लखनऊ : कर्जदारों से बचने के लिए गहनों को बनाने वाले कारीगर ने 65 लाख के सोने की चोरी (65 lakh gold theft) की ऐसी थ्योरी रची कि पुलिस के भी होश फाख्ता हो गए. परत दर परत जांच में सच सामने आया तो 'ज्वैलथीफ' की गुत्थी जीआरपी ने न केवल सुलझाई, बल्कि मास्टरमाइंड कारीगर को उसकी प्रेमिका व भांजे के साथ गिरफ्तार भी कर लिया.
मूलरूप से बरेली निवासी विवेक रस्तोगी ज्वेलरी कारीगर है. 29 सितंबर को विवेक अमृतसर-तिनसुतिया एक्सप्रेस ट्रेन से बनारस से बरेली जा रहा था. उसके मुताबिक, लखनऊ रेलवे स्टेशन में ट्रेन से उसका बैग चोरी हो गया. जिसमें एक किलो चार सौ ग्राम सोना था. जिसे वह बनारस बेचने ले गया था. उसने पहले रेलवे हेल्प हेल्पलाइन 139 पर अपने बैग मे रखे 1400 ग्राम सोना जिसकी कीमत 65 लाख रुपये के चोरी होने की सूचना दी. उसने लखनऊ जीआरपी में चोरी की रिपोर्ट दर्ज न कराके शाहजहांपुर जीआरपी थाना में इसकी एफआईआर दर्ज कराई. जहां निल में केस दर्ज कर एफआईआर लखनऊ जीआरपी को ट्रांसफर कर दिया गया.
एसपी जीआरपी पूजा यादव ने बताया कि 65 लाख की चोरी (65 lakh gold theft) की जांच शुरू की गई. विवेक रस्तोगी से बयान लिए गए तो उसने कई बार अलग-अलग बयान दिए. जिस पर शक गहराया. इसके बाद 29 सितंबर को उस प्लेटफॉर्म जहां अमृतसर तिनसुतिया एक्सप्रेस आई थी पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली गई. फुटेज में एक बैग को महिला व युवक ले जाते हुए देखे गए. जांच में पाया गया कि ये दोनों विवेक के संपर्क में थे. महिला लक्ष्मी यादव उसकी प्रेमिका है, जबकि युवक सुभाष नगर बरेली निवासी आशीष उसका भांजा है.
एसपी जीआरपी ने बताया कि विवेक, भांजे आशीष व प्रेमिका लक्ष्मी यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके पास से 140 ग्राम सोना भी बरामद कर लिया गया है. पूछताछ में उसने बताया कि बैग में 140 ग्राम ही सोना था, लेकिन कर्जदारों से बचने के लिए उसने 1400 ग्राम सोना चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, ताकि लोग उससे पैसों की डिमांड न करें. चोरी का हवाला देकर वह देनदारों से बच सकें.
एसपी ने बताया कि इस चोरी की पूरी प्लानिंग की गई थी. विवेक ने अपने दोनों मोबाइल ऑफ कर लिए थे और उसकी प्रेमिका ने अपने नाम से तीन सिम लिए थे. इन तीन सिम में एक लक्ष्मी, एक आशीष और एक विवेक चला रहा था. 29 सितंबर को लक्ष्मी आशीष के साथ बोलेरो गाड़ी से बरेली से लखनऊ आई थी. प्लानिंग के अनुसार वह ट्रेन आने के टाइम पर लखनऊ स्टेशन पहुंची. ट्रेन चलने से पहले विवेक तय योजना के अनुसार बाथरूम चला गया. इसी बीच ट्रेन में विंडो के पास रखे बैग को लक्ष्मी ने उठाया और लेकर बरेली चली गई. पूजा यादव ने बताया सोना चोरी की प्लानिंग विवेक ने पहले से की थी. प्लानिंग के तहत अपने दोनों मोबाइल फोन को ट्रेन में स्विच ऑफ कर दिया था. विवेक की प्रेमिका ने पहले से तीन सिम अपने नाम पर लिए थे. जिसमें एक उसकी प्रेमिका लक्ष्मी चला रही थी, जबकि दूसरा भांजा आशीष व तीसरा विवेक चला रहा था.
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तीनों एक दूसरे के संपर्क में थे. 29 सितंबर को प्रेमिका लक्ष्मी भांजे आशीष के साथ बोलेरो गाड़ी से बरेली से लखनऊ पहुंची और ट्रेन के आने के टाइम पर वह स्टेशन पहुंची. ट्रेन चलने से पहले विवेक प्लानिंग के तहत बाथरूम में चला गया और पहले से तय अनुसार ट्रेन के चलते ही विंडो के पास से प्रेमिका लक्ष्मी ने बैग उठा लिया और वापस बरेली पहुंच गई. उधर, सोना समेत बैग चोरी होने की रिपोर्ट जानकर उसने बरेली में दर्ज कराया ताकि जांच में वह फंस न सके.
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