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सौर ऊर्जा फूंकेगी हैंडलूम और पॉवरलूम में नई जान, बैंक से जोड़े जाएंगे पचास हजार बुनकर - मेगा इन्टीग्रेटेड टेक्सटाइल

लखनऊ में अपर मुख्य सचिव हथकरघा और वस्त्र उद्योग नवनीत सहगल ने बताया कि अब हैंडलूम और पॉवरलूम को सोलर पॉवर से बूस्टअप किया जाएगा.

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बैंक से जोड़े जाएंगे पचास हजार बुनकर
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Published : Jul 29, 2022, 3:25 PM IST

लखनऊ: प्रदेश के हैंडलूम और पॉवरलूम को अब सौर ऊर्जा से जुड़ेंगे. ऊर्जीकृत करने के साथ इनको सोलर इनवर्टर भी दिया जाएगा. इससे ऊर्जा भी बचेगी और ईको फ्रेंडली उत्पाद भी तैयार होंगे. इसके साथ ही उत्पादन की गुणवत्ता भी सुधरेगी. उत्पादन बढ़ने से दाम भी बाजार के समान उत्पादों की तुलना में प्रतिस्पर्धी होंगे.

हैंडलूम और पॉवरलूम को सोलर पॉवर से बूस्टअप करने के लिए उद्योग विभाग शीघ्र ही 'मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा' योजना शुरू करेगा. इसके लिए सभी औपचारकिताएं पूरी कर ली गईं हैं. योजना के अमल में आने पर पारंपरिक ऊर्जा की खपत कम होगी. इससे प्रदूषण भी घटेगा. उत्पादन लागत घटने से बुनकरों का लाभ भी बढ़ेगा. वहीं, पचास हजार बुनकरों को बैंक से भी जोड़ने की योजना है. पॉवरलूम को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत करने के लिए बजट में भी 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

प्रदेश के 34 जिले हथकरघा बाहुल हैं. हथकरघों, हथकरघा बुनकरों और बुनकर सहकारी समितियों की संख्या लाखों में है. मऊ, अंबेडकरनगर, वाराणसी, मेरठ, कानपुर, झांसी, इटावा, संतकबीरनगर आदि जिले पॉवरलूम बहुल हैं. पॉवरलूम और इन पर काम करने वाले बुनकरों की संख्या 2.58 लाख हैं.

प्रदेश सरकार तीन महीने में वाराणसी के 50 हजार बुनकरों को बैंक से जोड़ेगी. बैंकों से जोड़कर ही उन्हें ओडीओपी योजना के तहत अनुदान भी उपलब्ध कराया जाएगा. एमएसएमई विभाग और बैंकर्स की बैठक हुई. उसमे तय हुआ कि जरूरत के अनुसार औपचारिकताओं में छूट दी जाएगी. सिडबी भी इस अभियान में मदद करेगी. पहले से ही करीब 25 हजार बुनकर हैंडलूम विभाग के पोर्टल (Handloom Department Portal) पर पंजीकृत हैं. इनका फॉर्म 15 अगस्त तक अपलोड कर दिया जाएगा.

यह भी पढ़े: अनी बुलियन के संतोष गुप्ता की जमानत अर्जी खारिज, सैकडों करोड़ हड़पने का आरोप

उत्तर प्रदेश हैंडलूम, पॉवरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल के पक्ष में 'लेटर ऑफ कंफर्ट' जारी किए जा चुके हैं. इन इकाइयों द्वारा 196.51 करोड़ रुपये का निवेश किया गया. इस निवेश से कुल 3243 व्यक्तियों को रोजगार मिला. इसी क्रम में राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम के तहत 19 हथकरघा क्लस्टरों के प्रस्ताव भारत सरकार को स्वीकृति के लिए भेजे गए हैं. इन क्लस्टरों के विकास के लिए 25.55 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रस्तावित की गई है. इसके प्राप्त होने पर 2591 हथकरघा बुनकर लाभान्वित होंगे.

सरकार नवाचारों को शामिल करते हुए शीघ्र ही नई टेक्सटाइल पॉलिसी लाएगी. इसका ड्राफ्ट तैयार करके शासन के परामर्शी विभागों को अभिमत के लिए भेजा गया है. नई पॉलिसी के क्रियान्वयन से प्रदेश में वस्त्रोद्योग के क्षेत्र के निवेश में और अधिक बढ़ोतरी होगी. साथ ही अधिकारिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे. इसके अलावा केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय की पीएम मित्र योजना के तहत हरदोई में मेगा इन्टीग्रेटेड टेक्सटाइल और अपैरल पार्क की स्थापना हेतु भूमि के अधिग्रहण कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

पार्क में वस्त्र इकाइयों की स्थापना होने पर लगभग पांच लाख व्यक्तियों को रोजगार मिलने की संभावना है. नोएडा में अपैरल पार्क की स्थापना के लिए भूमि की व्यवस्था हो चुकी है. इस अपैरल पार्क में 3,000 करोड़ रुपये के निवेश से लगभग 115 निर्यातोन्मुखी वस्त्र इकाइयां स्थापित की जाएंगी, जिससे लगभग दो लाख व्यक्तियों को रोजगार मिलने की संभावना है.

