर्ष के किशोर-किशोरियों में प्रथम डोज शत प्रतिशत और द्वितीय डोज 93.9 प्रतिशत लगाई जा चुकी है. इसी तरह 12-14 वर्ष के बच्चों में प्रथम डोज शत प्रतिशत और द्वितिय डोज का कवरेज 91.2 प्रतिशत है.

शिशु-मातृ मृत्यु दर में सुधार: प्रदेश में बीते साढ़े पांच वर्ष में लगभग 84 प्रतिशत बच्चों ने कुशल स्वास्थ्यकर्मियों की देखरेख में जन्म लिया है. वहीं शिशु मृत्यु दर के मामले में 18 फीसदी से ज्यादा की कमी दर्ज की गयी है. पहले उत्तर प्रदेश में लगभग 67 प्रतिशत संस्थागत प्रसव होता था, जिसमें 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है. योगी सरकार से पहले प्रदेश में शिशु मृत्यु दर 78.1 प्रतिशत थी जो अब घटकर 59.8 प्रतिशत हो गई है. उत्तर प्रदेश में एनीमिया प्रभावित महिलाओं की संख्या में 5.1 प्रतिशत की कमी आयी है. प्रदेश में सामान्य से कम वजन के बच्चों के मामलों में 7.4 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, जो राष्ट्रीय स्तर पर 3.7 प्रतिशत से ज्यादा है. 12 से 23 माह के 69.67 प्रतिशत बच्चों का पूरा टीकाकरण हुआ है. प्रदेश का लिंगानुपात भी बेहतर हुआ है. यहां पहले प्रति 1 हजार पुरुषों पर 995 महिलाओं थीं, लेकिन अब प्रति 1 हजार पुरुषों पर 1017 महिलाएं हैं.

इंसेफेलाइटिस से मुक्त हुआ पूर्वांचल: प्रदेश में एईएस-जेई वायरस के खिलाफ संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के परिणामस्वरूप पूर्वांचल क्षेत्र दिमागी बुखार (इंसेफलाइटिस) के कहर से मुक्त हुआ है. अब इस बीमारी से होने वाली मौतों पर 95 प्रतिशत नियंत्रण पा लिया गया है. 1977 से 2017 तक 40 वर्षों में 50 हजार मासूमों की मौत इंसेफलाइटिस से हो गई थी. 2017 के बाद से धीरे-धीरे इस पर नियंत्रण पाया गया.

सभी जिला अस्पतालों में निशुल्क डायलिसिस सुविधा: उत्तर प्रदेश सरकार सभी जिला अस्पतालों में निशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करा रही है. करीब 54 जनपदों के 55 चिकित्सालयों में यह सुविधा उपलब्ध हो गई है.राज्य सरकार 24 घंटे और सातों दिन एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही है. कुल 2270 एंबुलेंस इस समय सेवाएं प्रदान कर रही हैं.

लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने सूबे के मुखिया होने के नाते प्रदेश के स्वास्थ्य को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखा है. हाल ही में सीएम योगी ने गोरखपुर के पहले हेल्थ एटीएम का शुभारंभ किया है. प्रदेश में 4600 हेल्थ एटीएम लगाने का संकल्प भी लिया गया है. आरोग्य मेले के तहत करोड़ों लोग इससे लाभान्वित हो चुके हैं तो, वहीं प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज संचालित करने का सपना पूरा होने की कगार पर है.

अगले तीन माह में प्रदेश के सभी 4600 प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्थ एटीएम की सुविधा उपलब्ध होगी. स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्थ एटीएम लगने के बाद गांव का कोई भी व्यक्ति केंद्र पर जाकर 5 मिनट में 59 से अधिक जांचें मुफ्त करा सकेगा. हेल्थ एटीएम में वजन, पल्स रेट, जैसी सामान्य जांच के साथ ही कार्डियक, ब्लड शुगर, यूरिन, डेंगू, मलेरिया, हेपेटाइटिस, आर्थराइटिस प्रोफाइल, प्रेगनेंसी टेस्ट, टाइफाइड जैसी महत्वपूर्ण जांचें भी होंगीं. इसकी जांच रिपोर्ट को टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से विशेषज्ञ डॉक्टर को ऑनलाइन भेजकर उचित चिकित्सकीय परामर्श लिया जा सकेगा.

आरोग्य मेले में 11.35 करोड़ का हुआ इलाज: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरवरी, 2020 में आरोग्य मेले की शुरुआत की थी. शुभारंभ के बाद से अब तक आयोजित 61 मेलों में 11 करोड़ 35 लाख 56 हजार से ज्यादा मरीज इलाज करा चुके हैं. इसका सबसे ज्यादा फायदा गरीब परिवारों को मिला है. यह आरोग्य मेले रविवार के दिन संचालित किए जा रहे हैं ताकि, आमजन छुट्टी के दिन पीएचसी पर जाकर अपना स्वास्थ्य चेक-अप करा सके. अब तक हुए 61 आरोग्य मेलों में से 1.74 लाख गंभीर रोगियों को उच्च स्वास्थ्य केंद्रों पर रेफर किया गया है.