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लखनऊ: प्रदेश के हैंडलूम और पॉवरलूम को अब सौर ऊर्जा से जुड़ेंगे. ऊर्जीकृत करने के साथ इनको सोलर इनवर्टर भी दिया जाएगा. इससे ऊर्जा भी बचेगी और ईको फ्रेंडली उत्पाद भी तैयार होंगे. इसके साथ ही उत्पादन की गुणवत्ता भी सुधरेगी. उत्पादन बढ़ने से दाम भी बाजार के समान उत्पादों की तुलना में प्रतिस्पर्धी होंगे.

हैंडलूम और पॉवरलूम को सोलर पॉवर से बूस्टअप करने के लिए उद्योग विभाग शीघ्र ही 'मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा' योजना शुरू करेगा. इसके लिए सभी औपचारकिताएं पूरी कर ली गईं हैं. योजना के अमल में आने पर पारंपरिक ऊर्जा की खपत कम होगी. इससे प्रदूषण भी घटेगा. उत्पादन लागत घटने से बुनकरों का लाभ भी बढ़ेगा. वहीं, पचास हजार बुनकरों को बैंक से भी जोड़ने की योजना है. पॉवरलूम को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत करने के लिए बजट में भी 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

प्रदेश के 34 जिले हथकरघा बाहुल हैं. हथकरघों, हथकरघा बुनकरों और बुनकर सहकारी समितियों की संख्या लाखों में है. मऊ, अंबेडकरनगर, वाराणसी, मेरठ, कानपुर, झांसी, इटावा, संतकबीरनगर आदि जिले पॉवरलूम बहुल हैं. पॉवरलूम और इन पर काम करने वाले बुनकरों की संख्या 2.58 लाख हैं.

प्रदेश सरकार तीन महीने में वाराणसी के 50 हजार बुनकरों को बैंक से जोड़ेगी. बैंकों से जोड़कर ही उन्हें ओडीओपी योजना के तहत अनुदान भी उपलब्ध कराया जाएगा. एमएसएमई विभाग और बैंकर्स की बैठक हुई. उसमे तय हुआ कि जरूरत के अनुसार औपचारिकताओं में छूट दी जाएगी. सिडबी भी इस अभियान में मदद करेगी. पहले से ही करीब 25 हजार बुनकर हैंडलूम विभाग के पोर्टल (Handloom Department Portal) पर पंजीकृत हैं. इनका फॉर्म 15 अगस्त तक अपलोड कर दिया जाएगा.

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उत्तर प्रदेश हैंडलूम, पॉवरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल के पक्ष में 'लेटर ऑफ कंफर्ट' जारी किए जा चुके हैं. इन इकाइयों द्वारा 196.51 करोड़ रुपये का निवेश किया गया. इस निवेश से कुल 3243 व्यक्तियों को रोजगार मिला. इसी क्रम में राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम के तहत 19 हथकरघा क्लस्टरों के प्रस्ताव भारत सरकार को स्वीकृति के लिए भेजे गए हैं. इन क्लस्टरों के विकास के लिए 25.55 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रस्तावित की गई है. इसके प्राप्त होने पर 2591 हथकरघा बुनकर लाभान्वित होंगे.

सरकार नवाचारों को शामिल करते हुए शीघ्र ही नई टेक्सटाइल पॉलिसी लाएगी. इसका ड्राफ्ट तैयार करके शासन के परामर्शी विभागों को अभिमत के लिए भेजा गया है. नई पॉलिसी के क्रियान्वयन से प्रदेश में वस्त्रोद्योग के क्षेत्र के निवेश में और अधिक बढ़ोतरी होगी. साथ ही अधिकारिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे. इसके अलावा केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय की पीएम मित्र योजना के तहत हरदोई में मेगा इन्टीग्रेटेड टेक्सटाइल और अपैरल पार्क की स्थापना हेतु भूमि के अधिग्रहण कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

पार्क में वस्त्र इकाइयों की स्थापना होने पर लगभग पांच लाख व्यक्तियों को रोजगार मिलने की संभावना है. नोएडा में अपैरल पार्क की स्थापना के लिए भूमि की व्यवस्था हो चुकी है. इस अपैरल पार्क में 3,000 करोड़ रुपये के निवेश से लगभग 115 निर्यातोन्मुखी वस्त्र इकाइयां स्थापित की जाएंगी, जिससे लगभग दो लाख व्यक्तियों को रोजगार मिलने की संभावना है.

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