इसे भी पढ़े-आरोग्य मेले से मरीजों को मिल रही बेहतर सुविधाएं, आसान हुआ ऑपरेशन

65 मेडिकल कॉलेज किए जा रहे संचालित: एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज की नीति के तहत हर जिले में आधुनिक विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाओं से युक्त सरकारी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना का कार्य गतिमान है. प्रदेश में अब तक कुल 65 मेडिकल कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं. वहीं, 22 मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं. गोरखपुर और रायबरेली में एम्स का संचालन हो रहा है.

6.51 करोड़ को मिला आयुष्मान कार्ड: 23 सितंबर को आयुष्मान योजना के 4 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं. इन चार वर्षो में प्रदेश में 6.51 करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड योजना से जोड़ा जा चुका है. इस योजना के तहत लाभार्थी को 5 लाख रुपये का बीमा कवर मिलता है.

कोविड मैनेजमेंट में अव्वल रहा यूपी: उत्तर प्रदेश के कोरोना प्रबंधन को डब्ल्यूएचओ और नीति आयोग के अलावा ऑस्ट्रेलिया-कनाडा जैसे देशों के प्रतिनिधियों ने सराहा है. यूपी ने पूरे देश के सामने कोरोना प्रबंधन का एक मॉडल पेश किया. आज उत्तर प्रदेश कोविड टेस्टिंग और टीकाकरण के मामले में देश में प्रथम स्थान पर है. प्रदेश में अब तक 38.11 करोड़ निशुल्क कोविड टीकाकरण हो चुका है. अब तक सभी वयस्क नागरिकों को 100 प्रतिशत प्रथम डोज और 99.9 प्रतिशत द्वितिय डोज दी जा चुकी हैं. 3.61 करोड़ वयस्कों को प्रीकॉशन भी लगाई जा चुकी हैं. 15-17 वर्ष के किशोर-किशोरियों में प्रथम डोज शत प्रतिशत और द्वितीय डोज 93.9 प्रतिशत लगाई जा चुकी है. इसी तरह 12-14 वर्ष के बच्चों में प्रथम डोज शत प्रतिशत और द्वितिय डोज का कवरेज 91.2 प्रतिशत है.

शिशु-मातृ मृत्यु दर में सुधार: प्रदेश में बीते साढ़े पांच वर्ष में लगभग 84 प्रतिशत बच्चों ने कुशल स्वास्थ्यकर्मियों की देखरेख में जन्म लिया है. वहीं शिशु मृत्यु दर के मामले में 18 फीसदी से ज्यादा की कमी दर्ज की गयी है. पहले उत्तर प्रदेश में लगभग 67 प्रतिशत संस्थागत प्रसव होता था, जिसमें 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है. योगी सरकार से पहले प्रदेश में शिशु मृत्यु दर 78.1 प्रतिशत थी जो अब घटकर 59.8 प्रतिशत हो गई है. उत्तर प्रदेश में एनीमिया प्रभावित महिलाओं की संख्या में 5.1 प्रतिशत की कमी आयी है. प्रदेश में सामान्य से कम वजन के बच्चों के मामलों में 7.4 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, जो राष्ट्रीय स्तर पर 3.7 प्रतिशत से ज्यादा है. 12 से 23 माह के 69.67 प्रतिशत बच्चों का पूरा टीकाकरण हुआ है. प्रदेश का लिंगानुपात भी बेहतर हुआ है. यहां पहले प्रति 1 हजार पुरुषों पर 995 महिलाओं थीं, लेकिन अब प्रति 1 हजार पुरुषों पर 1017 महिलाएं हैं.

इंसेफेलाइटिस से मुक्त हुआ पूर्वांचल: प्रदेश में एईएस-जेई वायरस के खिलाफ संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के परिणामस्वरूप पूर्वांचल क्षेत्र दिमागी बुखार (इंसेफलाइटिस) के कहर से मुक्त हुआ है. अब इस बीमारी से होने वाली मौतों पर 95 प्रतिशत नियंत्रण पा लिया गया है. 1977 से 2017 तक 40 वर्षों में 50 हजार मासूमों की मौत इंसेफलाइटिस से हो गई थी. 2017 के बाद से धीरे-धीरे इस पर नियंत्रण पाया गया.

सभी जिला अस्पतालों में निशुल्क डायलिसिस सुविधा: उत्तर प्रदेश सरकार सभी जिला अस्पतालों में निशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करा रही है. करीब 54 जनपदों के 55 चिकित्सालयों में यह सुविधा उपलब्ध हो गई है.राज्य सरकार 24 घंटे और सातों दिन एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही है. कुल 2270 एंबुलेंस इस समय सेवाएं प्रदान कर रही हैं.

यह भी पढ़े-अब प्रदेश के हर पीएचसी में मिलेगी सभी सुविधाएंः मुख्यमंत्री योगी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.